The Lallantop

15 अगस्त पर भाजपा के चिढ़े नेता ने कांग्रेस का झंडा लहराया

ये बाबूलाल गौर की गलती थी या छुपा इशारा?

Advertisement
post-main-image
फोटो - thelallantop
बाबूलाल गौर. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री. मध्य प्रदेश में भाजपा का बड़ा नाम. गोविन्दपुरा, भोपाल से असेम्बली इलेक्शन जीते हुए. सोमवार को आज़ादी के दिन विधायक आरिफ अकील ने एक रैली निकाली - पैगाम-ए-मोहब्बत. रैली में बाबूलाल गौर चीफ़ गेस्ट थे. रैली की शुरुआत खुद बाबूलाल गौर को ही करनी थी. उन्होंने रैली शुरू करने के लिए झंडा उठाया और लहराने लगे. उनसे गड़बड़ बस ये हो गयी कि उन्होंने जो झंडा उठाया, वो कांग्रेस का झंडा था. और रैली निकालने वाले विधायक आरिफ अकील भी कांग्रेस के ही हैं. Congress flag वैसे देखा जाए, तो रैली के नामानुसार पैगाम-ए-मोहब्बत का पहला इग्ज़ाम्पल खुद बाबूलाल गौर ने ही सेट किया. लेकिन अगर उन्होंने ऐसा जान-बूझकर नहीं किया तो सच कहूं, उन्हें रेलवे क्रॉसिंग पर लिखे 'दुर्घटना से देर भली' वाली कहावत को ध्यान से पढ़ लेना चाहिए था. वैसे कहा ये भी जा रहा है कि देश के झंडे और कांग्रेस के झंडे में जो समानताएं हैं, उनकी वजह से ही ये सारा कन्फ्यूज़न हुआ होगा. लेकिन कहने को ये भी कहा जा सकता है कि हो न हो, ये भाजपा को एक इशारा हो. बाबूलाल गौर ने मॉनसून सत्र में अपनी ही पार्टी के खिलाफ़ बोलना शुरू किया था. बाबूलाल गौर को उनकी ही पार्टी ने मंत्री पद से हटा दिया था. रीकैप में बता दें कि ये वही बाबूलाल गौर हैं जो बसों के उद्घाटन के मौके पर एक महिला से बदसलूकी करते हुए वीडियो पर पकड़ाए थे.
ये भी पढ़ें:

PM मोदी ने अपनी खिल्ली उड़ाने वाले कार्टून का लाल किले से दिया जवाब!

नरेन्द्र मोदी का सन्देश: कश्मीर का राग छोड़ो, तुम दे के रहोगे बलूचिस्तान

मोदी ने जिस बलूचिस्तान की बात की, वो लफड़ा क्या है?

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement