कॉन्डम और इंडियंस का आपस में वही रिश्ता है, जो दूध और शराब का है. जो सलमान खान और एक्टिंग का है और जो कुत्ते और पानी का है. ऐसा हम नहीं, ड्यूरेक्स कह रहा है. अगर आप 90s किड्स हैं और आर्थिक उदारवाद की टारगेट ऑडियंस हैं, तो आपने ड्यूरेक्स नाम सुना होगा. और सिर्फ नाम ही नहीं सुना होगा, इसके विज्ञापन देखकर आपके अंदर क्रिएटिविटी को एडमायर करने वाले स्पर्म की रेस भी शुरू हो गई होगी.
95% इंडियन्स के कॉन्डम यूज़ न करने पर इस लड़की ने झन्नाटेदार रिप्लाई दिया है
एक भाई साब सफाई देने आए, उनको भी रगड़ दिया.


ड्यूरेक्स कॉन्डम के ऐड में रणवीर सिंह
तो ड्यूरेक्स कॉन्डम बनाती है. संडे को इसके इंडिया वाले ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया, 'क्या हो रहा है इंडिया? 95% इंडियंस कॉन्डम इस्तेमाल नहीं करते! हम जानना चाहेंगे ऐसा क्यों है?'
अब देखिए ट्विटर वो जगह है, जहां हर कोई 280 कैरेक्टर्स में ही जहां जीत लेना चाहता है. तो ढेर सारे लोग ड्यूरेक्स के ट्वीट पर विटी रिप्लाई देने लगे. वहीं कुछ लोग ऐसे भी थे, जो असल चीज़ पर बात कर रहे थे. जैसे आंचल जौहरी. इन्होंने लिखा, 'क्योंकि भारतीय पुरुष की मर्दानगी उनके कॉन्डम पहनने के आड़े आ जाती है, जो इसे अपने मज़े में किसी अड़चन की तरह देखते हैं. कौन परवाह करता है कि एक औरत क्या महसूस करती है!'
आंचल ने ठीक बात कही. भारतीय पुरुषों के कॉन्डम न पहनने के पीछे ये एक बड़ी वजह है. उन्हें लगता है कि इससे इंटरकोर्स का मज़ा कम हो जाता है. ये बात भी हम नहीं, बल्कि इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कही है. मर्दों की इस टेंडेंसी पर 'पन्नी में लपेटकर रसगुल्ला चाटने' जैसे चुटकुले भी बने हैं. पर कोई ढंग की बात लोगों को एक बार में समझ आ जाए, तो दिक्कत ही क्या थी.
हम क्यों भूलें कि हमारे यहां आदित्य तिवारी जैसे लोग भी हैं, जो जवाब देते हैं, 'कॉन्डम तो महिलाओं के लिए भी आते हैं. आप अपनी भावनाएं आहत किए बिना उन्हें पहन सकती हैं.'
इस पर आंचल ने रिप्लाई किया, 'शुक्रिया. मुझे लगता है आपका मेल-ईगो हर्ट हुआ है. ये थ्रेड मर्दों के कॉन्डम इस्तेमाल करने पर है, तो उस बात पर टिके रहिए.'
हालांकि, इस रिप्लाई से कोई फर्क नहीं पड़ा. इसके आगे लोगों के ट्वीट्स ने इसे पुरुष बनाम औरत वाली डिबेट बना दिया. कुछ महापुरुष ऐसे भी थे, जो कहने लगे कि 'लड़की दिला दी जाए, तो वो भी कॉन्डम इस्तेमाल कर लेंगे.'
एक सज्जन ने लिखा कि 'उन्होंने लैमिनेशन करवा लिया है.'
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया था कि हर कोई 280 कैरेक्टर में ही जहां जीत लेना चाहता है.
वैसे कुछ लोगों ने फनी रिप्लाई भी किए. इन्हें पढ़कर मुस्कुराना एकदम सेफ है.
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