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नेपाल के बाद अफ्रीका तक पहुंची Gen-Z प्रोटेस्ट की आग, देश छोड़कर भागे मेडागास्कर के राष्ट्रपति

Gen-Z Protests in Madagascar: Gen-Z प्रोटेस्ट से शुरु हुआ नेपाल का बवाल अभी खत्म ही हुआ था कि एक और देश में इसी तरह का आंदोलन फैल गया. सोमवार, 13 अक्टूबर को मेडागास्कर के हजारों युवा राजधानी एंटानानारिवो के एक चौराहे पर इकट्ठा हो गए और राष्ट्रपति से पद छोड़ने को कहा. सेना की एक स्पेशल यूनिट भी सरकार के खिलाफ खड़ी हो गई है.

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मेडागास्कर में प्रदर्शन के दौरान की तस्वीर (बाएं), वहां के राष्ट्रपति एंड्री राजोइलिना (दाएं). (Photo: Reuters)

नेपाल के बाद Gen-Z प्रोटेस्ट की आग अब पूर्वी अफ्रीकी देश मेडागास्कर तक पहुंच गई है. बीते तीन सप्ताह से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शन सोमवार, 13 अक्टूबर को तेज हो गए. हालात इतने बिगड़ गए कि वहां के राष्ट्रपति एंड्री राजोइलिना को देश छोड़कर भागना पड़ा है. फिलहाल वह कहां हैं, इसकी जानकारी नहीं है.

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सोमवार को, मेडागास्कर की राजधानी एंटानानारिवो के एक चौराहे पर हजारों प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो गए. उन्होंने नारे लगाए कि "राष्ट्रपति को अब पद छोड़ना होगा". इसके बाद न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने मेडागास्कर के विपक्ष के नेता सितेनी रैंड्रियानासोलोनियाको के हवाले से पुष्टि की है कि राष्ट्रपति राजोइलिना रविवार को मेडागास्कर छोड़कर चले गए. बता दें कि मेडागास्कर एक द्विपीय देश यानी Islandic Country है. यह अफ्रीका के पूर्वी किनारे पर भारतीय महासागर (Indian Ocean) पर स्थित है. 

राष्ट्रपति ने देश को किया था संबोधित

इससे पहले सोमवार को आंदोलनकारियों के उग्र प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति ने देर रात देश को संबोधित किया था. फेसबुक में अपने संबोधन में राष्ट्रपति राजोइलिना ने कहा था कि उन्हें अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ा है. हालांकि, उन्होंने अपने ठिकाने का खुलासा नहीं किया. साथ ही उन्होंने पद से इस्तीफा देने से इनकार करते हुए कहा कि वह मेडागास्कर को बर्बाद नहीं होने देंगे.

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क्यों हो रहे हैं प्रदर्शन?

रॉयटर्स के अनुसार मेडागास्कर में बिजली और पानी की कमी को लेकर 25 सितंबर को प्रदर्शन शुरू हुआ था. जल्द ही यह प्रदर्शन तेज हो गया और सरकार के खिलाफ विद्रोह में बदल गया. प्रदर्शनकारियों के मुताबिक वह भ्रष्टाचार और लापरवाह शासन से तंग आ चुके हैं. उन्हें बुनियादी सेवाओं के लिए भी मजबूर होना पड़ रहा है. मेडागास्कर की सरकार के लिए हालात तब और भी खराब हो गए, जब सेना की एक स्पेशल यूनिट CAPSAT ने भी विद्रोह पर उतर आई. उसने प्रदर्शनकारियों का साथ देने का ऐलान कर दिया.

सेना की इसी यूनिट ने साल 2009 में तख्तापलट के बाद राजोइलिना को मेडागास्कर की सत्ता हथियाने में मदद की थी. अब वही यूनिट सरकार के खिलाफ खड़ी हो गई है. CAPSAT ने यह भी कहा कि वह सेना का कार्यभार संभाल रही है और नए सेना प्रमुख को भी नियुक्त किया है. इसके बाद राष्ट्रपति राजोइलिना ने चेतावनी दी थी कि CAPSAT सत्ता हथियाने का प्रयास कर रही है.

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सरकार से नाराजगी

इधर, एक प्रदर्शनकारी ने रॉयटर्स से बात करते हुए कहा कि 16 सालों में राष्ट्रपति और उनकी सरकार ने खुद को अमीर बनाने के अलावा कुछ नहीं किया है. जबकि लोग गरीब बने हुए हैं. युवा, जेनरेशन जेड, सबसे ज़्यादा पीड़ित हैं. प्रदर्शनकारी का कहना है कि उसकी 3,00,000 एरियरी (5,940 रुपये) की सैलरी से वह मुश्किल से खाने तक का खर्च निकाल पा रहा है. बता दें कि मेडागास्कर का यह प्रदर्शन ठीक वैसा ही है, जैसा पिछले महीने नेपाल में हुआ था. वहां पर देशव्यापी आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री समेत पूरे मंत्रिमंडल को अपना पद छोड़कर भागना पड़ा था. फिर प्रदर्शनकारियों की डिमांड पर नई सरकार का गठन किया गया.

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