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Chandrayaan-3 की लैंडिंग के वक्त पैदा हुए बच्चे, मां-बाप ने उसी से जुड़े खूबसूरत नाम रख दिए

गोरखपुर के अस्पताल से जुड़ी ये खबर चेहरे पर मुस्कान ला देगी.

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गोरखपुर जिला महिला अस्पताल में जन्मे बच्चों के बारे में जानकारी देते चिकित्सा अधीक्षक जय कुमार. (फोटो- आजतक)

23 अगस्त 2023. भारत का चंद्रयान-3 चांद की सतह पर उतरा. समय था 6 बजकर 4 मिनट. यान के उतरते ही देश जश्न में डूब गया. हर कोने से खुशी की खबरें आने लगीं. इसी ऐतिहासिक पल में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में 7 बच्चों ने जन्म लिया. चंद्रयान-3 के चांद पर उतरने के जश्न के बीच इन बच्चों के जन्म ने खुशी के पल को और खुशनुमा बना दिया. और इसलिए कुछ बच्चों के माता-पिता ने उनके नाम चंद्रयान पर रख दिए गए.

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आजतक के संवाददाता गजेंद्र त्रिपाठी की रिपोर्ट के मुताबिक मामला गोरखपुर के जिला महिला अस्पताल का है. 23 अगस्त की शाम इस अस्पताल में एक महिला ने नवजात बच्ची को जन्म दिया. बच्ची के पिता ने आजतक से बात करते हुए कहा कि जिस वक्त उनकी बेटी ने धरती पर पैर रखा, ठीक उसी वक्त चंद्रयान-3 चांद की सतह पर उतरा था. जिसके बाद उन्होंने अपनी बेटी का नाम 'चांदनी' रखा.

जुड़वा के नाम भी चंद्रयान पर

गोरखपुर के इसी जिला अस्पताल में एक दंपती को जुड़वा बच्चे हुए. बेटा और बेटी. इन बच्चों का जन्म भी चंद्रयान-3 की लैंडिंग के वक्त हुआ. जिसके बाद बच्चों के पिता ने बताया कि उन्होंने इस गौरवमयी पल को यादगार बनाने के लिए अपने बेटे का नाम चंद्रयान और बेटी का नाम चांदनी रखा है.

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गोरखपुर जिला महिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक जय कुमार ने बताया कि चंद्रयान को उतरने में करीब एक घंटे का समय लगा. इस दौरान अस्पताल में करीब 7 बच्चों का जन्म हुआ. इसमें से तीन बच्चों का जन्म उसी समय हुआ जब चंद्रयान चांद की सतह पर लैंड हुआ था. उन्होंने आगे बताया कि इन तीन बच्चों का नाम चंद्रयान के नाम पर रखा गया है. ताकि ये गौरवशाली पल याद रहे.

तय समय से पहले लैंड किया चंद्रयान-3

23 अगस्त को शाम 6 बजे के कुछ ही देर बाद ‘विक्रम’ लैंडर ने चांद पर कदम रखा. यानी ISRO ने चंद्रयान-3 मिशन के सबसे जरूरी पड़ाव को पार कर लिया है. विक्रम लैंडर के चांद पर उतरने के बाद ISRO चीफ एस सोमनाथ ने इस कामयाबी के लिए सभी वैज्ञानिकों और देश को बधाई दी. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे नए युग की शुरुआत बताया.

पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं तो जीवन धन्य हो जाता है. ये पल अविश्वसनीय है. ये क्षण अद्भुत है. ये क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है. ये क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है. ये क्षण जीत के चंद्र पर चलने का है. ये क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है. ये क्षण भारत में नई ऊर्जा, नया विश्वास, नई चेतना का है. ये क्षण भारत के उदयमान भाग्य के आह्वान का है.

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वीडियो: चंद्रयान 3 ने लैन्डिंग के बाद चांद की पहली तस्वीर भेजी, ISRO के वैज्ञानिकों ने क्या बताया?

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