The Lallantop

ट्रेन गोली कांड में मारे गए असगर शेख के छोटे-छोटे बच्चे, कमाने वाला कोई नहीं, कहानी रुला देगी

गोली चलाने वाले सिपाही को समझाने वाले ASI टीकाराम मीणा के घरवालों का भी बुरा हाल

Advertisement
post-main-image
बायीं ओर- ट्रेन में मरने वाले यात्री असगर शेख के भाई, दायीं ओर-ASI टीकाराम मीणा | फ़ोटो: आजतक

मुंबई-जयपुर एक्सप्रेस में 31 जुलाई को RPF सिपाही चेतन कुमार ने कथित तौर पर अपने साथी ASI टीकाराम और 3 यात्रियों को गोली मार दी. चारों की मौके पर ही मौत हो गई. आरोपी चेतन सिंह को गिरफ़्तार कर लिया गया है. ASI टीकाराम मीणा सवाई माधोपुर जिले के श्यामपुरा गांव के रहने वाले थे. घटना के बाद वहां का माहौल बेहद गमगीन है. लेकिन, टीकाराम की पत्नी को गांववालों ने अभी इस घटना की जानकारी नहीं दी है. उनका बेटा गोवा गया हुआ था, वो वापस आ रहा है. वहीं एक यात्री असगर शेख के पांच छोटे-छोटे बच्चे हैं और वो घर में कमाने वाले अकेले आदमी थे. वो जयपुर से मुंबई काम ढूंढने जा रहे थे. 

Advertisement

आजतक के सुनील जोशी से ASI टीकाराम के चचेरे भाई मेश मीणा ने बातचीत की. मेश मीणा ने बताया कि उनके पास सुबह पांच बजे घटना को लेकर किसी का फ़ोन आया था. लेकिन, तब उन्हें भाई की मौत की बात नहीं पता लगी थी. बाद में सोशल मीडिया से इस बात की जानकारी मिली.

उन्होंने आगे कहा, 

Advertisement

“हमने भाभी को अभी इस बात की कोई जानकारी नहीं दी है. उनके दो बच्चे हैं. दिलखुश मीणा और पूजा मीणा.”  

उन्होंने आगे बताया कि टीकाराम का शव घर पर कब आएगा इस बात की अभी उनके पास कोई जानकारी नहीं आई है.

भाई को तीन गोलियां लगीं

RPF सिपाही चेतन कुमार ने कथित तौर पर जिन तीन यात्रियों की हत्या की, उनमें से एक असगर अब्बास अली के परिजन शताब्दी हॉस्पिटल के सामने प्रर्दशन कर रहे हैं. परिजनों का कहना है कि 12 घंटे से ज़्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन सरकार ने उन्हें कोई आश्वासन नहीं दिया है. इनके मुताबिक घटना में मरे RPF जवान के परिवार को मुआवजा दिया जा रहा है, लेकिन जिन तीन यात्रियों की मौत हुई है, सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया. सरकार मरने वाले यात्रियों के शव को उनके घर भिजवाने का भी इंतजाम नहीं करवा रही है.

Advertisement

असगर शेख के छोटे भाई मोहम्मद अमानुल्लाह ने इंडिया टुडे को बताया कि उनके पास सुबह रेलवे से फ़ोन आया. रेलवे ने उनके भाई की मौत की ख़बर दी.

उन्होंने बताया, 

“मेरे भाई को तीन गोलियां लगी थीं. वो जयपुर में चूड़ी का काम करते थे. वहां काम ठीक नहीं चल रहा था इसलिए वो मुंबई काम की तलाश में जा रहे थे. उनकी चार बेटियां और एक बेटा है. अब उनके घर में कोई भी कमाने वाला नहीं है. वो अकेले घर में कमाने वाले थे. अब उनके परिवार की मदद सरकार या रेलवे को करनी चाहिए.”

अमानुल्लाह के मुताबिक पुलिस वाले कह रहे हैं कि उनके भाई को मारने वाले का दिमागी संतुलन ठीक नहीं है. अगर ऐसा था तो उस शख्स को RPF में क्यों रखा हुआ था.

वीडियो: 'हलाल चाय' क्या है? ट्रेन में पैसेंजर के बवाल का वीडियो वायरल

Advertisement