21 मई 2025 की रात, आसमान साफ़ था, सब कुछ सामान्य लग रहा था. इंडिगो की फ्लाइट 6E2142 दिल्ली से श्रीनगर के लिए उड़ान भर चुकी थी. यात्रियों की कमर बेल्ट बंध चुकी थी, कुछ लोग नींद में झुक गए थे, कुछ खिड़की से बाहर झांकते हुए बादलों की सुंदरता में खोए थे. लेकिन तभी... अचानक जैसे किसी अदृश्य राक्षस ने विमान को झकझोर दिया.
टर्बुलेंस से थर्राया इंडिगो का प्लेन: डरावनी हवा की मार के बीच फ्लाइट में क्या-क्या होता है?
IndiGo Flight Turbulence: 21 मई को इंडिगो फ्लाइट में एयर टर्बुलेंस से विमान की नोज़ टूट गई. आखिर ये टर्बुलेंस क्या होता है? कैसे बनता है हादसों की वजह? जानिए इसके कारण, खतरनाक पहलू और अब तक हुए बड़े विमान हादसे.

विमान टर्बुलेंस में फँस चुका था. इस बार मामला हल्का नहीं था. झटकों की चेन ऐसी थी कि विमान की नोज़ (nose cone) ही टूट गई. एयरक्राफ्ट ने किसी तरह खुद को संभाला और सुरक्षित दिल्ली पहुंच गया, लेकिन सवाल हवा में तैरने लगे कि आख़िर ये एयर टर्बुलेंस होता क्या है? और यह कितना खतरनाक हो सकता है? क्या इससे प्लेन क्रैश हो सकता है?
क्या होता है एयर टर्बुलेंस?आसान भाषा में कहें तो एयर टर्बुलेंस का मतलब है हवा की दिशा या गति में अचानक बदलाव. जब कोई विमान एक सीधी, स्थिर हवा में उड़ रहा हो और अचानक उसे ऐसी हवा मिले जो ऊपर-नीचे या इधर-उधर से आ रही हो, तो विमान हिलने-डुलने लगता है. यही टर्बुलेंस है. ये ठीक वैसा ही है जैसे एक शांत नदी में नाव चलाते हुए अचानक पानी की तेज़ लहरें आ जाएं.
एयर टर्बुलेंस के कई कारण हो सकते हैं. इनमें से कुछ प्रमुख कारण नीचे लिखे हैं,
जेट स्ट्रीम्स (Jet Streams): ऊंचाई पर बहने वाली तेज़ गति की हवा जब अचानक दिशा बदलती है, तो टर्बुलेंस हो सकता है.
क्लाउड्स और थंडरस्टॉर्म्स: बड़े-बड़े काले बादल और तूफानी मौसम में ऊपर-नीचे उठती-गिरती हवा टर्बुलेंस का कारण बनती है.
माउंटेन वेव्स: जब हवा पहाड़ों से टकराकर ऊपर उठती है, तो वो तरंगें बनाती हैं जो प्लेन को हिला सकती हैं.
क्लियर एयर टर्बुलेंस (CAT): यह सबसे खतरनाक मानी जाती है क्योंकि इसमें कोई बादल नहीं होते — यानी पायलट को पहले से चेतावनी नहीं मिलती.
टर्बुलेंस में प्लेन के साथ क्या होता है?जब प्लेन टर्बुलेंस में फंसता है, तो उसमें बैठे यात्रियों और क्रू के लिए वो मुश्किल भरा वक्त होता है. टर्बुलेंस के दौरान प्लेन कई खतरनाक स्थितियों से गुजरता है. प्लेन में सफर करने वालों ने इनमें से कुछ का अनुभव तो जरूर किया होगा.
- प्लेन ऊपर-नीचे हिलने लगता है, कभी हल्के से और कभी ज़ोर के झटकों के साथ.
- यात्री सीट से उछल सकते हैं, खासकर अगर सीट बेल्ट न बांधी हो.
- केबिन में रखे सामान गिर सकते हैं, और लोग चोटिल हो सकते हैं.
- प्लेन की बाहरी बॉडी को नुकसान हो सकता है, जैसे 21 मई की घटना में हुआ.
- कभी-कभी इंजन या विंग्स पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे तकनीकी समस्याएं आ सकती हैं.
