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कस्टमर केयर में फोन किया और अकाउंट से लाखों रुपये उड़ गए, ये फ्रॉड जानकर सिर चकरा जाएगा!

ऑनलाइन ठगों ने नया तरीका निकाला है.

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सांकेतिक फोटो.

ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) करने वाले ठग नए तरीके अपना रहे हैं. आपको सोचने का टाइम भी नहीं मिलेगा और अकाउंट से पैसे सफाचट हो जाएंगे. घोटालेबाज गूगल पर असल कस्टमर केयर के नंबर बदलकर खुद का कॉन्टैक्ट डाल रहे हैं (Cybercrime Scam Maharashtra). ताकि जब आप उनके पास समस्या लेकर जाएं, तो समाधान के नाम पर आपको चूना लगा सकें. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 31 दिसंबर को महाराष्ट्र के मालाबार हिल पुलिस स्टेशन में ऐसे दो मामले दर्ज किए गए.

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पहला मामला

पीड़िता का नाम- अमीषा कनोरिया
उम्र- 39 साल 
ठगी- 80 हजार रुपये की

अमीषा एक लेखिका हैं. उन्होंने वीमेंस एरा नाम की मैगजीन के लिए शॉर्ट स्टोरी लिखी थी. पेमेंट के सिलसिले में अमीषा को जानकारी चाहिए थी. शुक्रवार, 30 दिसंबर को सुबह करीब 11 बजे उन्होंने ऑनलाइन मैगजीन का नंबर निकाला और फोन किया.

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, सामने से शख्स ने कहा कि वो मैगजीन कंपनी से बात कर रहा है. अमीषा ने अपनी परेशानी बताई. तो शख्स ने उनसे एक ऐप इंस्टॉल करने के लिए कहा. रस्क सपोर्ट नाम की ऐप. कुछ मिनटों बाद महिला के खाते से 80 हजार रुपये उड़ गए. दो बार 40-40 हजार रुपये निकाले गए. अमीषा ने शख्स से इसके बारे में पूछा तो उसने कहा कि गलती से निकल गए हैं, वापस आ जाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अमीषा ने तुरंत ऐप डिलीट कर दिया. फिर पुलिस में शिकयत की.  

पुलिस को शक है कि वो ऐप स्क्रीन शेयरिंग का था.  उसके जरिए आरोपी ने अमीषा की बैंक डीटेल्स निकालीं और पैसे निकाल लिए. पुलिस ने प्ले स्टोर पर ऐप ढूंढा, लेकिन उस नाम का कोई ऐप नहीं था.

दूसरा मामला

पीड़ित का नाम- यजदी पावरी
उम्र- 57 साल 
ठगी- 1 लाख 28 हजार रुपये की

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यजदी फूड डिलवरी ऐप स्विगी का इस्तेमाल करते हैं. एक ऑर्डर का रिफंड आना था. उसकी जानकारी के लिए यजदी ने गूगल से स्विगी कस्टमर केयर सेंटर का नंबर निकाला. शुक्रवार, 30 दिसंबर की शाम करीब 6 बजे फोन मिलाया.

रिपोर्ट्स के अनुसार, फोन उठाने वाले शख्स ने यजदी को टीम व्यूवर नाम की ऐप इंस्टॉल करने को कहा. रिफंड पाने के लिए यजदी उसकी सारी बात मानता रहे. कुछ देर में यजदी के खाते से 1 लाख 28 हजार रुपये डेबिट हो गए. पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों ही मामलों में पुलिस ने IT एक्ट से जुड़ी धाराओं और IPC के तहत धोखाधड़ी और प्रतिरूपण का केस दर्ज किया है. 

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