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महाराष्ट्र में रातों रात बदला गेम, देवेंद्र फडणवीस सीएम और एनसीपी के अजित पवार डिप्टी सीएम बने

शिवसेना ने इसे अंधेरे में डाका डालना बताया.

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फोटो - thelallantop
महाराष्ट्र में बड़ा राजनीतिक उलटफेर हो गया है. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस पिछले कुछ दिनों से सरकार बनाने के लिए मीटिंग पर मीटिंग कर रहे थे. 22 नवंबर को ऐसी खबरें आईं कि 23 नवंबर यानी शनिवार को तीनों पार्टियां सरकार बनाने का दावा पेश करेंगी. लेकिन शनिवार सुबह बीजेपी ने एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ दिलाई. वहीं, अजित पवार को डिप्टी सीएम का पद मिला है. इससे पहले शरद पवार ने कहा था कि महाराष्‍ट्र में शिवसेना के नेतृत्‍व में सरकार बनेगी, लेकिन रातों रात बाजी पलट गई. और फडणवीस सीएम बन गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फडणवीस को दोबारा सीएम बनने पर बधाई दी. प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विश्‍वास है कि दोनों नेता महाराष्‍ट्र के बेहतर भविष्‍य के लिए मिलकर काम करेंगे. शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने चुनाव जीता था. और शिवसेना पीछे हट गई. महाराष्‍ट्र को स्थिर शासन की जरूरत थी. इसलिए हम साथ आए हैं. हम राज्‍य को एक स्थिर सरकार देंगे. फडणवीस ने कहा कि राज्‍य को खिचड़ी सरकार की जरूरत नहीं थी. शिवसेना ने जनादेश का अपमान किया. इसलिए हमें यह कदम उठाना पड़ा. अजीत पवार ने कहा कि चुनाव परिणाम के दिन से ही कोई भी पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं थी. महाराष्‍ट्र कई समस्‍याओं का सामना कर रहा है जिसमें किसानों का मुद्दा शामिल है. महाराष्‍ट्र में किसानों की समस्‍या हमारी प्राथमिकता है. इसलिए हमने एक स्थिर सरकार बनाने का फैसला किया. वही एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि ये फैसला पार्टी का नहीं है. शरद पवार ने उद्धव ठाकरे से बात की है. बीजेपी को समर्थन देना का फैसला एनसीपी का नहीं है. एनसीपी इस फैसले के साथ नहीं है. शरद पवार ने कहा कि अजित पवार ने पार्टी तोड़ दी. एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि शरद पवार का महाराष्ट्र में गठित सरकार से कोई लेना-देना नहीं है. हम अजित पवार के फैसले का समर्थन नहीं करते हैं. बीजेपी को समर्थन अजित पवार का निजी फैसला है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अजित पवार वकील से मिलने के बहाने बाहर गए थे. सत्ता और पैसे के दम पर पूरा खेला हुआ है. अजित पवार नजर नहीं मिला पा रहे थे. अंधेरे में अजित पवार ने डाका डाला है. संजय राउत ने कहा कि राज्यपाल भी इसमें शामिल हैं. राजभवन की शक्तियों का दुरुपयोग हुआ है. बीजेपी और फडणवीस सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं.अजित पवार और उनके साथियों ने छत्रपति शिवाजी का नाम बदनाम किया है. आज सुबह दो बार उद्धव ठाकरे से शरद पवार की बात हुई थी. अजित पवार को ईडी की जांच का डर है.
उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र का सीएम बनाने पर कैसे राजी हुई कांग्रेस और एनसीपी?।दी लल्लनटॉप शो। एपिसोड 351

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