The Lallantop

पासपोर्ट चाहता है अफ़जल गुरु का बेटा ग़ालिब, गर्व वाली बात नकारी

डॉक्टर बनना चाहता है ग़ालिब.

Advertisement
post-main-image
2001 में संसद पर हुए हमले के केस में अफ़जल गुरु को फांसी हुई थी. ग़ालिब उसी का बेटा है. वो डॉक्टर बनना चाहता है.
अपडेट: टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर दी थी कि अफ़जल गुरु के बेटे ग़ालिब को आधार कार्ड पाकर खुशी है और पासपोर्ट मिलने पर उसे भारतीय नागरिक होने का गर्व होगा. इस खबर को आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं.
बाद में ग़ालिब का एक और वीडियो आया है, जिसमें उसने गर्व वाली बात को नकारा है. उसने कहा कि उसने कुछ और कहा था और छापा कुछ और गया. हमने इस स्टोरी में दोनों चीजें बताई हैं. पहले टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर और उसके बाद ग़ालिब के वीडियो की बात.


ग़ालिब बेटा है अफ़जल गुरु का. अफ़जल, जिसे संसद पर हुए हमले के केस में फांसी मिली. 18 बरस का ग़ालिब काफी होनहार है. 10वीं में उसके 95 फीसदी नंबर आए. 12वीं में उसने 89 पर्सेंट नंबर पाए. अब उसका मकसद है डॉक्टर बनना. वो भारत के ही किसी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई करना चाहता है. लेकिन अगर यहां दाखिला नहीं मिला, तो वो विदेश जाकर डॉक्टरी पढ़ना चाहेगा. इसके लिए उसे पासपोर्ट की जरूरत पड़ेगी. ग़ालिब के पास अपना आधार कार्ड है. अब उसे पासपोर्ट चाहिए. ग़ालिब के लिए डॉक्टर बनने का मतलब है अपने पिता का देखा ख़्वाब मुकम्मल करना.

टाइम्स ऑफ इंडिया में क्या छपा

ये बात हमें किसने बताई? ये खबर की है टाइम्स ऑफ इंडिया ने. आरती टिकू सिंह की बाइलाइन से न्यूज है.
ग़ालिब और उसके परिवार से बात करके खबर लिखी गई है. ग़ालिब ने टाइम्स को अपना आधार कार्ड दिखाया. खुश होकर बोला-
अभी मेरे पास कम से कम एक कार्ड है दिखाने को. मेरा आधार. मैं खुश हूं. जब मुझे मेरा पासपोर्ट मिल जाएगा, तब मुझे काफी गर्व होगा. एक हिंदुस्तानी नागरिक होने का गर्व.
ग़ालिब अपने ननिहाल में रहता है. मेडिकल में दाखिले के लिए NEET की तैयारी कर रहा है. 5 मई को परीक्षा होनी है. उसने बताया-
हम अतीत की ग़लतियों से सीखते हैं. मेरे पिता अपने मेडिकल करियर को आगे नहीं ले जा सके. मैं उस अधूरी बात को पूरा करना चाहता हूं. अगर मेरा दाखिला हिंदुस्तान में नहीं हो पाता, तो मैं पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहूंगा. तुर्की का एक कॉलेज शायद मुझे स्कॉलरशिप भी दे.
ग़ालिब की मां की क्या तारीफ़ है? ग़ालिब के पिता को आतंक की सज़ा मिली. मगर वो उस राह नहीं बढ़ना चाहता. बदला, गुस्सा, नफ़रत, इन सबसे अलग करके उसे एक सेहतमंद राह पर आगे ले जाने की वाहवाही वो अपनी मां तब्बसुम को देता है. उसके मुताबिक, ये उसकी मां ही थीं जिन्होंने उसे आतंकवाद से, चरमपंथ से दूर रखा. फिर चाहे वो घाटी में सक्रिय आतंकवादी संगठन हों या पाकिस्तान के टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन्स. ग़ालिब का इन संगठनों से दूर रहना बहुत उम्मीद की बात है. क्योंकि अफ़जल गुरु का नाम आतंकियों की अजेंडा लिस्ट में बहुत ऊपर आता है. वो अफ़जल की फांसी का बदला लेने की बात करते हैं. अफ़जल के नाम को अपनी आतंकवादी गतिविधियों के जस्टिफिकेशन के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. मगर उसी अफ़जल का बेटा ग़ालिब कहता है-
इसका सारा श्रेय मेरी मां को जाता है. मैं जब 5वीं क्लास में था, तब से ही मां ने मुझे अलग-थलग करके रखा. अम्मी ने हमेशा कहा कि अगर कोई मुझसे कुछ कहता भी है, तो मुझे प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए. मेरी प्राथमिकता है मेरी मां. न कि लोग क्या कहते हैं.
ये तब की फोटो है, जब ग़ालिब ने 10वीं की परीक्षा पास की थी. तस्वीर में बांई तरफ ग़ालिब की मां हैं, दाहिनी ओर उसके नाना. ग़ालिब इतिहास में MA अपने नाना को अपनी प्रेरणा मानता है (फोटो: इंडिया टुडे)
ये तब की फोटो है, जब ग़ालिब ने 10वीं की परीक्षा पास की थी. तस्वीर में बांई तरफ ग़ालिब की मां हैं, दाहिनी ओर उसके नाना. ग़ालिब इतिहास में MA अपने नाना को अपनी प्रेरणा मानता है (फोटो: इंडिया टुडे)

