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अजूबे के पास एक और अजूबा! मुस्लिम देश ने बनाया सबसे बड़ा आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम

इस म्यूजियम में करीब 57,000 से ज्यायदा कलाकृतियां रखी गई हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख हैं King Tutankhamun का पूरा खजाना है. 1922 में 'बॉय किंग' तुतनखामन के मकबरे की खोज के बाद पहली बार उनके पूरा खजाने को एक साथ देखने को मौका मिलेगा.

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मिस्र का ग्रैंड इजीप्शियन म्यूजियम. (GEM)

सिंगल सिविलाइजेशन पर आधारित दुनिया का सबसे बड़ा म्यूजिम ‘ग्रैंड इजीप्शियन म्यूजियम’ (GEM) खुल गया है. अरब मुस्लिम देश मिस्र ने इस ग्रैंड म्यूजिम को बनाया है. इसे म्यूजियम की दुनिया का अजूबा कहा जा सकता है और ये प्राचीन दुनिया के सात अजूबों में से एक ग्रेट पिरामिड के पास बना है.

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शनिवार, 1 नवंबर को मिस्र की राजधानी काहिरा के पास गिजा पठार पर बने ग्रैंड इजीप्शियन म्यूजियम का उद्घाटन हो गया. इस उद्घाटन समारोह में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के अलावा दुनिया भर से 79 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इनमें से 39 देशों के राजा, शहजादे और प्रमुख नेता भी आए थे, जो इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने.

इजिप्ट टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंगल सिविलाइजेशन पर बेस्ड ग्रैंड इजीप्शियन म्यूजियम दुनिया का सबसे बड़ा पुरातात्विक संग्रहालय (Archaeological Complex) है. यह पूरी तरह से एक ही सभ्यता यानी प्राचीन मिस्र की संस्कृति पर आधारित है. इसमें प्राचीन मिस्र के इतिहास को दिखाया गया है. माने 700,000 ईसा पूर्व से लेकर 394 ईसा तक का मिस्र का इतिहास अब एक ही छत के नीचे दिखेगा.

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इस म्यूजियम में करीब 57,000 से ज्यायदा कलाकृतियां रखी गई हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख हैं राजा तुतनखामन का पूरा खजाना है. 1922 में 'बॉय किंग' तुतनखामन के मकबरे की खोज के बाद पहली बार उनके पूरा खजाने को एक साथ देखने को मौका मिलेगा.

GEM को पिरामिड से जोड़ा

इस म्यूजिम से गिजा के पिरामिड तक के लिए एक 1.27 किलोमीटर लंबा टूरिस्ट रूट बनाया गया है, जो दोनों जगहों को आपस में जोड़ता है. इस कनेक्शन से टूरिस्ट्स को प्राचीन मिस्र की संस्कृति को और भी नजदीक से देखने का मौका मिलेगा.

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म्यूजियम का डिजाइन

नेशनल ज्योग्राफिक के मुताबिक, ग्रेट पिरामिड प्राचीन दुनिया के सात अजूबों में से एक है. ग्रेट पिरामिड के पास ही इस म्यूजियम का निर्माण किया गया है. यह म्यूजियम 4.90 लाख वर्ग मीटर में फैला हुआ है. इसका मेन एंट्रेंस 7 हजार वर्ग मीटर में बना है, जिसमें रामीज II की विशालकाय प्रतिमा है.

GEM को आयरलैंड के हेनेघन पेंग आर्किटेक्ट्स ने डिजाइन किया है. इसका डिजाइन गीजा पठार की ज्योमिट्री से प्रेरित है. यह इमारत इस बात को दिखाती है कि मिस्र की प्राचीन धरोहर और आज के आधुनिक मिस्र के बीच एक गहरा संबंध है.

इसके अलावा म्यूजियम में 6 हजार वर्ग मीटर का ग्रैंड स्टेयरकेस है, जो छह मंजिलों की ऊंचाई तक जाता है. ये सीढ़ियां मिस्र की कला और इतिहास से भरी हुई हैं. म्यूजियम में 12 मेन एग्जीबिशन हॉल, टेंपररी गैलरी और बच्चों के लिए एक म्यूजियम भी है, जो दर्शकों को पूरी तरह से मिस्र के इतिहास में डूब जाने का एक्सपीरियंस देंगे.

ग्रैंड इजीप्शियन म्यूजियम को अफ्रीका और मिडिल-ईस्ट का पहला 'ग्रीन म्यूजियम' माना जा रहा है. GEM को ऊर्जा प्रबंधन, स्वास्थ्य और सुरक्षा, पर्यावरण और गुणवत्ता में आठ ISO प्रमाणपत्र मिले हैं. इसके अलावा 2024 EDGE एडवांस ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन भी मिला है.

ग्रैंड इजीप्शियन म्यूजियम का निर्माण 2005 में शुरू हुआ था. 2016 में मेन बिल्डिंग फेज का काम शुरू हुआ. अक्टूबर 2024 में इसकी ट्रायल ओपनिंग हुई थी. अब 1 नवंबर 2025 को इसका भव्य उद्घाटन हुआ है. यहां हर साल लगभग 50 लाख पर्यटकों के आने की उम्मीद है.

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