योगी के आला अधिकारियों से बातचीत में भी परिवार वालों ने डीएम की शिकायत की थी (बाएं). दूसरी फोटो में हैं हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार.
हाथरस मामले में पुलिस और प्रशासन सवालों के घेरे में है. इस पूरे मामले को लेकर योगी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. योगी ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है. वहीं मामले की जांच एसआईटी भी कर रही है. इस बीच एसआईटी की शुरुआती जांच के बाद पुलिसवालों पर कार्रवाई हुई. एसपी विक्रांत वीर, सीओ राम शब्द के अलावा इंस्पेक्टर दिनेश कुमार शर्मा, सब इंस्पेक्टर जगवीर सिंह और हेड कांस्टेबल महेश पाल को निलंबित कर दिया गया है. इस कार्रवाई को लेकर आईपीएस असोसिएशन नाराज बताया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि असोसिएशन का कहना है कि एकतरफा कार्रवाई सिर्फ पुलिस वालों पर की गई है, जबकि जिम्मेदारी पूरे प्रशासन पर तय होनी चाहिए. असोसिएशन का कहना है कि जब एसपी पर कार्रवाई हो सकती है तो डीएम पर क्यों नहीं? अगर कोई लापरवाही हुई है तो अकेले पुलिस महकमा कैसे जिम्मेदार है? जबकि आदेश प्रशासनिक होते हैं और पुलिस महकमा उसे लागू करवाता है. डीजीपी और होम सेक्रेटरी जब मौके पर गए थे तो डीजीपी हितेश अवस्थी ने यह बात कही थी कि डीएम के आदेश थे.
डीएम पर परिवार का गंभीर आरोप
हाथरस मामले को लेकर डीएम प्रवीण कुमार पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. पीड़िता के भाई ने आजतक से बातचीत में कहा था कि हमें हमारे सवालों के जवाब चाहिए कि बॉडी क्यों जलाई? हमारे साथ क्यों डीएम ने बदसलूकी की? भाई ने कहा कि डीएम को हटाया जाए और ऐसा पद ना दें जिससे वो आगे उसका दुरुपयोग करें, डराए धमकाएं. पीड़ित परिवार ने डीएम के भी नार्को टेस्ट की मांग की है. पीड़िता की भाभी ने कहा था,
डीएम साहब आए थे. बार-बार यही कह रहे थे कि कोरोना से लड़की मर जाती तो मुआवजा ले लेते? बॉडी का पोस्टमॉर्टम हुआ है तो लाश आप देख पाते? पोस्टमॉर्टम का मतलब समझते हो हथौड़े से मारकर हड्डियां तोड़ दी जाती है. ऐसी लाश को तुम लोग देख पाते? 10 दिन तक खाना नहीं खा पाते.
उससे पहले डीएम का एक वीडियो सामने आया था वीडियो में हाथरस के डीएम कह रहे थे,
आप अपनी विश्वसनीयता खत्म मत करिए. मीडिया वालों के बारे में मैं आपको बता दूं. आज अभी आधे चले गए, कल सुबह तक आधे और निकल लेंगे. दो-चार बचेंगे, वो भी निकल लेंगे. हम ही आपके साथ खड़े हैं. अब आपकी इच्छा है. आपको बार-बार बयान बदलना है, नहीं बदलना है. हम भी बदल जाएं.
इतना कुछ होने के बाद भी डीएम पर कार्रवाई नहीं होने पर सवाल उठ रहे हैं. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी प्रमुख मायावती ने ट्वीट किया,
हाथरस गैंगरेप कांड के पीड़ित परिवार ने जिले के डीएम पर धमकाने आदि के कई गंभीर आरोप लगाए हैं, फिर भी यूपी सरकार की रहस्मय चुप्पी दुःखद व अति-चिन्ताजनक. हालांकि सरकार CBI जांच हेतु राजी हुई है, किन्तु उस डीएम के वहां रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है? लोग आशंकित हैं.
पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया.