इज़रायली सेना की तरफ से कहा गया है कि उसने हमास के मिलिट्री कमांडर मोहम्मद दैफ़ (Mohammed Deif) को मार दिया है. ये हमला उन्होंने 13 जुलाई को किया था और हाल ही के कुछ घंटों में सेना को ये खुफ़िया जानकारी मिली है कि उस हवाई हमले में उसकी मौत हो गई थी.
'Hamas के मिलिट्री चीफ को मार गिराया'- इजरायल का दावा, कौन था Mohammed Deif?
Israel Hamas War: 13 जुलाई को इज़रायल ने जो बमबारी की थी, उनका मक़सद दैफ़ को मारना था, जो लंबे समय से इज़रायल की मोस्ट-वॉन्टेड लिस्ट में था. मगर तब ख़बर आई थी कि वो ठीक है.

बीती 13 जुलाई को इज़रायल ने ग़ाज़ा में एक मानवीय सुरक्षित क्षेत्र - अल-मवासी शिविर - पर सैन्य हमला किया था. कम से कम 90 फ़िलिस्तीनी मारे गए थे और 300 से ज़्यादा घायल हुए थे. इज़रायल का कहना था कि बमबारी का मक़सद दैफ़ को मारना था, जो लंबे समय से इज़रायल की मोस्ट-वॉन्टेड लिस्ट में था. हमले के बाद हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया गया कि मोहम्मद दैफ़ को मारने की कोशिश विफल रही और वो ठीक है.
अल जज़ीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, मोहम्मद दैफ़ 90 के दशक में हमास की सैन्य शाखा 'क़स्साम ब्रिगेड' के संस्थापकों में से एक था. 20 से ज़्यादा बरसों तक इस फ़ोर्स का नेतृत्व किया. ये जितने आत्मघाती बम हमले किए जाते हैं, उसे बनाने वालों में से एक प्रमुख व्यक्ति. इज़रायल उसे - और हमास के एक और लीडर याह्या सिनवार - को 7 अक्टूबर वाले हमले का मास्टरमाइंड मानता है, जिसमें दक्षिणी इज़रायल में कम से कम 1,139 लोग मारे गए और ग़ाज़ा युद्ध शुरू हुआ.
बुधवार, 31 जुलाई को लेबनान के सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह ने पुष्टि की कि उनके वरिष्ठ सैन्य कमांडर फुआद शुकर की मौत हो गई है. इजरायली सेना ने कहा कि उसने 30 जुलाई को बेरूत में एक सटीक हमला किया जिसमें शुकर की मौत हो गई. उन्होंने दावा किया कि वह उस मिसाइल हमले के लिए जिम्मेदार था जिसमें कब्जे वाले गोलान हाइट्स में मजदल शम्स में फुटबॉल खेल रहे 12 बच्चों की मौत हो गई थी.
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इससे पहले, 31 जुलाई 2024 को हमास के पॉलिटिकल विंग के मुखिया इस्माइल हानिया को मार दिया गया था.
दरअसल, 28 जुलाई को वो ईरान गया था. राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान के शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लेने. इसमें भारत की तरफ़ से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी हिस्सा लिया था. हानिया, ईरान में हानिया सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली ख़ामेनई से भी मिला. 30-31 जुलाई की दरम्यानी रात जहां वो ठहरा था, उस घर पर हवाई हमला किया गया. इस हमले में उसकी मौत हो गई. तड़के सुबह ईरान के इस्लामिक रेवॉल्युशनरी गार्ड्स कोर (IRGC) ने भी इसकी पुष्टि कर दी और कहा कि मामले की जांच जा रही है.
हमास ने नाम लिए बिना इज़रायल पर निशाना साधा. कहा, क़रारा जवाब मिलेगा. हूती विद्रोहियों और हिज़बुल्लाह ने भी बदला लेने की चेतावनी दी.
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ये हमला ईरान के लिए भी बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. उसकी सीमा के अंदर किसी मेहमान की हत्या हुई है. ये उसकी संप्रभुता का उल्लंघन भी है. पिछली दफ़ा सीरिया में उसके कॉन्सुलेट पर अटैक हुआ था. IRGC के दो टॉप कमांडर्स मारे गए थे. ईरान ने उसका जवाब इज़रायल पर मिसाइल और ड्रोन अटैक से दिया था. इतिहास में पहली बार. इस बार भी वैसी ही आशंका जताई गई, कि ईरान कुछ बड़ा कर सकता है.
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