हालांकि, एयरक्राफ्ट को इस तरह की परिस्थिति से निपटने के लिए डिज़ाइन किया जाता है. इसलिए ज़्यादातर मामलों में प्लेन सुरक्षित तरीके से उड़ता रहता है, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा सीट बेल्ट और क्रू इंस्ट्रक्शन पर निर्भर करती है.
ये भी पढ़ें- तेज बारिश के बीच इंडिगो विमान की नोज उखड़ी, यात्रियों में मची दहशत का वीडियो वायरल
क्या टर्बुलेंस जानलेवा होता है?अक्सर नहीं, लेकिन कभी-कभी हां. टर्बुलेंस से होने वाली मौतें या गंभीर हादसे बहुत कम होते हैं. लेकिन जब होते हैं, तो वह बहुत दुखद होते हैं. दरअसल, टर्बुलेंस की वजह से ज़्यादातर चोटें तभी होती हैं जब लोग सीट बेल्ट नहीं पहने होते.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में हर साल औसतन 50-60 लोग टर्बुलेंस में घायल होते हैं, जिनमें अधिकांश फ्लाइट अटेंडेंट होते हैं क्योंकि वे उड़ान के दौरान केबिन में घूम रहे होते हैं. लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में टर्बुलेंस ने प्लेन को क्रैश कराने तक का काम किया है.
अब तक टर्बुलेंस से जुड़े कुछ बड़े हादसेयहां कुछ बड़ी घटनाएं दी जा रही हैं जो टर्बुलेंस के कारण घटीं:
American Airlines Flight 587 (2001): न्यूयॉर्क से उड़ान भरते ही टर्बुलेंस में फंसने पर पायलट ने रडर को तेजी से घुमाया, जिससे प्लेन का टेल टूट गया और विमान क्रैश हो गया. इस हादसे में 265 लोग मारे गए.
United Airlines Flight 826 (1997): जापान के पास भारी टर्बुलेंस में फंसने से प्लेन अचानक नीचे गिरा, एक यात्री की मौत हुई और सौ से ज्यादा घायल हुए.
Air Canada Flight 33 (2019): हवाई से कनाडा लौट रही फ्लाइट को अचानक क्लियर एयर टर्बुलेंस ने झकझोर दिया. 37 यात्री घायल हुए. जिनमें से कुछ को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
Singapore Airlines Flight 321 (2024): मई 2024 में यह फ्लाइट लंदन से सिंगापुर जा रही थी, जब अचानक टर्बुलेंस में फंस गई. प्लेन को बैकअप लैंडिंग करानी पड़ी. इस हादसे में 18 यात्री जख्मी हुए.
कैसे बचा जा सकता है टर्बुलेंस से?टर्बुलेंस की हालत में कुछ दिशा निर्देश हैं, जिनका पालन करना यात्रियों के लिए जरूरी माना जाता है.
- हमेशा सीट बेल्ट बांधकर रखें, भले ही "सीट बेल्ट साइन" बंद हो.
- फ्लाइट अटेंडेंट्स के निर्देशों का पालन करें.
- तेज़ मौसम बदलावों वाले मौसम में यात्रा से बचें, यदि वैकल्पिक हो.
- खिड़की के पास की सीट चुनें, वहां कम झटका महसूस होता है.
- डायरेक्ट फ्लाइट लें, कम टेकऑफ और लैंडिंग का मतलब कम संभावनाएं.
21 मई की घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि हवा में उड़ना कितना तकनीकी और चुनौतीपूर्ण होता है. एयर टर्बुलेंस कोई दुर्लभ चीज नहीं है, और हर दिन हजारों फ्लाइट्स इसे पार करती हैं. एयरलाइंस और पायलट्स इस परिस्थिति को भली-भांति समझते हैं और इसकी तैयारी के साथ उड़ान भरते हैं.
आपका काम बस इतना है कि सीट बेल्ट बांधे रखें, डरें नहीं, भरोसा रखें. क्योंकि टर्बुलेंस चाहे जितना भी झकझोर दे, विमान के साथ आपकी सुरक्षा भी उतनी ही मजबूत होती है.
वीडियो: क्या एयर टर्बुलेंस के चलते विमान क्रैश हो जाता है?