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असम के सैकड़ों सरकारी स्कूलों में एक भी टीचर नहीं, हजारों स्कूल एक ही टीचर की कृपा पर

असम स्टेट टीचर्स एसोसिएशन के सर्वे में असम की शिक्षा व्यवस्था की खुली पोल.

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असम स्टेट टीचर्स एसोसिएशन के सर्वे में खुलासा (फोटो- इंडिया टुडे)
क्या कोई बस या ट्रेन बिना ड्राइवर के चल सकती है? ऐसा कोई हवाई जहाज़ है जो बिना पायलट के उड़ सकता है? शायद आप हां कह दें, क्योंकि हम भयंकर तकनीकी दौर में जी रहे हैं. वैज्ञानिक विकास की रफ्तार बहुत तेज है. कोई हैरानी नहीं आने वाले समय में बिना ड्राइवर की बसें या बिना पायलट वाले जहाज चलते दिखें. लेकिन शिक्षा, क्या ये बिना टीचर के संभव है. फिलहाल इसका जवाब है, नहीं. हम भले तकनीकी तौर पर काफी तरक्की कर चुके हैं, लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अभी ऐसे लेवल पर नहीं पहुंची है कि रोबोट्स को टीचर बनाकर क्लासों में भेज दिया जाए.

कहना क्या चाहते हो!

यही कि आज भी हमारे देश में ऐसे स्कूल हैं जहां पढ़ाने के लिए टीचर्स नहीं हैं. असम से एक ऐसी ख़बर सामने आई है. इसके मुताबिक राज्य के 314 गवर्मेंट स्कूल ऐसे हैं जो बिना किसी शिक्षक के चल रहे हैं. इंडिया टुडे से जुड़े पल्लव कुमार बोरा की रिपोर्ट के मुताबिक असम स्टेट टीचर्स एसोसिएशन ने एक सर्वे किया. इसमें पता चला कि राज्य में कुल 314 सरकारी प्राइमरी स्कूल बिना किसी शिक्षक के चल रहे हैं. राज्य का तेजपुर शैक्षिक उप-मंडल ऐसे 55 स्कूलों के साथ इस लिस्ट में सबसे ऊपर है. इसके बाद डिब्रूगढ़ में ऐसे 38 स्कूल हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं है. हैरान करने वाली बात ये है कि असम की राजधानी गुवाहाटी तक में 37 स्कूल बिना किसी शिक्षक के चल रहे हैं. रुकिए, अभी और बताते हैं. इन सब आंकड़ों के बीच एक और हैरानी की बात ये है कि असम के शिक्षा मंत्री रनोज पेगु के गृह जिले धेमाजी में बिना किसी शिक्षक के 17 स्कूल चलाए जा रहे हैं. सर्वे में ये भी सामने आया है कि राज्य में तक़रीबन 4000 स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे काम कर रहे हैं. ऐसे 224 स्कूलों के साथ गुवाहाटी शैक्षिक उपखंड फेहरिस्त में सबसे ऊपर है. यही नहीं, गुवाहाटी शैक्षिक उपखंड क्षेत्र में 37 स्कूल बंद होने के कगार पर हैं. एसोसिएशन का क्या कहना है? ये सर्वे असम के 32 जिलों के 33 हजार 829 स्कूलों में किया गया था. इसके परिणामों के आधार पर एसोसिएशन ने राज्य सरकार से शिक्षकों के खाली पदों को जल्द से जल्द भरने की मांग की है. असम स्टेट टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव रतुक गोस्वामी ने कहा है,
हमने सर्वे इसलिए किया क्योंकि असम में सरकार ने 2017, 2018 और 2019 में करीब 6 हज़ार स्कूल बंद किए थे. और अभी भी असम की सरकार करीब 2 हज़ार स्कूल बंद करने की बात कर रही है. सरकार इसके पीछे तर्क देती है कि स्कूल में पढ़ने के लिए बच्चे नहीं हैं. हमने इसके लिए एक सर्वे किया. अब ऐसे स्कूल में कौन बच्चा पढ़ने जाएगा. और यही कारण हैं जिनकी वजह से स्कूल बंद होने की कगार पर आ गए हैं. हमने सरकार से मांग की है कि आप पहले हर स्कूल में हर क्लास में एक टीचर दीजिए. पहले बच्चे और टीचर का अनुपात ठीक कीजिए, फिर उसके बाद स्कूल को बंद करने के बारे में सोचिए. बिना टीचर वाले जितने स्कूल हैं, वहां जल्दी से जल्दी टीचर पहुंचाने की कोशिश की जाए.
सर्वे को लेकर असम के शिक्षा मंत्री रनोज पेगु का भी बयान आया. उन्होंने कहा है कि राज्य में अभी बड़ी संख्या में टीचर की भर्ती का काम चल रहा है जिसके तहत लगभग 20 हज़ार टीचर्स को नियुक्त किया जाएगा. रनोज पेगु की मानें तो इस प्रक्रिया के बाद राज्य में जहां भी टीचर नहीं हैं, वहां इन टीचर्स को अपॉइंट कर दिया जाएगा.

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