भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर हमले के आरोपियों ने बड़ा खुलासा किया है. यूपी के सहारनपुर जिले की पुलिस ने इस हमले को अंजाम देने वाले 4 आरोपियों को हरियाणा के अंबाला से अरेस्ट किया है. उन्होंने पूछताछ में बताया है कि उनके समुदाय के खिलाफ भीम आर्मी के कामों से वो आहत थे और इसलिए ही चंद्रशेखर पर गोली चलाई.
'समुदाय विरोधी काम किया इसलिए मारी गोली...', चंद्रशेखर पर हमला करने वालों ने और क्या बताया?
चंद्रशेखर आजाद पर हमले के आरोपियों में से 3 सहारनपुर जिले के ही निकले

आजतक से जुड़े संतोष शर्मा की एक रिपोर्ट के मुताबिक सहारनपुर पुलिस को 30 जून को देर रात सूचना मिली थी कि सभी शूटर्स ने हरियाणा की सीमा में प्रवेश किया है और यमुनानगर से होते हुए अंबाला पहुंचे हैं. इसी इनपुट पर यूपी एसटीएफ और यूपी पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से आरोपियों को धर दबोचा. चारों को अंबाला के शहजादपुर के अग्रवाल ढाबा से गिरफ्तार किया गया. इनके पास से पुलिस ने हथियार भी बरामद किए हैं. इसके कुछ घंटे बाद शनिवार, 1 जून की सुबह अंबाला पुलिस ने चारों को यूपी पुलिस के हवाले कर दिया.
पकड़े गए 4 आरोपियों में तीन देवबंद के रणखंडी के रहने वाले हैं. इनकी पहचान प्रशांत, विकास और लविश के रूप में हुई है. वहीं एक अन्य शूटर विकास हरियाणा का रहने वाला है. बताया जा रहा है कि आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वो चंद्रशेखर पर हमला करने के बाद अंबाला कोर्ट में सरेंडर करने की तैयारी में थे.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक हरियाणा पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वो भीम आर्मी की उनके समुदाय के खिलाफ चलाई जा रही गतिविधियों और सोशल मीडिया पर चंद्रशेखर के बयानों आहत थे. पुलिस ने आरोपियों से हुई पूछताछ के आधार पर कथित तौर पर अपराध को अंजाम देने में इस्तेमाल हुईं दो देशी पिस्टल, कारतूस और एक कार जब्त की है.

बता दें कि 28 जून की शाम को चंद्रशेखर आजाद पर हमला हुआ था. चंद्रशेखर, आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के मुखिया हैं. वो जब वो दिल्ली से देवबंद जा रहे थे, तभी एक कार में सवार हमलावरों ने उन पर गोली चला दी. उनको कमर पर गोली लगकर निकल गई. जिसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया. 29 जून को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया.

भीम आर्मी चीफ ने खुद पर हमले को लेकर कहा था, "मैं दिल्ली से वापस आ रहा था. वहां एक साथी कार्यकर्ता की माताजी की मौत हो गई थी. इसके बाद मुझे एक संत की मौत होने पर उनके अंतिम दर्शन में जाना था. देवबंद में जिस समय मुझ पर हमला हुआ, मैं अपनी कार में फोन चला रहा था. अचानक गोली चली और शीशे से टकराई. इससे शीशा टूट गया. मुश्किल से 20 सेकेंड के अंदर 3 से 4 गोली चलीं. जिस गाड़ी से गोली चल रही थीं, वह मुझसे पीछे चल रही थी".
वीडियो: चंद्रशेखर पर चार राउंड फायरिंग, पीछे से आए हमलावरों की कार से क्या पता चल गया?