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एक बंदर ने गुल कर दी पूरे श्रीलंका की बिजली, ऊर्जा मंत्री ने खुद बताया!

Blackout In Sri Lanka: 10 फरवरी को दोपहर करीब 11 बजे पूरे पड़ोसी देश की बिजली गुल हो गई. 22 मिलियन की आबादी वाले देश में करीब 3 घंटे तक बिजली नहीं आई और लोगों को जनरेटर्स और इनवेटर्स पर निर्भर रहना पड़ा.

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श्रीलंका में कई घंटे बिजली गुल रही (फोटो: X)

साल भर पहले की बात है. बगल वाले गुप्ता जी अपना घर बनवा रहे थे. दिली ख्वाहिश थी कि कमरों में रंगीन कांच वाली खिड़कियां लगें. सो गुप्ता जी खिड़कियों के लिए कांच लेने दुकान पर गए. दुकानदार से कहा कि खिड़कियों के लिए बढ़िया और टिकाऊ कांच दिखाओ. दुकानदार ने अपने हिसाब से मजबूत कांच दिखाया. तभी गुप्ता जी ने उत्सुकतावश पूछ लिया कि कांच पर अगर बंदर कूदे तो टूटेगा तो नहीं? काहे कि मोहल्ले में बंदर बहुत हैं. दुकानदार ने तपाक से जवाब दिया कि “वो तो देखिए बंदरों के मूड पर है कि वो कूदते किस हिसाब से हैं?”

खैर गुप्ता जी के मोहल्ले के बंदरों के मूड का तो नहीं पता. लेकिन पड़ोसी देश श्रीलंका में एक बंदर के मूड की वजह पूरे देश की बिजली ही गुल हो गई (Blackout In Sri Lanka). 

कई घंटे बिजली गुल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रविवार, 10 फरवरी को सुबह 11 बजे पूरे श्रीलंका की बिजली गुल हो गई. 22 मिलियन की आबादी वाले देश में करीब 3 घंटे तक बिजली नहीं आई और लोगों को जनरेटर्स और इनवेटर्स पर निर्भर रहना पड़ा. इसके बाद देश के ऊर्जा मंत्री कुमार जयकोडी का बयान आया. जिसमें उन्होंने बताया कि एक बंदर हमारे ग्रिड ट्रांसफार्मर के संपर्क में आ गया, जिससे सिस्टम में असंतुलन पैदा हो गया. ये घटना दक्षिण कोलंबो के एक उपनगर में हुई.

‘बंदर बहाने काम नहीं आएंगे…’

इसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने श्रीलंका के अधिकारियों की खूब आलोचना की. श्रीलंका के पूर्व सांसद पाताली चंपिका रणवाका ने ‘X’ पर पोस्ट कर लिखा,

'पेलावट्टा पावर स्टेबिलाइजेशन मैकेनिज्म’ पर अरबों डॉलर का पब्लिक फंड इंवेस्ट किया गया. फिर भी आज पूरे द्वीप में ब्लैकआउट यह साबित करता है कि यह विफल रहा. ऊर्जा और पैसों की इस भारी बर्बादी के लिए कौन जिम्मेदार है? “बंदर" बहाने काम नहीं आएंगे.”

वहीं, एक यूजर ने लिखा कि बंदर ने श्रीलंका का पूरा पावर ग्रिड नष्ट कर दिया. देश अंधेरे में रह गया. कुछ इलाकों में 5 घंटे से ज़्यादा समय तक ब्लैकआउट रहा, जिससे अस्पताल, पानी की आपूर्ति और दूसरी जरूरी सेवाएं बाधित हुई.

बता दें कि श्रीलंका में 2022 में आर्थिक संकट के दौरान भी बड़े स्तर पर ब्लैकआउट हुआ था.

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