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गाय ने टक्कर मारी तो ट्रैक्टर में बांधकर खींचा और सींगें तोड़कर मार डाला

दो दलितों ने रोका, तो उनका मजाक उड़ाया.

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ये घटना है हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव बोलानी की. जहां एक गाय को टैक्टर को खींचा गया. उसकी सींग तोड़ दी गई. और उसे मरने के लिए छोड़ दिया गया. गाय का कुसूर ये था कि उसने एक बाइक सवार को टक्कर मार दी थी, जिसके चलते उसे थोड़ी चोट लग गई थी. ये घटना जिस इलाके की है, वो कसोला पुलिस स्टेशन के अंडर में आता है. पुलिस ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया,
'ये घटना 10 अगस्त की है. जब गाय से बाइक वाले को चोट लग गई, तो उसने दो लोगों को एक ट्रैक्टर के साथ बुलाया और उनकी मदद से गाय को ट्रैक्टर के पीछे बांधा. और बांधकर तब तक खींचा, जब तक गाय बेहोश नहीं हो गई. इतने पर भी जब उनका मन नहीं माना तो उन्होंने गाय के सींग तोड़ दिए.'
दो दलित, जिन्होंने उनके इस घिनौने काम से उनको रोकने की कोशिश की, इन लोगों ने उन दलितों का भी मजाक उड़ाया. इन्होंने गाय के बारे में पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद गाय को झज्जर जिले में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. गाय की तीन दिन बाद अस्पताल में ही घावों के चलते मौत हो गई. बोलानी गांव से बहुत से IAS, IPS और सेना के अफसर हैं. और ये गांव सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत केन्द्रीय मंत्री और गुरुग्राम से MP राव इंद्रजीत सिंह ने गोद लिया था. पुलिस ने इस मामले में IPC की तमाम धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज किया है. और धर्मू नाम का जो आदमी ट्रैक्टर चला रहा था और मुकेश मीना के खिलाफ जानवरों के खिलाफ निर्दयता की रोकथाम वाले कानून के तहत भी केस दर्ज किया गया है. कसोला पुलिस स्टेशन के SHO हितेंद्र कुमार ने बताया,
'गाय की मौत के बाद इन पर पुलिस ने हरियाणा गोवंश संरक्षण और गोसंवर्धन एक्ट 2015 की धाराएं भी लगा दी हैं. दोनों को 18 अगस्त को गिरफ्तार किया गया. और साथ ही जो ट्रैक्टर गाय को खींचने में यूज किया गया था, उसे भी सील कर दिया गया है.'
कुछ गांव वालों का कहना है कि पुलिस को गायों के मरने की कोई खबर नहीं थी. न ही उन्होंने अस्पताल से इस बारे में कोई रिपोर्ट मांगी थी. ये तो आस-पास के लोगों का दबाव था, जिसके बाद पुलिस को आरोपियों के खिलाफ एक्शन लेना पड़ा. ये बात एक गांव वाले ने बताई. पर उसने अपना नाम छापने से मना कर दिया. पुलिस का कहना है कि कार्रवाई में देर कुछ टेक्नीकल रीजन की वजह से हुई. इसी साल के मार्च में हरियाणा गोवंश संरक्षण और गोसंवर्धन एक्ट 2015 पास किया था. जिसमें गाय काटने पर सजा का इंतजाम किया गया था. इसके हिसाब से इस तरह का क्राइम करने पर 10 साल की सजा और 1 लाख के जुर्माने का प्रावधान था. ये कानून बैलों, बछड़ों, सांड़ों और बछिया पर भी लागू होता है.

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