CBSE के बोर्ड एग्जाम 15 फरवरी से शुरू हो चुके हैं. वहीं दिल्ली के आसपास के इलाकों में MSP के मुद्दे को लेकर किसानों का आंदोलन भी जारी है. इसी बीच एग्जाम और किसान आंदोलन को जोड़कर सोशल मीडिया पर एक नोटिस वायरल हो रहा है. नोटिस में बोर्ड एग्जाम स्थगित करने की बात कही जा रही थी. CBSE के संज्ञान में ये बात आई तो उसने सच्चाई सामने रखी.
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CBSE ने एग्जाम के किसी भी पोस्टपोनमेंट से इनकार किया है. साथ ही छात्रों और अभिभावकों को शेयर किए जा रहे फर्जी दावों पर ध्यान न देने की सलाह दी है.

CBSE बोर्ड के नाम पर वायरल हुए नोटिस में दावा किया गया था कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण हो रही परेशानी की वजह से 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षाएं अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई हैं. नोटिस में एग्जाम की तारीखों और सेंटर में बदलाव के अनुरोध की प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी शामिल थी.
CBSE ने इस नोटिस को फर्जी बताया है. सोशल मीडिया वेबसाइट X पर इसकी जानकारी देते हुए बोर्ड लिखा,
वायरल हो रहा नोटिस फर्जी और भ्रामक है. बोर्ड ने ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लिया है.
CBSE ने एग्जाम के ऐसे किसी भी स्थगन से इनकार किया है. साथ ही छात्रों और अभिभावकों को शेयर किए जा रहे फर्जी दावों पर ध्यान न देने की सलाह दी है. बोर्ड द्वारा बताया गया कि एग्जाम से संबंधित किसी भी अपडेट के लिए CBSE की वेबसाइट पर ही भरोसा करें.
इससे पहले 14 फरवरी को CBSE ने एक नोटिस जारी कर ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की थी. बोर्ड ने छात्रों और अभिभावकों को जल्दी निकलने की सलाह दी जिससे कि वो समय पर एग्जाम सेंटर पहुंच सकें. दिल्ली के बॉर्डर इलाकों में किसान प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने ये नोटिस जारी किया था.
बोर्ड की तरफ से ये भी कहा गया कि डिजिटल युग में जानकारी उंगलियों पर उपलब्ध होती है. शरारती तत्वों के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से झूठ फैलाना आम हो गया है. बोर्ड ने बताया कि ऐसी घटनाओं से छात्रों में अनावश्यक भय और भ्रम पैदा होता है. ये एग्जाम के प्रेशर को और बढ़ाता है.
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