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पाकिस्तान और बांग्लादेश वीजा-फ्री एंट्री पर सहमत, भारत के लिए ये बड़ी टेंशन की बात है

Pakistan के गृह मंत्री मोहसिन नक़वी और उनके बांग्लादेशी समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) जहांगीर आलम चौधरी के बीच एक हाई लेवल मीटिंग हुई. जिसके बाद ये फैसला लिया गया.

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दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच हाई-लेवल मीटिंग हुई (फोटो: इंडिया टुडे)

पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच वीजा-फ्री एंट्री (Visa-Free Entry) को लेकर सहमति बन गई है. हालांकि, यह सुविधा सिर्फ राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट होल्डर्स के लिए ही मान्य होगी. ढाका में दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच एक हाई-लेवल मीटिंग हुई, जिसके बाद ये फैसला लिया गया.

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नक़वी और उनके बांग्लादेशी समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) जहांगीर आलम चौधरी के बीच एक हाई लेवल मीटिंग हुई. पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा, 

राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट होल्डर्स के लिए वीजा-फ्री एंट्री की सुविधा के संबंध में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल हुई है और दोनों देश इस मामले पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं.

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हालांकि, ये वीजा-फ्री व्यवस्था कब शुरू होगी, इसकी कोई तारीख नहीं बताई गई है. मीटिंग के दौरान, दोनों देश आंतरिक सुरक्षा और पुलिस प्रशिक्षण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए. गृहमंत्री चौधरी और नक़वी ने नशीले पदार्थों और मानव तस्करी से निपटने के प्रयासों पर भी चर्चा की. 

इस दौरान जहांगीर आलम चौधरी ने पाकिस्तान के गृह मंत्री नक़वी को गार्ड ऑफ ऑनर देकर सम्मानित किया. उन्होंने बांग्लादेशी अधिकारियों को पुलिस ट्रेनिंग की पेशकश के लिए नकवी का आभार जताया. बांग्लादेश का एक डेलीगेशन जल्द ही पाकिस्तान की राष्ट्रीय पुलिस अकादमी का दौरा करेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, नई योजनाओं के मैनेजमेंट और कोऑर्डिनेशन के लिए एक जॉइंट कमेटी बनाई जाएगी. जिसका नेतृत्व पाकिस्तान के गृह सचिव खुर्रम आगा करेंगे.

संबंधों में सुधार की कोशिश

1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के बाद दोनों देश अपने ठंडे पड़ चुके संबंधों को एक फिर से पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं. बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार बनने के बाद दोनों देशों के संबंधों में सुधार हुआ है. इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान की विदेश सचिव आमना बलूच ने ढाका का दौरा किया था. 84 साल के नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस, शेख हसीना की नीतियों के कट्टर विरोधी हैं. जबकि शेख हसीना भारत समर्थक और पाकिस्तान विरोधी रही हैं. 

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भारत की चिंता क्यों बढ़ गई?

पाकिस्तान और बांग्लादेश के इस कदम पर भारत की कड़ी नजर रहेगी. इस समझौते के बाद इस्लामाबाद के अधिकारियों की बांग्लादेश तक पहुंच आसान हो जाएगी. जिससे बांग्लादेश में ISI एजेंट और पाकिस्तानी जासूसों की आवाजाही भी आसान हो जाएगी. भारत को चिंता है कि पाकिस्तानी अधिकारियों की बढ़ती मौजूदगी से बांग्लादेश में भारत-विरोधी इस्लामी चरमपंथ फिर से पनप सकता है. जो भारत को निशाना बना सकता है और नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में विद्रोही समूहों को समर्थन दे सकता है.

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