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सुप्रीम कोर्ट ने EVM मंगवाकर फिर करवाई वोटों की गिनती, ढाई साल पहले हारा प्रत्याशी विजेता निकला

सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ एक बूथ नहीं बल्कि सभी बूथों की EVM और चुनावी रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया. अदालत ने कहा कि सभी बूथों के वोटों की गिनती दोबारा की जाए. कोर्ट ने आदेश दिया कि पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी हो और दोनों पक्ष या उनके अधिकृत प्रतिनिधि मौजूद रहें.

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2022 में हुआ था चुनाव. तीन साल बाद बदला नतीजा. (India Today)

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर EVM में वोटों की दोबारा गिनती हुई और हरियाणा में एक पंचायत चुनाव का नतीजा बदल गया. पानीपत जिले की ग्राम पंचायत बूआना लाखू में चुनाव को लेकर विवाद था. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. कोर्ट ने वोटो की दोबारा गिनती के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (EVM) मंगवाईं. और जब गिनती हुई तो नतीजा ही पलट गया.

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यह पंचायत चुनाव 2 नवंबर 2022 को हुआ था. कुलदीप सिंह विजेता घोषित हुए थे. इस पर प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार मोहित कुमार को एतराज़ था. उन्होंने याचिका दायर कर दी और नतीजे को चुनौती दे दी. 22 अप्रैल 2025 को अतिरिक्त सिविल जज ने बूथ नंबर 69 के वोटों की गिनती दोबारा करने का आदेश दिया था और उपायुक्त को 7 मई को गणना करने कहा.

लेकिन पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने यह आदेश रद्द कर दिया. इसके बाद मोहित कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में के दरवाज़े पर दस्तक दी.

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31 जुलाई, 2025 को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ एक बूथ नहीं बल्कि सभी बूथों की EVM और चुनावी रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया. अदालत ने कहा कि सभी बूथों के वोटों की गिनती दोबारा की जाए. कोर्ट ने आदेश दिया कि पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी हो और दोनों पक्ष या उनके अधिकृत प्रतिनिधि मौजूद रहें.

जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह आदेश दिया था. 6 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के अंदर, रजिस्ट्रार की निगरानी में, दोनों पक्षों की मौजूदगी में पूरी वीडियोग्राफी के साथ पुनर्गणना की गई. इस दौरान दोनों पक्षों के प्रतिनिधि और वकील मौजूद थे.

बूथ नंबर 65 से 70 तक के वोट फिर से गिने गए. नए नतीजों में मोहित कुमार को 1,051 वोट और कुलदीप सिंह को 1,000 वोट मिले. रजिस्ट्रार ने पुनर्गणना की रिपोर्ट अदालत में सौंपी. 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट पर शक करने का कोई कारण नहीं है क्योंकि इसे वीडियोग्राफ किया गया था और दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों ने इस पर हस्ताक्षर किए थे.

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सुप्रीम कोर्ट ने मोहित कुमार को विधिवत निर्वाचित सरपंच घोषित किया. अदालत ने पानीपत के उपायुक्त चुनाव अधिकारी को आदेश दिया कि दो दिनों के भीतर अधिसूचना जारी कर मोहित कुमार को निर्वाचित सरपंच घोषित किया जाए, ताकि वे तुरंत पद संभालकर काम शुरू कर सकें. 

अदालत ने यह भी साफ किया कि अगर आगे कोई विवाद उठता है तो वह चुनाव ट्रिब्यूनल के सामने रखा जा सकता है, लेकिन ट्रिब्यूनल को रजिस्ट्रार की रिपोर्ट को अंतिम पुनर्गणना का परिणाम मानना होगा. अब सील की गई रिपोर्ट और EVM ट्रिब्यूनल को भेजी जाएंगी ताकि वे आधिकारिक रिकॉर्ड का हिस्सा बन सकें.

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