2017 में मुझे जानकारी मिली थी कि मुंबई के किसी होटल से पुलिस ट्रांसफर का रैकेट चल रहा था. मैंने पुलिस अधिकारियों को बुलाकर एक ऑपरेशन प्लान किया. कार्रवाई करके सभी को गिरफ्तार करवाया. इसी तरह (पूर्व) कमिश्नर इंटेलिजेंस रश्मि शुक्ला को ऐसे रैकेट की जानकारी मिली. उन्होंने अडिशनल चीफ सेक्रेटरी (ACS) होम से इजाजत ली, और कॉल इंटरसेप्ट करना शुरू किया. इसमें कई बड़े नाम सामने आए. मेरे पास इकट्ठा सबूत बहुत संवेदनशील किस्म के हैं. इसमें कई अधिकारियों के नाम हैं.फडणवीस के मुताबिक
25 अगस्त 2020 को कमिश्नर इंटेलिजेंस रश्मि शुक्ला ने डीजी को रिपोर्ट सौंपी. 26 अगस्त को डीजी ने ACS सीताराम कुंटे को रिपोर्ट फारवर्ड की. कहा कि ये पूरा मामला सीएम उद्धव ठाकरे के संज्ञान में लाया जाए. उचित कार्रवाई की जाए. लेकिन रिपोर्ट दिए जाने के बाद रश्मि शुक्ला का कमिश्नर इंटेलिजेंस पद से तबादला कर दिया गया.

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने 6.5 जीबी फोन रिकॉर्डिंग का डेटा होने का दावा किया है (फ़ोटो- ट्विटर)
इसके बाद फडणवीस ने मंगलवार को दिल्ली आकर चीफ सेक्रेटरी से मुलाकात की. मुलाकात के बाद फडणवीस ने कहा कि मेरे पास जो सबूत थे, मैंने बंद लिफाफे में गृह सचिव को सौंप दिए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार की रिपोर्ट मिलने के बाद भी उद्धव ठाकरे सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. फडणवीस ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की. रिपोर्ट में ऐसा क्या है? इंटेलिजेंस कमिश्नर रहीं रश्मि शुक्ला का ये लेटर 7 पेज का है. इसमें कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर दावा किया गया है कि ट्रांसफर पोस्टिंग का दावा करने वाले बार-बार बड़े नेताओं का नाम ले रहे थे. इन नेताओं में अनिल देशमुख, एनसीपी चीफ शरद पवार और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे तक शामिल थे. लेटर में कुछ आईपीएस अधिकारियों के नाम भी हैं, जिन्हें तथाकथित रूप से रैकेट में शामिल लोगों के साथ बताया जा रहा है.
रिपोर्ट में डीसीपी सचिन पाटिल के नासिक में ट्रांसफर के मामले का जिक्र है. दावा है कि इसके लिए संतोष जगताप नामक के एक ब्रोकर ने मंत्री आदित्य ठाकरे से लेकर अनिल देशमुख तक और डिप्टी सीएम अजित पवार से लेकर शरद पवार तक से मुलाकात की थी. बाद में शरद पवार ने सीएम उद्धव ठाकरे को वॉट्सऐप मैसेज करके सचिन पाटिल के ट्रांसफर के लिए कहा था.
इंटेलिजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में महादेव इंगले का भी नाम था. इनपुट था कि इंगले इस ट्रांसफर रैकेट का मास्टरमाइंड है. इंगले के फोन 29 जुलाई 2020 से सर्विलांस पर रखे गए थे.

आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला ने पिछली सरकार के वक्त पुलिस में ट्रास्फर पोस्टिंग के भ्रष्टाचार पर तत्ताकालीन डीजीपी को लेटर लिखा था.
रिपोर्ट के मुताबिक, इंगले की कॉल्स से कथित तौर पर पता चला कि वह राजनीतिक और प्रतिष्ठित व्यक्तियों के दम ट्रांसफर पोस्टिंग की बात करता था. उसने उस वक्त एसपी से लेकर डीआईजी तक के 29 लोगों के ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर बात की थी. इंटेलिजेंस विभाग ने जो कॉल इंटरसेप्ट किए, उसके हिसाब से इंगले ने डीआईजी निसार तंबोली के अलावा एसपी दिलीप भुजबल, विजय कुमार, श्रीधर, शिवाजी राठौड़, राकेश कल सागर, दिगंबर प्रधान और अतुल झंडे से बात की थी.
इस लिस्ट में नामों की लंबी लिस्ट थी- एडिशनल एसपी संदीप पालवे, एडिशनल एसपी वैशाली, डीसीपी पराग मोरे, एडिशनल एसपी मिलिंद मोहिते, एडिशनल एसपी राजू भुजबल, डीसीपी अशोक दुधे. ये लिस्ट यहीं खत्म नहीं होती. डिप्टी एसपी राहुल धस, डीसीपी राहुल खड़े, डीसीपी भरत टंगड़े, एसपी राहुल श्री रामे, एसपी मनोज पाटिल, एसपी चंद्रकांत खांडवी, डिप्टी एसपी गणेश केंद्र के नाम भी इसमें सामने आए. इन लोगों के अलावा डिप्टी एसपी विवेक पवार, डिप्टी एसपी विकास तोडावल, एसीपी पंकज, एसीपी अशोक वीरकर एसीपी ढोला तेली और एसीपी हेमंत सावंत से भी इंगले ने उनके मन मुताबिक पोस्टिंग के बारे में बात की थी. रश्मि और परमबीर सिंह का कनेक्शन रश्मि शुक्ला और परमबीर सिंह दोनों 1988 के आईपीएस बैच से हैं. फिलहाल रश्मि CRPF में एडिशनल डायरेक्टर जनरल (ADG) हैं. उससे पहले वह डीजी (सिविल डिफेंस) थीं. वह पुणे के पुलिस कमिश्नर का पद भी संभाल चुकी हैं. अनिल देशमुख के महाराष्ट्र का गृहमंत्री बनने के बाद रश्मि और डीजीपी रहे सुबोध जायसवाल (1985 बैच) अब केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं.
रश्मि को पिछले साल दिसंबर में CISF का डीजी बनाया गया था. उन्होंने SIT का चीफ रहते हुए फर्जी स्टैंप घोटाला मामले में मुंबई के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर आरएस शर्मा को रिटायरमेंट से एक दिन पहले अरेस्ट किया था. उस केस में NCP के बड़े नेता छगन भुजबल (तत्कालीन गृहमंत्री) जेल गए थे.

रश्मि शुक्ला उस बैच की आईपीएस अधिकारी हैं, जिस बैच से मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह हैं.
परमबीर सिंह ने कमिश्नर पद से अपने तबादले को चुनौती देने के लिए जो याचिका दाखिल की, उसमें भी रश्मि शुक्ला का जिक्र किया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस मामले पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट जाने के लिए कहा. सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान टिप्पणी की कि परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर जो आरोप लगाए हैं, वो बेहद गंभीर हैं. एनसीपी बोली- रिकॉर्डिंग गैरकानूनी रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट को लेकर फडणवीस के आरोपों को जवाब एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने दिया. मलिक ने कहा कि इंटेलिजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला ने जो रिपोर्ट दी थी, वो गैरकानूनी तरीके से फोन इंटरसेप्ट करके बनाई गई थी. एनसीपी ने आरोप लगाया कि रश्मि शुक्ला बीजेपी से जुड़ी हुई हैं. उसी के इशारे पर ही रश्मि ने ये सब किया था. मुंबई पुलिस में बड़े बदलाव ट्रांसफर पोस्टिंग के कथित रैकेट को लेकर रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट पर जब कार्रवाई होगी, तब होगी. लेकिन बुधवार को मुंबई में पुलिस अधिकारियों का बड़े पैमाने पर तबादला किया गया. बदले गए 86 अधिकारियों में इंस्पेक्टर और सीनियर इंस्पेक्टर लेवल के अधिकारी हैं. 65 अधिकारी तो मुंबई क्राइम ब्रांच के ही हैं. इनमें कई ऐसे हैं, जिन्हें पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का करीबी बताया जा रहा है.