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CJI चंद्रचूड़ ने अपनी विदाई में क्या-क्या कहा? आखिरी दिन उनके कई 'राज' सबको पता चल गए

भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशंवत चंद्रचूड़ का 8 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में आखिरी वर्किंग डे था. इस मौके पर परंपरा के तहत उनके साथी जजों ने उन्हें विदाई दी. इस दौरान अनुभवों का सैलाब उमड़ पड़ा.

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CJI चंद्रचूड़ को सुप्रीम कोर्ट में आज विदाई दी गई. (तस्वीर:Supreme Court/Youtube)

भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशंवत चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud retire) अपने जन्मदिन से एक दिन पहले 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. 8 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में उनका आखिरी वर्किंग डे था. यानी कामकाज का आखिरी दिन. इस मौके पर परंपरा के तहत उनके साथी जजों ने उन्हें विदाई दी. इस दौरान अनुभवों का सैलाब उमड़ पड़ा. डीवाई चंद्रचूड़ यादों के सागर में खो गए. CJI के लिए उनके साथियों ने अच्छी-अच्छी बातें कहीं. जहां सीनियर एडवोकेट शिखिल सूरी ने अपने बेटे के हाथों बनाई गई CJI की पेटिंग उन्हें दिखाई. तो वहीं मशहूर वकील नानी पालकीवाला ने CJI चंद्रचूड़ की भावी योजनाओं को टटोलने की कोशिश की.  

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CJI चंद्रचूड़ ने बचपन याद किया

कोर्ट-कचहरी से जुड़ी खबरों को सामने लाने वाली वेबसाइट ‘बार एंड बेंच’ की रिपोर्ट के अनुसार, CJI की विदाई के लिए सेरेमोनियल बेंच बैठी. CJI चंद्रचूड़ ने इस मौके पर अपने बचपन को याद किया. उन्होंने कहा,

“कल शाम, जब मेरे रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल ने मुझसे पूछा कि विदाई समारोह कब रखा जाए तो मुझे बताया गया कि दोपहर 2 बजे रखा जा सकता है. जिससे तब तक बहुत सारे मामलों का निपटारा हो जाएगा. मैंने सोचा कि क्या शुक्रवार की दोपहर 2 बजे इस कोर्ट में कोई होगा. या केवल मैं ही रहूंगा.”

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उन्होंने आगे कहा,

“एक युवा वकील की तरह मैंने जिरह की कला और अदालत में काम करने के तौर-तरीके सीखे. हम सब यहां एक तीर्थयात्री के रूप में हैं और हमारे काम किसी भी मामले की दिशा तय कर सकते हैं. कई अच्छे न्यायाधीश हुए जिन्होंने कोर्ट को सुशोभित करते हुए कारवां को आगे बढ़ाया. मेरे इस कोर्ट से विदा लेने के बाद भी ज्यादा अंतर नहीं पड़ेगा क्योंकि अब जस्टिस संजीव खन्ना जैसे गंभीर और प्रतिष्ठित व्यक्ति कार्यभार संभालेंगे.”

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि यह न्याय की यात्रा है जिसने उन्हें हमेशा आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित किया.

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CJI को क्या खाना बहुत पसंद? खुलासा हुआ

डीवाई चंद्रचूड़ के कॉलेज के दिनों में सहपाठी रहे जस्टिस हृषिकेश राव ने भी उन्हें याद किया. उन्होंने कहा, “चंद्रचूड़ मेरे क्लासमेट रहे हैं. हम दोनों के अलावा जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एस रवींद्र भट्ट भी हमारे साथ पढ़े थे. हम चारों साल 1982 में दिल्ली के कैंपस लॉ सेंटर से पासआउट हुए थे.”

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11 नवंबर को नए CJI का कार्यभर संभालने जा रहे जस्टिस संजीव खन्ना ने भी अपने अनुभवों को साझा किया. उन्होंने चंद्रचूड़ के समोसे के प्रति प्यार का जिक्र किया. संजीव खन्ना ने कहा,

“चंद्रचूड़ वीगन हैं और रोज सुबह 4 बजे उठ जाते हैं. उन्हें समोसा बहुत पसंद है, लेकिन मीटिंग के दौरान वे कुछ नहीं खाते. उन्हें संगीत सुनना, लंबी पैदल यात्रा करना अच्छा लगता है. इसके अलावा उनकी क्रिकेट में रुचि है.”

साल 1959 में 11 नवंबर को पैदा हुए जस्टिस चंद्रचूड़ 13 मई 2016 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से सुप्रीम कोर्ट में प्रमोट किए गए थे. उन्होंने कुल 612 फैसले लिखे हैं. अपने आखिरी दिन भी उन्होंने 45 मामलों की सुनवाई की.

वीडियो: CJI DY Chandrachud ने Supreme Court से कैसे विदाई ली?

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