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छत्तीसगढ़ में अब पुलिस अधिकारी पर लाखों लीटर पानी 'चुराने' का आरोप, मछलियां पालनी थीं

इससे पहले छत्तीसगढ़ के एक फूड इंस्पेक्टर ने बांध के पास खोया अपना मोबाइल ढूंढने के लिए लाखों लीटर पानी बर्बाद करवा दिया था.

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अधिकारी ने अपने निजी फार्म पर मछली पालन के लिए इस पानी का इस्तेमाल किया. (फोटो- आजतक)

ऐसा लगता है छत्तीसगढ़ के अधिकारी पानी की बर्बादी करने में लगे हैं. बीते महीने राज्य के एक फूड इंस्पेक्टर ने बांध के पास खोया अपना मोबाइल ढूंढने के लिए लाखों लीटर पानी फिजूल करवा दिया था. अब छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग के एक अधिकारी पर आरोप लगे हैं कि उसने लाखों लीटर पानी की ‘चोरी’ की है.

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निजी फार्म में किया इस्तेमाल

आजतक से जुड़े किशोर साहू की रिपोर्ट के मुताबिक मामला छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले का है. यहां पुलिस विभाग में एसडीओपी के पद पर तैनात हैं मयंक रनसिंह. उन पर अपने निजी फार्म पर मछली पालन के लिए लाखों लीटर पानी चोरी करने का आरोप लगा है. मयंक ने कथित रूप से मछलियां पालने के लिए इस पानी का इस्तेमाल किया. रिपोर्ट के मुताबिक फार्म के लिए पानी बालोद जिले के दर्रीटोला जलाशय से निकाला गया था.

इस मामले को लेकर जल संसाधन विभाग के अधिकारी और ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि अधिकारी मयंक पिछले एक साल से पानी की चोरी कर रहे थे. बताया गया कि वो मोटर लगाकर पानी का इस्तेमाल अपने निजी फार्म में करते थे. मामला सामने आते ही जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई की. जलाशय से आरोपी अधिकारी द्वारा लगवाई गई मोटर को हटाया गया. जिसके बाद विभाग ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. खबर लिखे जाने तक आरोपी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी नहीं थी.

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फोन खोया, डैम का पानी खाली करा दिया

इससे पहले 21 मई को छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में बने परलकोट डैम में फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास का फोन गिर गया था. राजेश अपने दोस्तों के साथ घूमने और पार्टी करने निकले थे. वो दोस्तों के साथ डैम के ऊपर घूम रहे थे, तभी उनका सैमसंग एस23 मोबाइल फोन पानी में जा गिरा. फोन गिरने के बाद आसपास के ग्रामीणों और कई गोताखोरों को मोबाइल की तलाशी में लगाया गया.

कई घंटे तलाशी चली. जब फोन नहीं मिला तो फूड इंस्पेक्टर ने डैम का पानी खाली करने के लिए डीजल पंप मंगाया. तीन दिन तक पंप चला. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कथित तौर पर कई लाख लीटर पानी डैम से निकाल दिया गया.

मामले की जानकारी सिंचाई विभाग के अफसरों तक पहुंची तो पंप को बंद कराया गया. हालांकि, तब तक साहब का फोन मिल गया था. लेकिन फोन काम नहीं कर रहा था. मामले को लेकर जल संसाधन विभाग के अधिकारी आरसी धीवर ने कहा था कि नियम के अनुसार मौखिक तौर पर पांच फीट तक पानी खाली करने की इजाजत दी गई थी. लेकिन दस फीट पानी खाली कर दिया गया.

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रिपोर्ट के मुताबिक जब फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास से पूछा गया कि फोन की ऐसी क्या जरूरत थी, तो उन्होंने बताया कि फोन में कुछ अहम विभागीय जानकारी मौजूद थी. उन्होंने आगे बताया कि फोन ज्यादा गहराई में नहीं गिरा था इसलिए उन्होंने उसे ढूंढने का प्रयास किया.

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