
यहीं दी गई थी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी
भगत सिंह का नाम सुनते ही स्कूल, कॉलेज में हमारे मन और सीने में चौड़ वाला भाव आ जाता था. फख्र से भर जाते थे. भगत सिंह के लिए ऐसा ही पाकिस्तान वाले भी महसूस करते हैं. पाकिस्तान की सिविल सोसाइटी के लोग इसलिए फांसी वाली जगह पर भगत सिंह का भव्य स्मारक बनवाना चाहते थे.
कहने को सब कहते रहते हैं कि भगत सिंह जितने हिन्दुस्तानी थे, उतने ही पाकिस्तानी भी.
पर कुछ पाकिस्तानी कट्टरपंथियों के चलते भगत सिंह की मिट्टी से उनका हक छिन रहा है. कुछ कट्टरपंथियों के लिए मजहब की कट्टरता भगत सिंह की शहादत से ऊंची हो गई है.
उनका कहना है भगत सिंह की मूर्ति यहां नहीं लगाई जा सकती. वजह इस्लाम में बुतपरस्ती कुफ्र है. ज्यादा उर्दू हो गई हो तो सिंपल शब्दों में समझो कि इस्लाम के हिसाब से मूर्ति नहीं लगा सकते. पाप होता है. तब सिविल सोसाइटी वालों ने कहा कि हम मूर्ति नहीं लगाएंगे, केवल स्मारक बनायेंगे. फिर भी ये कट्टरपंथी इन्हें धमका रहे हैं. इनका कहना है यहां कुछ नहीं बनना चाहिए.
ये वो कट्टरपंथी हैं जो ग्लोबल जिहाद मूवमेंट से जुड़े हुए हैं. ये लोग भगत सिंह जैसे इस्लामी मजहब से इतर क्रांतिकारियों को अपना हीरो मानने वालों को डराते तो हैं ही. उनपर जानलेवा हमले भी कराते हैं.
अब पाकिस्तान के हफीज चाचड़ और जैनब धर इसी मुद्दे पर एक डॉक्यूमेंट्री लेकर आ रहे हैं. नाम है इंडेलीबल- भगत सिंह
पाकिस्तान की सिविल सोसाइटी भगत सिंह के सम्मान में जो कैंपेन चला रही है. उसमें उन्हें ऐसे कट्टरपंथी संगठनों से किस तरह के खतरे उठाने पड़ रहे हैं. इस फिल्म में दिखाया गया है. यह डॉक्यूमेंट्री पाकिस्तान में जुलाई के अंत में और भारत में अगस्त के पहले हफ्ते में रिलीज होगी. लो देखो फिल्म का ट्रेलर:
https://www.youtube.com/watch?v=k0WzMVYtGTM
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