अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप, कनाडा में प्रसारित एक एड फिल्म यानी विज्ञापन पर भड़क गए हैं. इसके बाद उन्होंने कनाडा के साथ जारी व्यापार वार्ता को खत्म करने की घोषणा की है. डॉनल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए इसकी जानकारी दी.
कनाडा पर क्यों भड़के डॉनल्ड ट्रंप? व्यापार पर बातचीत बंद करने का किया ऐलान
Donald Trump का दूसरा कार्यकाल अब तक Canada के लिए अच्छा नहीं रहा है. पहले Trump ने USA का 51वां राज्य कहकर उसका मजाक उड़ाया. फिर कनाडा के नए प्रधानमंत्री Mark Carney ने ट्रंप के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश की. लेकिन ट्रंप एक बार फिर भड़क गए हैं. अब उन्होंने कनाडा के साथ जारी व्यापार वार्ता को रोकने का ऐलान किया है.


ट्रंप ने रोनाल्ड रीगन फ़ाउंडेशन के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि कनाडा ने धोखाधड़ी से एक विज्ञापन का इस्तेमाल किया है. यह फर्जी है, जिसमें रोनाल्ड रीगन टैरिफ के बारे में नकारात्मक बातें करते हुए दिखाई दे रहे हैं. ट्रंप ने बताया कि यह विज्ञापन 75,000,000 डॉलर का था. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि कनाडा ने जानबूझकर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट और अन्य अदालतों के फैसलों में दखल देने के लिए ऐसा किया है.
ट्रंप ने पोस्ट में आगे लिखा कि टैरिफ अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कनाडा के व्यवहार को घिनौने बताते हुए उसके साथ जारी सभी व्यापारिक वार्ताएं (Trade negotiations) रद्द करने की घोषणा की. कनाडा के लिए इसे बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि कनाडा और अमेरिका के बीच व्यापार पर बातचीत फिर से पटरी पर लौटने लगी थी.
दरअसल, हाल ही में कनाडा की ओंटारियो प्रांत की सरकार ने टैरिफ को लेकर एक विज्ञापन जारी किया था. इस विज्ञापन में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के भाषण का एक हिस्सा भी शामिल था, जिसमें वह टैरिफ के नुकसान बता रहे हैं. विज्ञापन में यह बताने की कोशिश की गई कि टैरिफ किस तरह से व्यापार और कन्ज्यूमर्स के लिए नुकसानदायक होता है. इस विज्ञापन को ट्रंप द्वारा हाल ही में लगाए गए टैरिफ से जोड़कर देखा जा रहा था.
यह विज्ञापन अमेरिका के भी मेनस्ट्रीम चैनलों में दिखाया गया था. हालांकि विज्ञापन जारी होते ही इस पर विवाद शुरू हो गया. रोनाल्ड रीगन फाउंडेशन ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि ओंटारियो सरकार का विज्ञापन पूर्व राष्ट्रपति के रेडियो संबोधन को गलत तरीके से दिखाता है. फाउंडेशन ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति की टिप्पणियों का इस्तेमाल करने के लिए उनसे अनुमति भी नहीं ली गई थी. इस वजह से वह विज्ञापन के खिलाफ कानूनी विकल्प भी तलाश रहे हैं.
सुधरने लगे थे अमेरिका-कनाडा के रिश्तेमालूम हो कि ट्रंप ने दूसरी बार अमेरिका की सत्ता संभालने के बाद से ही कनाडा पर बेहद सख्त रुख अपनाया था. उन्होंने तंज कसते हुए कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य तक बता दिया था. इसके अलावा उन्होंने कनाडा पर 35% टैरिफ भी लगाया था. वहीं कनाडा से इम्पोर्ट किए जाने वाले मेटल्स पर 50 फीसदी और ऑटोमोबाइल पर 25 फीसदी टैरिफ भी लगाया था. कनाडा को इससे बड़ा झटका लगा था, क्योंकि कनाडा का कुल एक्स्पोर्ट का तीन-चौथाई से ज़्यादा हिस्सा अकेले अमेरिका में जाता है. वहीं हर दिन लगभग 3.6 अरब कनाडाई डॉलर मूल्य की वस्तुएं और सर्विसेस अमेरिका जाती हैं.
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हालांकि बीते कुछ समय से कनाडा को लेकर ट्रंप के रुख में नरमी आ रही थी. कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी कुछ हफ्ते पहले अमेरिका भी पहुंचे थे, जहां उन्होंने वॉइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात की थी. ट्रंप और कार्नी के बीच दोनों देशों के रिश्ते सुधारने और टैरिफ का हल निकालने पर बातचीत हुई थी. कार्नी ने अमेरिका से जाते समय यह भी कहा था कि अब वह खुशी-खुशी वापस जा रहे हैं. लेकिन हालिया विज्ञापन विवाद से दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ता फिर से तनावपूर्ण हो गया.
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