भारत की सिक्यॉरिटी एजेंसियों के बारे में क्या कहना है ग़ालिब का? क्या अपने पिता के किए का उसे कभी ख़ामियाजा उठाना पड़ा? कश्मीर में पोस्टेड सुरक्षा एजेंसियों का उसके साथ कैसा बर्ताव है? क्या वो ग़ालिब और उसके परिवार को परेशान करते हैं? इन सब पर ग़ालिब का कहना है-
उन्होंने मुझे कभी तंग नहीं किया. कभी नहीं. कुछ मौके आए, जब मेरा उनसे सामना हुआ. मगर उन्होंने मुझे हमेशा अच्छा करने को ही मोटिवेट किया. उन्होंने कहा कि अगर मैं मेडिकल की पढ़ाई करना चाहता हूं, तो वो कभी मेरी पढ़ाई-लिखाई में या मेरे परिवार के मामलों में दखलंदाजी नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि मुझे अपनी पढ़ाई पर फोकस करना चाहिए. अपना सपना पूरा करना चाहिए. डॉक्टर बनना चाहिए.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के बाद ग़ालिब का वीडियो आया, जिसमें उल्टी बातें हैं इसके बाद ग़ालिब का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें वो टाइम्स ऑफ इंडिया में छपे अपने बयान से पलट गया. सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में ग़ालिब ने भारतीय होने पर गर्व की बात को पूरी तरह नकार दिया है. ग़ालिब ने कहा, 'अगर मेरे पास आधार है, तो पासपोर्ट क्यों नहीं. मेरा पासपोर्ट होना चाहिए. मैं 5-6 साल से पासपोर्ट के लिए अप्लाई कर रहा हूं. मैं अपने पिता की इच्छा के मुताबिक मैं डॉक्टर बनना चाहता हूं. अगर नीट में मेरा नहीं हुआ, तो मैं टर्की जा सकता हूं.
गर्व वाली बात पर ग़ालिब ने कहा,
मैं भारतीय नागरिक होने पर कैसे गर्व कर सकता हूं. उन्होंने मेरे पापा को मारा है. उन्होंने मेरे पूरे परिवार के साथ अन्याय किया है. उन्होंने पूरे कश्मीर के साथ अन्याय किया है.



आतंकी अफजल गुरु का इंटरव्यू: संसद पर हमले की साजिश कैसे रची गई?

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement