
Source- Truth Of Gujarat
ये फोटो फर्जी है. और प्लीज आईबी को नया यूनेस्को या नासा न बनाओ. उसके सर्टेन काम हैं, वो वही करते हैं. इन तस्वीरों ने आईबी को इतना परेशान कर दिया कि उन्हें आगे आकर बताना पड़ा कि नहीं! ये हमारी भेजी तस्वीरें या डॉक्युमेंट्स नहीं हैं. हमारा इससे लेना देना नहीं है. इसी सब का खुलासा करती हुई ये तस्वीर 'ट्रुथ ऑफ़ गुजरात' नाम के फेसबुक पेज ने डाली है, जिसमें इस तस्वीर की बखिया उधेड़ी है. फोटोशॉप करने वाले बक्सा तक एक लाइन में रखना भूल गए हैं. Colour की स्पेलिंग शायद टीवी वाले चैनल को देखकर लिख दी है. कांग्रेस तक सही स्पेल नहीं किया है. जहां विनिंग लिखना था, वहां विनर लिखा है. अंग्रेजों और अंग्रेजी से गुलामी का बखूबी बदला लिया है.
नीचे आपको इस तस्वीर में “confidential” लिखा दिख रहा है जबकि आईबी वाले सीक्रेट शब्द इस्तेमाल करते हैं. साथ ही तमाम फ़ॉर्मेट जो इस्तेमा किया गया दर फर्जी है, आईबी की चिट्ठियां ऐसी होती ही नहीं हैं.

दरअसल ये 2014 के चुनाव की फोटो थी, जिसमें भरपूर फोटोशॉप इस्तेमाल किया गया और अल्लम-गल्लम भर दिया. ऊपर वाली और नीचे वाली फोटोज देखिए, ये भी दिखेगा कि ऊपर की फोटो से एक जगह लाल रंग हटाया गया है, लेकिन वो सलीके से हटा नहीं है. ऐसी ही ही एक फोटो और है. वो भी देखिए.

इसमें ये पीएमओ ऑफिस लिख रहे हैं, माने प्राइम मिनिस्टर ऑफिस ऑफिस. ये लोग डीयू को भी डीयू यूनिवर्सिटी कहते होंगे. और इस वाले के अकॉर्डिंग तो कांग्रेस पंजाब में जीत रही है. मतलब ये तो हाल है भाई. ये ऐसे अपनी पार्टियों को जिताएंगे. अब जो आईबी है वो अपने असल काम में लग गयी है. वो जा रही है ये पता करने की ये किसकी खुराफात है. इसका सोर्स क्या है? काहे कि आईबी के लिए ये सिरदर्द बन गयी है. फेसबुक ट्विटर पर बगर गई है, बालक बुद्धि के लोग इससे इलेक्शन में प्रभावित भी हो सकते हैं. वैसे भी इंडिया में लोग किसी भी ऑर्गेनाइजेशन या ब्यूरो का या फिर एजेंसी का नाम देख बह जाते हैं.
तो डियर फोटोशॉपिए. बी रेडी. आईबी दिखाएगी कि वो अपना काम कैसे करती है. बैठे रहो और वेट करो.
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