महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में एक 16 साल के लड़के ने अपनी जान दे दी. बताया जा रहा है कि वह पिछले तीन महीनों से अपनी मां की मौत की वजह से सदमे में था. पुलिस को नाबालिग के पास से एक नोट भी मिला. इसमें उसने बताया है कि उसकी मां सपने में आई थी. सपने में मां ने कथित तौर पर उससे कहा कि तुम इतने परेशान क्यों हो, मेरे पास आ जाओ. लड़के ने नोट में आगे लिखा कि उसे मां ने मुझे बुलाया है.
डॉक्टर बनने की तैयारी कर रहा था, 'मृत मां ने सपने में अपने पास बुलाया', जान दे दी
मृतक का नाम शिवशरण भुटाली तालकोटी है. तीन महीने पहले उसकी मां की पीलिया (jaundice) के कारण मौत हो गई थी. तब से वह सदमें में था.

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक घटना शुक्रवार, 25 जुलाई की है. मृतक का नाम शिवशरण भुटाली तालकोटी है. तीन महीने पहले उसकी मां की पीलिया के कारण मौत हो गई थी. तब से वह अपने मामा के घर पर रहकर पढ़ाई कर रहा था. वहीं उसका शव बरामद हुआ. इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
पुलिस के मुताबिक उसे शव के पास से एक नोट बरामद हुआ, जिसमें लिखे शब्द हर किसी की आंखें नम कर सकते हैं. युवक ने लिखा कि उसका नाम शिवशरण है और वह जान दे रहा है. मां के जाने के बाद उसे भी चले जाना चाहिए था. लेकिन चाचा और दादी के चेहरे देखकर वह रुक गया. उसने आगे लिखा कि उसकी मां कल रात उसके सपने में आईं और पूछा कि वह इतना परेशान क्यों है. नाबालिग ने नोट में आगे लिखा कि उसकी मां ने उसे पास आने को कहा है.
अपने नोट में शिवशरण ने चाचा और दादी के प्रति आभार भी जताया. लिखा, ‘चाचा, आपने मेरे माता-पिता से ज़्यादा किया. मेरी बहन का ख्याल रखना.’ युवक ने चाचा के लिए आगे लिखा कि दादी को पापा के पास मत भेजना. सब लोग अपना ध्यान रखना. वह खुद ही अपना जिम्मेदार है. रिपोर्ट के मुताबिक नोट के आखिर में उसने अपना सिग्नेचर भी किया है.
पुलिस को परिजनों ने बताया कि शिवशरण पढ़ाई में तेज था. उसने 10वीं कक्षा में 92 प्रतिशत नंबर हासिल किए थे. वह मेडिकल की प्रवेश परीक्षा (NEET) की तैयारी कर रहा था. उसका सपना डॉक्टर बनने का था, लेकिन मां की मौत के बाद वह सदमे में था. फिलहाल सोलापुर सिटी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस जांच कर रही है.
(अगर आप या आपके किसी परिचित को खुद को नुकसान पहुंचाने वाले विचार आ रहे हैं तो आप इस लिंक में दिए गए हेल्पलाइन नंबरों पर फोन कर सकते हैं. यहां आपको उचित सहायता मिलेगी. मानसिक रूप से अस्वस्थ महसूस होने पर डॉक्टर के पास जाना उतना ही जरूरी है जितना शारीरिक बीमारी का इलाज कराना. खुद को नुकसान पहुंचाना किसी भी समस्या का समाधान नहीं है.)
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