टैरिफ आमतौर पर व्यापारिक मामलों में लागू होते हैं. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) अब इसका इस्तेमाल अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए कर रहे हैं. या कम से कम कोशिश कर रहे हैं. इस बार उन्होंने ब्राजील (Tariff on Brazil) को धमकी दी है कि वो 1 अगस्त से ब्राजील पर 50 प्रतिशत का भारी टैरिफ लगाएंगे. ब्राजील ने भी पलटकर जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है.
'टैरिफ बम' लेकर पूर्व राष्ट्रपति को बचाने पहुंचे ट्रंप, ब्राजील ने भी पलटकर धमकी दे दी
ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति Bolsonaro अमेरिकी राष्ट्रपति के करीबी हैं. फिलहाल उन पर Brazil के पत्रकारों और जजों की जासूसी करने सहित कई अन्य गंभीर आरोप लगे हैं. बोल्सोनारो पर केस चल रहा है और दोषी पाए जाने पर उनको कड़ी सजा मिल सकती है.

ट्रंप ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा को एक चिट्ठी लिखकर ये जानकारी दी है. वैसे तो उन्होंने कई देशों को पत्र लिखा है लेकिन इस चिट्ठी में टैरिफ लगाने का कारण अलग है.
बोल्सोनारो को बचाने आए ट्रंपदरअसल, ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो अमेरिकी राष्ट्रपति के करीबी हैं. फिलहाल उन पर ब्राजील के पत्रकारों और जजों की जासूसी करने सहित कई अन्य गंभीर आरोप लगे हैं. उनके खिलाफ चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के भी आरोप हैं. बोल्सोनारो पर केस चल रहा है और दोषी पाए जाने पर उनको कड़ी सजा मिल सकती है. ट्रंप ने इस पर आपत्ति जताई है और ब्राजील पर भारी टैरिफ लगाने के तमाम कारणों में से एक प्रमुख कारण इसे भी बताया है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है,
‘अमेरिकियों के अधिकारों का हनन’मैं पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो को जानता हूं. उनके साथ किया है और उनका बहुत सम्मान करता हूं. जैसा कि अधिकांश अन्य देशों के नेता करते हैं. जिस तरह से उनके साथ व्यवहार किया गया है, वो एक अंतरराष्ट्रीय अपमान है. ये मुकदमा नहीं होना चाहिए. ये एक साजिश (विच हंट) है जिसे तुरंत बंद किया जाना चाहिए!
ट्रंप ने भारी टैरिफ लगाने के पीछे कुछ और कारण भी बताए हैं. उन्होंने आगे लिखा है,
हाल ही में ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ सैकड़ों गैरकानूनी सेंसरशिप आदेश जारी किए. उन्हें लाखों डॉलर के जुर्माने और ब्राजील से बेदखल करने की धमकी दी है. ये अमेरिकियों के बोलने के मौलिक अधिकारों पर हमला है. इस कारण के साथ साथ स्वतंत्र चुनावों पर हमले के कारण, हम 1 अगस्त 2025 से ब्राजील पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाएंगे.
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने ट्रंप की इस चिट्ठी पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है,
ब्राजील एक संप्रभु राष्ट्र है, जिसके पास स्वतंत्र संस्थाएं हैं और वो किसी भी प्रकार की दखलअंदाजी को स्वीकार नहीं करेगा. एकतरफा टैरिफ बढ़ाने के किसी भी प्रयास का जवाब ब्राजील के आर्थिक पारस्परिकता कानून के तहत दिया जाएगा.
रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर ट्रंप ने इस हफ्ते 21 देशों को चिट्ठी भेजी है. ये वो देश हैं जिनको लेकर ट्रंप ने 2 अप्रैल को टैरिफ की घोषणा की थी. ब्राजील उन देशों में शामिल नहीं था. क्योंकि अमेरिका उस पर पहले से ही 10 प्रतिशत का टैरिफ लगा रहा था. अब ट्रंप ने उस पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है.
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भारत का मामला कहां पहुंचा?अमेरिका और भारत के बीच भी टैरिफ का मामला फंसा हुआ है. दोनों देशों के बीच समझौते के लिए बातचीत हो रही है. 2 अप्रैल को जिन देशों पर टैरिफ लगाया गया, ट्रंप ने 9 जुलाई तक के लिए उस पर रोक लगा दी. जिसे हाल ही में उन्होंने 1 अगस्त तक के लिए आगे बढ़ा दिया. लेकिन इस लिस्ट में भारत नहीं है. यानी कि भारत के लिए ट्रेड डील फाइनल करने की आखिरी तारीख 9 जुलाई ही थी. इसका मतलब है कि आजकल में भारत को लेकर भी ट्रंप कुछ बड़ा एलान कर सकते हैं.
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