The Lallantop

डॉ. पायल आत्महत्या केस में तीनों आरोपी डॉक्टरों को ज़मानत तो मिली पर इन शर्तों पर

मुंबई के BYL नायर अस्पताल की डॉक्टर पायल तड़वी ने फांसी लगा ली थी.

post-main-image
डॉ. पायल तड़वी आत्महत्या मामले में आरोपियों को बेल मिल गई है.
पायल तड़वी आत्महत्या मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने तीनों आरोपियों को जमानत दे दी है. तीनों आरोपियों हेमा आहूजा, भक्ति मेहर और अंकिता खंडेलवाल को 9 अगस्त को सुनवाई के बाद कोर्ट ने जमानत दे दी. तीन डॉक्टरों पर रैगिंग और जातिगत भेदभाव के अलावा डॉ. तड़वी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है. पायल तड़वी. मुंबई के BYL नायर अस्पताल में डॉक्टर थीं. गाइनकॉलजी में MD कर रही थीं. तीन सीनियर डॉक्टर्स की हरैसमेंट और जातिगत टिप्पणियों से तंग आकर 22 मई को हॉस्टल के अपने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
हाईकोर्ट ने सख्त शर्तों के साथ तीनों आरोपियों को जमानत दी है. कोर्ट ने आरोपियों को दो लाख का बॉन्ड भरने के लिए कहा है. कोर्ट ने ये भी कहा है कि तीनों आरोपी कोर्ट की अनुमति के बगैर मुंबई छोड़कर नहीं जा सकतीं हैं. हर दूसरे दिन इन्हें क्राइम ब्रांच के सामने हाजिरी देनी होगी. आरोपी तीनों डॉक्टरों को नायर अस्पताल में भी जाने की इजाजत नहीं है. तीनों डॉक्टर तब तक सस्पेंड रहेंगी जब तक कि मुकदमा पूरा नहीं हो जाता.
बंबे हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है.
बंबे हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है.

विशेष अदालत ने तीनों डॉक्टरों की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. इसके बाद तीनों डॉक्टरों ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था. विशेष अदालत ने यह कहते हुए उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी कि आरोपी डॉक्टरों के फरार होने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ की संभावना है.
क्राइम ब्रांच ने इस मामले में 1200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. इसमें डॉक्टर पायल तड़वी के मोबाइल से मिला सुसाइड नोट भी शामिल है.
पायल ने सुसाइड नोट में लिखा था,
अपनी जिंदगी खत्म करने के लिए मम्मी-पापा मैं आप लोगों से माफी मांगती हूं. मैं जानती हूं कि मैं आप लोगों के लिए कितनी खास हूं. आप लोगों ने मेरे लिए कितना कुछ किया है. लेकिन इस मुकाम पर चीजें असहनीय हो गई हैं. मैं उनके साथ एक मिनट भी नहीं रह सकती हूं.
...पूरी कोशिश के बावजूद हालात सुधर नहीं रहे हैं. मैं मानसिक रूप से परेशान हो गई हूं. यहां काम करने के लिए माहौल ठीक नहीं है. माहौल बदलेगा, इसकी उम्मीद खो चुकी हूं. क्योंकि मैं जानती हूं कि ये नहीं बदलेगा. खुद के लिए आवाज उठाने का कोई फायदा नहीं है. मेरी और स्नेहल की स्थिति के लिए मैं हेमा आहूजा, भक्ति मेहरा और अंकिता खंडेलवाल को जिम्मेदार ठहराती हूं. मैंने बहुत कोशिश की. कई बार आगे आई, मैडम से बात की लेकिन कुछ नहीं किया गया. मुझे सचमुच कोई रास्ता नहीं दिखा. मैं केवल अंत देख सकती हूं.
इस कदम को उठाने के लिए माफी मांगती हूं. अपनी दोस्त के बारे में काफी सोचा, मैं नहीं जानती कि कैसे स्नेहल इन तीनों का सामना करेगी. मैं उसे उनके सामने छोड़ने पर डरी हुई हूं.



सुषमा स्वराज ने अपनी इकलौती बेटी का नाम बांसुरी क्यों रखा?