अल्पिता चौधरी को नाचते हुए वीडियो बनाने के लिए सस्पेंड नहीं किया गया है. बल्कि, थाने में ड्यूटी के वक्त वर्दी ना पहनने के लिए सस्पेंड किया गया है. वो आठ घंटे की शिफ्ट कर रही हैं. तो उन्हें फोन के फालतू इस्तेमाल की इजाज़त नहीं है. मान लीजिए, अगर उनकी ड्यूटी बंदोबस्त की लगे तो? उनका ध्यान नहीं बंटना चाहिए. इस वजह से सस्पेंड किया गया है. टिक-टॉक कारण नहीं है.जब मंजीता से उनके वीडियो के बारे में पूछा तो उन्होंने इसे अपना हक बताया. मंजीता ने कहा
उन्हें टिक-टॉक वीडियो बनाने का पूरा हक है. युवा अफसर होने के नाते उन्हें सोशल मीडिया पर होने का पूरा हक है.इस पूरे मामले पर इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर ने ए.के.सिंह ने कहा-
हम दोनों मामलों पर नज़र बनाए हुए हैं. हम जांच करेंगे कि ये अनुशासन और कंडक्ट के नियमों के तहत है या नहीं.इस पूरे मामले अल्पिता ने कुछ हटके बात कही है. अल्पिता ने लोकल टीवी चैनल से कहा है कि
मैं अपनी गलती को मानती हूं. मुझसे गलती हुए है और गलती की सजा भी मिल गई. इस विवाद से पहले मेरे 10,000 फॉलोअर्स थे अब मेरे फॉलोअर्स बढ़कर 17000 हो गए हैं. कुछ मेरे समर्थन में हैं तो कुछ मेरा मज़ाक उड़ा रहे हैं.अल्पिता क़रीब 6 महीने से टिक-टॉक इस्तेमाल कर रही हैं.
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