चीन की एक लड़की को भारत और भारत की संस्कृति से प्यार हो गया. इतना ज्यादा कि चीन की एक यूनिवर्सिटी ज्वाइन कर ली हिंदी सीखने के लिए. कई साल तक हिंदी सीखी और फिर सीधे भारत की फ्लाइट पकड़ ली और दिल्ली आ गईं. हिंदी बोलने और समझने में कुछ कमी दिखी तो जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में एडमिशन ले लिया. जेएनयू में एक साल का हिंदी भाषा में डिप्लोमा का कोर्स किया. चीन में जिस टीचर ने हिंदी सिखाई थी उन्होंने उसे नाम दिया मीरा. ये नाम भी हिंदी में दिलचस्पी के चलते ही मिला.
भारत से इतना प्रेम कि चीन की मीरा ने सीखी फर्राटेदार हिंदी, बताया भारत पर चीन में क्या भ्रम फैला?
मीरा भारत से प्रेम के चलते सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं, JNU से हिंदी सीखने के बाद भारत-चीन के लिए वो जो काम कर रही हैं, उसके लिए उन्हें कई अवार्ड मिल चुके हैं

मीरा चीन के पेइचिंग शहर में रहती हैं. अब हिंदी सीखने के बाद मीरा फ़ेसबुक और यूट्यूब पर भारत और चीन की संस्कृति के बीच समानताओं और विभिन्नताओं के बारे में वीडियो बनाती हैं. साथ ही चीन के बारे में पूरी दुनिया को हिंदी में बताती हैं. भारत को लेकर अपना अनुभव भी शेयर करती हैं. मतलब चीन वालों को भारत के बारे में और भारत वालों को चीन के बारे बताती हैं.
भारत चीन में क्या समानता बताई?ये सब करते-करते मीरा सोशल मीडिया पर खूब फेमस हो गईं. करीब 60 लाख फॉलोअर्स हो गए हैं. मीरा सोशल मीडिया पर अक्सर वीडियो साड़ी और सूट पहनकर ही बनाती हैं. इस बारे में उन्होंने गुड न्यूज़ टुडे की अनामिका गौड़ को बताया कि उन्हें भारतीय परिधान बेहद पसंद हैं और उनके पास लगभग 35 साड़ियां हैं जिन्हें उन्होंने दिल्ली के सरोजनी नगर से लिया है. भारत और चीन की समानता पर बात करते हुए वो कहती हैं कि भारत में चाय पी जाती है वैसे ही चाय चीन में भी पी जाती है. चीन में भी भारत की तरह सब परिवार के साथ मिलजुल कर ही रहते हैं, काफी चीजें एक जैसी हैं.
मीरा ने गुड न्यूज़ टुडे को बताया कि चीन में लोगों को लगता है कि भारत महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है. लेकिन जब वो दिल्ली में रहीं तो उन्हें समझ आया कि ऐसा नहीं है. उनके मुताबिक भारत भी उतना ही सुरक्षित है जितना चीन. इसी तरह वो कहती है कि भारत के लोगों को लगता है कि चीन के लोग छोटे-छोटे होते हैं और उनकी आंखें भी छोटी होती हैं. उनके मुताबिक ऐसा नहीं है और चीन में भी लंबे लोग होते हैं और वहां कुछ लोगों की ही आंखें छोटी होती हैं.
चलते-चलते आपको मीरा की एक इच्छा भी बता दें, वो चाहती हैं कि चीन और भारत के लोगों के बीच में मेल-मिलाप और बढ़ना चाहिए जिससे दोनों देशों के रिश्ते और भी मजबूत हों. मीरा के इसी जज्बे के चलते उन्हें भारतीय दूतावास की ओर से चीन-भारत मैत्री राजदूत के अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है.
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