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गौतम अडानी के खिलाफ अमेरिका में चार्जशीट, हजारों करोड़ की रिश्वत और धोखाधड़ी के आरोप

Gautam Adani Charged: अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि Gautam Adani ने इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत रूप से एक भारतीय सरकारी अधिकारी से मुलाकात की. ये मुलाकात 2020 से 2024 के बीच हुई. आरोप है कि ये अक्सर मिलते थे और रिश्वत की योजना पर चर्चा करते थे.

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Gautam Adani पर आरोप तय हो गए हैं. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)

अडानी समूह के मुखिया गौतम अडानी (Gautam Adani) पर अरबों डॉलर की रिश्वत और धोखाधड़ी की योजना बनाने के आरोप लगे हैं. अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) ने 20 नवंबर को इस कथित फ्रॉड में अडानी की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. अधिकारियों ने बताया है कि गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित 7 अन्य वरिष्ठ व्यावसायिक अधिकारी भी इसमें शामिल हैं. आरोप है कि इन लोगों ने सौर ऊर्जा से जुड़े सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर (21 अरब रुपये) से अधिक की रिश्वत देने का वादा किया था. इस मामले में न्यूयॉर्क में इन लोगों पर आरोप तय कर दिए गए हैं.

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न्यूज चैनल CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उप सहायक अटॉर्नी जनरल लिसा मिलर ने इस मामले की जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि रिश्वत की ये योजना निवेशकों और बैंकों से झूठ बोलकर अरबों डॉलर जुटाने और न्याय में बाधा डालने के लिए थी. 

ब्लूमबर्ग के बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, 85 बिलियन डॉलर (7000 अरब रुपये) से अधिक की संपत्ति वाले अडानी, मुकेश अंबानी के बाद एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं. वो अडानी ग्रुप के संस्थापक हैं. सौर ऊर्जा से जुड़े जिन कॉन्ट्रैक्ट्स को लेकर आरोप तय किए गए हैं, उनसे लगभग 20 सालों में टैक्स चुकाने के बाद 2 बिलियन डॉलर (168 अरब रुपये) से अधिक का मुनाफा होने का अनुमान था.

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अधिकारियों ने कहा कि अडानी ने इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत रूप से एक भारतीय सरकारी अधिकारी से मुलाकात की. ये मुलाकात 2020 से 2024 के बीच हुई. आरोप है कि ये अक्सर मिलते थे और रिश्वत की योजना पर चर्चा करते थे, जिसमें कई सबूत फोन पर भी थे.

विभाग ने अपने बयान में कहा कि रिश्वत पर नजर रखने वाले एक फोन, कुछ दस्तावेज जिनमें हिसाब-किताब के बारे लिखा था, एक तस्वीर, पावरपॉइंट और एक्सेल शीट का विश्लेषण किया गया था. इनमें रिश्वत दिए जाने की जानकारी के साथ-साथ भुगतान को छिपाने के विकल्पों के बारे में जानकारी दी गई थी.

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DOJ ने कहा है कि अडानी और उनके सहयोगियों ने अमेरिकी निवेशकों से इन रिश्वतखोरी योजनाओं को छिपाने की कोशिश की. ताकि उन्हें फंड्स मिल सके. इसमें सौर उर्जा सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए फंड भी शामिल है.

इस मामले में सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने भी कार्रवाई की है. SEC ने अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के कार्यकारी के रूप में गौतम अडानी और एज्योर पावर ग्लोबल के कार्यकारी सिरिल कैबनेस पर रिश्वतखोरी की योजना के लिए आरोप लगाए हैं. SEC ने कहा कि दोनों कंपनियों को भारतीय सरकार से सौर उर्जा वाले कॉन्ट्रैक्ट्स मिले थे. इससे संबंधित गलत बयानों के आधार पर अडानी ग्रीन ने अमेरिकी निवेशकों से 175 मिलियन डॉलर (14 अरब रुपये) से अधिक जुटाए.

इस पूरे मामले पर अभी तक अडानी समूह की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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