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आरक्षण की सीमा बढ़े, चीन पर स्थिति साफ करे सरकार, कांग्रेस की टॉप मीटिंग में क्या मांगें उठीं?

CWC बैठक में अनंतनाग एनकाउंटर को लेकर प्रधानमंत्री पर भी सवाल उठाया गया. कहा गया कि जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों के शहीद होने की खबर मिलने पर देश शोक मना रहा था. तब प्रधानमंत्री खुद को G20 की बधाई देने के लिए दिल्ली में जश्न मना रहे थे.

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CWC बैठक में पास हुए शोक प्रस्ताव (फोटो- PTI)

हैदराबाद में आयोजित कांग्रेस वर्किंग कमिटी (Congress Working Committee) की बैठक में मणिपुर जातीय हिंसा और हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा में लोगों की मौत को लेकर शोक प्रस्ताव पास किए गए हैं. इसके अलावा मीटिंग में बेरोजगारी, महंगाई, सीमा पर चीन के हस्तक्षेप, जम्मू-कश्मीर एनकाउंटर समेत कई मुद्दों पर बीजेपी की केंद्र सरकार को घेरा गया. CWC की दो दिन (16 और 17 सितंबर) की बैठक हैदराबाद में हो रही है.

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CWC ने मणिपुर की स्थिति पर दुख जताते हुए प्रस्ताव पास किया. इसमें बताया गया कि वहां आगजनी से संबंधित घटनाओं में 200 से ज्यादा लोगों की मौत, 500 से ज्यादा लोग घायल और करीब 60 हजार लोग विस्थापित हुए हैं. प्रस्ताव में CWC ने संकल्प लिया है कि कांग्रेस पार्टी विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास में हरसंभव मदद करेगी. CWC ने मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह को तत्काल हटाने और राष्ट्रपति शासन लागू करने की कांग्रेस पार्टी की मांग को भी दोहराया.

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हिमाचल प्रदेश पर शोक प्रस्ताव में CWC ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वो इसे ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करे. साथ ही बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय सहायता देने की भी मांग की गई है. प्रस्ताव में बताया गया कि बाढ़, बारिश और लैंडस्लाइड के चलते हिमाचल में लगभग 430 लोगों की मौत हुई हैं. वहीं 39 लोग लापता हुए हैं और कम से कम 12,000 घर बर्बाद हुए. बड़ी संख्या में किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं.

BJP पर साधा निशाना!

इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में हुए एनकाउंटर को लेकर प्रधानमंत्री पर भी सवाल उठाया गया. बैठक में कहा गया,

“जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों के शहीद होने की खबर मिलने पर देश शोक मना रहा था. तब BJP और प्रधानमंत्री मोदी खुद को G20 की बधाई देने के लिए दिल्ली में जश्न मना रहे थे. ये न सिर्फ बेशर्मी की पराकाष्ठा है बल्कि जवानों की शहादत का अपमान है.”

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वहीं चीन के मुद्दे पर CWC मीटिंग में कहा गया,

“बेहद अफसोस की बात है कि 19 जून, 2020 को चीन को क्लीन चिट देकर और भारतीय क्षेत्र पर कब्जे की बात से इनकार कर प्रधानमंत्री ने देश को गुमराह किया. हम सरकार से चीन के साथ सीमा विवाद पर स्थिति साफ करने और भारतीय क्षेत्र की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए मजबूत रुख अपनाने का आह्वान करते हैं.”

बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा गया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वादे के अनुरूप BJP हर साल दो करोड़ नौकरी देने में विफल रही है. और प्रधानमंत्री का तथाकथित रोजगार मेला तमाशा के अलावा कुछ नहीं है. ये सिर्फ और सिर्फ धोखा है. 

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प्रस्ताव में कांग्रेस ने साफ करते हुए कहा कि वो ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ प्रस्ताव को खारिज करती है. बता दें कि ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के लिए बनी 8 लोगों की कमिटी में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को भी शामिल किया गया था, लेकिन उन्होंने शामिल होने से इनकार कर दिया था. 

CWC ने जाति जनगणना कराने की मांग को भी उठाया और कहा कि पूरे देश से इसकी मांग उठ रही है, लेकिन मोदी सरकार इससे इनकार कर रही है. इसी कड़ी में CWC ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और OBC के लिए आरक्षण की मौजूदा ऊपरी सीमा को बढ़ाने का आह्वान किया.

कांग्रेस ने बताया कि पार्टी मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और अन्य चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए समिति गठन के प्रस्ताव का भी विरोध करेगी. आरोप लगाया कि इसका उद्देश्य चुनाव निकाय की स्वतंत्रता को कमजोर करना है. आखिर में CWC ने ‘INDIA’ गठबंधन की निरंतर एकजुटता का तहे दिल से स्वागत किया. दावा किया कि इस गठबंधन से प्रधानमंत्री और BJP काफी बौखलाए हुए हैं.

इसके अलावा CWC ने केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए भी एक शोक प्रस्ताव पारित किया. उनका इसी साल 18 जुलाई को देहांत हो गया था.

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