हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के चलते संकट में आए अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी गुरुवार, 2 फरवरी को कंपनी के निवेशकों के सामने आए. उन्होंने निवेशकों को संबोधित करते हुए संदेश दिया कि सब ठीक है. साथ ही बताया कि अडानी एंटरप्राइजेस ने अपने फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर यानी FPO को क्यों वापस ले लिया है.
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बुधवार, 1 फरवरी को अडानी एंटरप्राइजेस ने अपना FPO वापस लेकर निवेशकों को पैसा वापस लौटाने का ऐलान किया था. ये फैसला इसलिए सबको हैरान कर गया क्योंकि एक दिन पहले ही कंपनी ने सौ पर्सेंट FPO के साथ 20 हजार करोड़ रुपये हासिल किए थे. आंकड़ों के मुताबिक अडानी एंटरप्राइजेस ने 4.55 करोड़ शेयरों के लिए पेशकश थी, जबकि निवेशकों ने 4.62 करोड़ शेयर की मांग की. इसे हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ अडानी की बड़ी सफलता के रूप में देखा गया था.
लेकिन अगले ही दिन कंपनी ने FPO वापस ले लिया. इसके बाद गुरुवार सुबह अडानी ग्रुप के यूट्यूब चैनल से गौतम अडानी का संबोधन पोस्ट किया गया. इसमें गौतम अडानी FPO वापस लेने के फैसले पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि बाजार की हालत देखते हुए FPO को जारी रखना नैतिक तौर पर सही नहीं था. अडानी ने कहा,
कंपनी की बैलेंस शीट पर क्या बोले?"अपने 4 दशक के आन्त्रप्रन्योर करियर में मुझे इन्वेस्टर्स की ओर से काफी सपोर्ट मिला है. ये स्वीकार करना जरूरी है कि मुझे जो कुछ भी सफलता मिली है, वो इन्वेस्टर्स के भरोसे की वजह से ही मिली है. मेरे लिए अपने निवेशकों का हित ही सबसे बड़ा है. इसलिए निवेशकों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए हमने FPO रद्द करने का फैसला लिया है. इस फैसले का कंपनी के वर्तमान और भविष्य की योजनाओं पर कोई असर नहीं होगा."
गौतम अडानी ने आगे निवेशकों से कहा,
"हमारी कंपनी की बैलेंस शीट और कैश फ्लो बेहद मजबूत है. हमने अभी तक कर्ज से जुड़ी सभी देनदारियों को समय पर पूरा किया है. बाजार में स्थिरता आने के बाद हम अपनी कैपिटल मार्केट स्ट्रैटजी को रिव्यू करेंगे. ग्रुप के साथ अलग-अलग इंटरनेशनल कंपनियों की पार्टनरशिप इस बात का सबूत है कि हमारा हर बिजनेस पूरी जिम्मेदारी से ऑपरेट हो रहा है."
अडानी ने FPO को सब्सक्राइब करने के लिए तमाम इन्वेस्टर्स, बैंकर्स और शेयर होल्डर्स को धन्यवाद भी कहा. उन्होंने कहा कि स्टॉक में उथल-पुथल के बावजूद निवेशकों का भरोसा कंपनी के लिए बेहद उत्साहपूर्ण है. उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी निवेशकों का भरोसा बरकरार रहेगा.
हर तरफ संकटनिवेशकों के नाम गौतम अडानी का ये संदेश ऐसे समय में आया है जब उनका कंपनी ग्रुप कई तरह के संकटों का सामना कर रहा है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आने के बाद कंपनी के संचालन के तौर-तरीकों पर सवाल उठना रुका नहीं था कि बुधवार यानी बजट के दिन उसके शेयर फिर तेजी से गिरे. खबरों के मुताबिक अडानी एंटरप्राइेजज के शेयर करीब 25 फीसदी तक गिर गए. अडानी पोर्ट्स के शेयर 17.35 फीसदी, अडानी टोटल गैस के शेयर 10 फीसदी तक गिरे. वहीं अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी विल्मर, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पावर के शेयर 5 फीसदी के आसपास कम हुए हैं. अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में गिरावट से सिर्फ बाजार पर असर नहीं हुआ है. बल्कि गौतम अडानी की संपत्ति भी लगातार नीचे आ रही है.
और अब कहा जा रहा है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी समूह पर लगे आरोपों के संबंध में केंद्र सरकार मार्केट रेगुलेटर SEBI से संपर्क बनाए हुए है. रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि इस मामले में सेबी की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है जो अडानी समूह के शेयरों में आई गिरावट की जांच कर रही है. साथ ही सेबी ये भी जांच कर रही है कि ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी द्वारा शेयरों को बेचने में किसी भी तरह की अनियमितता तो नहीं हुई. इसके अलावा सेबी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में लगाए गए दूसरे आरोपों की भी जांच कर रही है.
(ये स्टोरी हमारे साथी आबिद खान ने लिखी है)
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