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पुलिसवाले ने पहले फर्जी कागज बनाकर 335 बैंक अकाउंट्स फ्रीज कराए, फिर ED अधिकारी बनकर पैसा मांगा

पहले 85 लाख रुपये की मांग की गई. फिर घटाकर 25 लाख किया. फिर पांच लाख में रफा-दफा करने की बात कहने लगे. आरोपी पुलिसकर्मी सस्पेंड.

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घटना की जानकारी देते IG रेंज जूनागढ़ निलेश जजडिया (तस्वीर-आज तक)

गुजरात के जूनागढ़ में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप यानी SOG के सब इंस्पेक्टर (SI) पर बड़े घोटाले का आरोप लगा है. आरोप है कि तीन अधिकारियों ने मिलकर अलग-अलग 335 बैंक अकाउंट को पहले फ्रीज कराया. बाद में उन्हें खुलवाने के नाम पर बड़ी रकम की मांग की गई. ये सभी अकाउंट अलग-अलग व्यापारियों के हैं. इन बैंक अकाउंट के बारे में जानकारी देने वाला इंस्पेक्टर तरल भट्ट अहमदाबाद में पहले भी ऐसे मामले में सस्पेंड हो चुके हैं.

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तीन अधिकारियों ने रची साजिश

इंडिया टुडे से जुड़ी भार्गवी जोशी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना की जानकारी देते हुए IG रेंज निलेश जाजड़िया ने बताया कि जूनागढ़ में SOG के पुलिस सब इंस्पेक्टर अरविंद गोहिल और राइटर दीपक जानी ने मिलकर कई बैंक अकाउंट के फ्रॉड दस्तावेज बनाए, इन अकाउंट्स को फ्रीज करा दिया और फिर खुद को ED का अधिकारी बताकर रुपए मांगे.

कथित स्कैम के शिकार हुए शिकायतकर्ता कार्तिक जगदीश भंडारी ने बताया कि ED का अधिकारी बताकर पहले उनको जूनागढ़ बुलाया गया. वहां 85 लाख रुपये की मांग की गई. फिर यह रकम घटाकर 25 लाख की गई. बाद में पांच लाख में रफा-दफा करने की बात फाइनल हुई. कार्तिक ने आगे बताया कि बाद में मामले की शिकायत जूनागढ़ IG ऑफिस में की. जिस पर IG रेंज निलेश जजडिया भी चौंक उठे.

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IG ऑफिस के अधिकारी शक्ति सिंह गोहिल ने शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद दोनों पुलिसकर्मी से पूछताछ की गई. पूछताछ में अरविंद गोहिल ने बताया कि मानावदर में तैनात इंस्पेक्टर तरल भट्ट ने बैंक अकाउंट्स की डिटेल्स दी थी. मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए IG ने तत्काल तरल भट्ट को सस्पेंड कर दिया. तरल भट्ट को पहले भी गुजरात के माधुपुरा में मई 2023 में 2000 करोड़ के सट्टा में शामिल होने के आरोप में सस्पेंड किया गया था. जिसके बाद उन्हें जूनागढ़ के मानावदर भेजा गया था.

मामले की पूरी जांच ATS को सौंपी

मामले पर IG ने बताया कि इन सीज किए गए 335 अकाउंट की भी जांच की जाएगी. कहीं ये फ्रॉड अकाउंट तो नहीं. इस पर भी जांच की जाएगी कि ये तीनों कब से और कितने लोगों से अभी तक रुपए ऐंठ चुके हैं. इतने अकाउंट की डिटेल्स किसने तरल भट्ट को दी, उसका पूरे मामले में क्या रोल है. ये भी जांच किया जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि ये मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर का भी हो सकता है. DIG ने मामले की पूरी जांच गुजरात ATS को सौंप दी है.

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