मामला क्या था?

जमानत मिलने के बाद भी राम रही जेल में ही रहेगा.
फतेहाबाद के रहने वाले हंसराज चौहान डेरा में साधु रह चुके थे. 17 जुलाई, 2010 को हंसराज चौहान ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में हंसराज चौहान ने आरोप लगाया था कि राम रहीम के कहने पर डेरा में रहने वाले 400 साधुओं को नपुंसक बनाया गया है. चौहान के मुताबिक ये सब राम रहीम के कहने पर डेरा के डॉक्टरों ने किया था. उस वक्त साधुओं को नपुंसक बनाने के बाद भगवान के दर्शन होने की बात कही गई थी. चौहान ने कोर्ट में इसके शिकार बने 166 साधुओं के नाम भी पेश किए थे. चौहान ने अपनी याचिका में बताया था कि रामचंद्र छत्रपति मर्डर केस में आरोपी निर्मल और कुलदीप भी डेरा सच्चा सौदा के नपुंसक साधु थे.

हंसराज चौहान ने आरोप लगाया था कि डेरा में 400 साधुओं को नपुंसक बनाया गया है.
कोर्ट के आदेश पर छत्रपति मर्डर केस में जेल में बंद डेरा के साधुओं से पूछताछ हुई जिसमें उन्होंने भी मान लिया था कि वो नपुंसक हैं, लेकिन उन्होंने कहा था कि वो अपनी मर्जी से नपुंसक बने हैं. चौहान ने ये भी बताया था कि डेरा के एक साधु विनोद नरूला ने राम रहीम की पेशी के दौरान सिरसा कोर्ट में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. वह साधु भी नपुंसक ही था. इसके बाद 23 दिसंबर 2014 को इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया था. सीबीआई की विशेष अदालत ने 3 अगस्त 2018 को इस मामले में आरोप तय कर दिए थे. अब इस मामले पर बहस होनी थी. लेकिन इससे पहले कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम को जमानत दे दी.
क्या होगा इस फैसले का असर?

अभी तक के फैसले के मुताबिक गुरमीत राम रहीम अगले 20 साल तक जेल में ही रहेगा.
भले ही राम रहीम को जमानत मिल गई है, लेकिन फिर भी उसे जेल में ही रहना होगा. इसकी वजह ये है कि राम रहीम को रेप केस में 20 साल की सजा मिली है. लेकिन जमानत साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में मिली है. राम रहीम ने साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में रोहतक के जज सुनील राठी के सामने जमानत याचिका लगाई थी, लेकिन जज सुनील राठी ने राम रहीम की जमानत याचिका खारिज कर दी. इसके बाद राम रहीम ने जमानत के लिए जज जगदीप सिंह की अदालत में याचिका लगाई, जहां से उसे जमानत मिल गई. हालांकि अगस्त महीने में राम रहीम की ओर से रेप केस में भी जज जगदीप सिंह की अदालत में याचिका लगाई थी. उस वक्त जज जगदीप सिंह ने रेप केस में जमानत वाली याचिका खारिज कर दी थी.