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गजब! यहां सरकारी स्कूल में हैं टीचर, पर रह रहे विदेश में, जांच हुई तो 32 टीचर ऐसे निकले

कुछ टीचर्स के लंबे समय से स्कूल न आने को लेकर शिकायत मिली. जांच हुई तो बहुत सारे नाम ऐसे निकले, पता चला कि राज्य के 17 जिलों के 31 शिक्षक गलत तरह से लंबी छुट्टी पर हैं, तो 32 ऐसे हैं जो लंबे समय से विदेश में रह रहे हैं.

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टीचर अमेरिका में, सैलरी यहां ले रहीं | प्रतीकात्मक फोटो: इंडिया टुडे

गुजरात के सरकारी स्कूलों में 90 दिनों से स्कूल नहीं आ रहे टीचर्स का डेटा इकट्ठा किया गया. इस डेटा ने कई टीचर्स की पोल खोल दी. पता चला है कि राज्य के 17 जिलों के 31 शिक्षक गलत तरह से लंबी छुट्टी पर हैं, तो 32 ऐसे हैं जो लंबे समय से विदेश में बैठे हैं.

आजतक से जुड़े अतुल तिवारी की एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 17 जिलों के 31 शिक्षक गैरकानूनी तरीके से लंबी छुट्टी पर हैं, और 32 शिक्षक विदेश में हैं. इनमें अहमदाबाद, बनासकांठा, महेसाणा, आनंद, वडोदरा, सूरत और कच्छ के शिक्षक शामिल हैं. अहमदाबाद की स्थिति की बात करें तो यहां के 13 शिक्षक लंबे समय से छुट्टी पर हैं. जिनमें से 7 शिक्षक विदेश में और 1 शिक्षक मेडिकल लीव पर है.

ये मामले सामने आने के बाद गुजरात के शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुल पानसेरिया ने अधिकारियों के साथ एक बैठक की. उन्होंने शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्यवाही का आदेश दिया है. शिक्षा मंत्री प्रफुल पानसेरिया ने कहा,

सभी जिलों से डेटा इकट्ठा किया गया है. जो स्कूल नहीं आ रहे हैं, उन्हें किसी प्रकार की सैलरी विभाग की तरफ से नहीं दी जा रही है. अगर कोई तकलीफ है, बीमारी है, तो ऐसे केस में नियमों के तहत छुट्टी ली जाती है, लेकिन जो शिक्षक गलत कारणों से स्कूल नहीं आ रहे हैं, और वो नियमों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी.'

उन्होंने ये भी कहा कि भविष्य में नियमों का गलत इस्तेमाल न हो, इस दिशा में भी क्या बदलाव किए जा सकते है, उसे लेकर भी कोशिशें जारी हैं.

टीचर अमेरिका में, सैलरी यहां ले रहीं

इससे पहले बीते हफ्ते गुजरात के बनासकांठा में विदेश में रहने वाली एक ऐसी टीचर का मामला सामने आया था, जो पिछले 8 सालों से अमेरिका में रह रही हैं. इनका नाम है भावनाबेन पटेल. इनके पास अमेरिका का ग्रीन कार्ड भी है. और वो शिकागो में रह रही हैं. नौकरी जारी रखने के लिए वे एक-दो महीने के लिए भारत आती हैं और इसके बाद फिर छुट्टी लेकर वापस चली जाती हैं. वहीं, पिछले 8 महीनों से वे एक दिन के लिए भी स्कूल नहीं आई हैं. इसके बावजूद सैलरी ले रही हैं. बताया जाता है कि स्कूल के बच्चों ने भावनाबेन पटेल को दो साल पहले देखा था.

इस मामले पर गुजरात के शिक्षा मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि ये मामला उनके संज्ञान में आया है और उन्होंने जांच के आदेश दे दिए हैं. जिला अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है. अगर टीचर दोषी पायी जाती हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उन्हें दिया गया वेतन वापस लिया जाएगा. ये भी बताया जाता है कि भावनाबेन पटेल को जनवरी 2024 से वेतन नहीं दिया गया है.

विद्या समीक्षा केंद्र पर सवाल उठने लगे

गुजरात में शिक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग गांधीनगर स्थित ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ से की जाती है. लेकिन, इन घटनाओं ने विद्या समीक्षा केंद्र के अधिकारियों की मॉनिटरिंग पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.

गुजरात कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मनीष दोशी ने विद्या समीक्षा केंद्र के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा,

‘छात्रों और शिक्षकों की दैनिक रियल टाइम ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली के दावे के बाद भी यह लापरवाही शिक्षा विभाग के ध्यान में क्यों नहीं आई? विद्या समीक्षा केंद्र के डैशबोर्ड के माध्यम से मुख्यमंत्री के डैशबोर्ड को भी निरंतर डेटा प्रदान किया जाता है. फिर लगातार अनुपस्थित शिक्षकों से शिक्षा विभाग अनजान क्यों रहा? विदेश जाने के लिए 90 दिन की छुट्टी दी जाती है. यदि कोई एक वर्ष से अधिक छुट्टी पर है तो उसे बर्खास्त करने का प्रावधान है, फिर भी लगातार अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गयी?’

मनीष दोशी ने आगे सरकार से पूछा है कि शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, लेकिन उन्हें अब तक बर्खास्त क्यों नहीं किया गया? और इस मामले में लापरवाह शिक्षकों पर कब ठोस कार्रवाई होगी?

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