CBI ने 7 मार्च को एक ऐसे मानव तस्करी नेटवर्क के खिलाफ छापेमारी की है जो भारतीयों को रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेलने में शामिल है. आरोप है कि इस गिरोह के लोग नौकरी के बहाने भारतीय नागरिकों को रूस भेजते हैं, बाद में वहां उन्हें जबरन या साजिशन यूक्रेन से युद्ध करने पर मजबूर किया जाता है (CBI busts network taking Indians to Russia-Ukraine war zone). देशभर के 7 शहरों की 10 लोकेशन पर CBI छापेमारी कर रही है. इसके साथ ही कई वीज़ा कंसल्टेंसी फर्म और एजेंट के खिलाफ केस भी दर्ज किए गए है.
भारतीयों को रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेलने वाले नेटवर्क का पता चला, CBI की बड़ी छापेमारी
CBI ने एक मानव तस्करी नेटवर्क के खिलाफ एक्शन लिया है जो नौकरी के नाम पर भारतीयों को रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेलने में शामिल है. देश के कई शहरों की 10 लोकेशन पर CBI ने छापेमारी की है. इसके साथ ही कई वीज़ा कंसल्टेंसी फर्म और एजेंट के खिलाफ केस भी दर्ज किए गए है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार 7 मार्च को CBI की टीम ने दिल्ली, तिरुवनंतपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरई और चेन्नई में 10 लोकेशन पर छापेमारी की. एजेंसी को अभी तक 50 लाख रुपये से ज्यादा कैश बरामद हुआ है. इसके साथ ही एजेंसी को आपत्तिजनक डॉक्युमेंट्स, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स, लैपटॉप, मोबाइल फोन और कई सामान बरामद हुए हैं.
CBI ने इस मामले में कई लोगों को हिरासत में भी लिया है. कई वीज़ा कंसल्टेंसी फर्म और एजेंट के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इन पर आरोप है कि ये सभी नौकरी का झांसा देकर लोगों को रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेल देते थे. जानकारी के मुताबिक CBI को अब तक ऐसे 35 मामलों के बारे में जानकारी मिली है.
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हैदराबाद के असफान की मौतरूस गए भारतीयों को यूक्रेन के खिलाफ जंग में धकेलने की खबरों के बीच 6 मार्च को हैदराबाद के रहने वाले मोहम्मद असफान की मौत की खबर आई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक असफान को नौकरी का झांसा देकर रूसी सेना में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था. रूस में भारतीय दूतावास ने भी इसकी पुष्टि की थी.
असफान के भाई इरफान ने अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ को जानकारी दी कि उनके भाई चेन्नई और शारजाह के रूट से मॉस्को गए थे. उन्हें ‘बाबा व्लॉग्स’ नाम का यूट्यूब चैनल चलाने वाले एक एजेंट ने वहां काम दिलाने की बात कही थी. हालांकि, एजेंट ने युद्ध में काम दिलाने जैसी कोई बात नहीं बताई थी.
21 फरवरी को द हिंदू ने एक और रिपोर्ट में एक रूसी अधिकारी के हवाले से बताया था कि पिछले साल लगभग 100 भारतीयों को रूसी सेना के हेल्पर के तौर पर रिक्रूट किया गया था. रूसी रक्षा मंत्रालय के लिए काम करने वाले एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर ये जानकारी दी थी. अधिकारी ने कहा था कि भर्ती किए गए लोगों से कॉन्ट्रैक्ट साइन कराने से पहले उन्हें नौकरी से जुड़े खतरों के बारे में जानकारी दी गई थी. इस रिपोर्ट के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वो रूसी सरकार से बात कर रहा है और फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए काम किया जा रहा है.
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