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UP राज्यसभा चुनाव में BJP के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ की जीत कैसे हुई?

पहले BJP ने 7 प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन नामांकन के आखिरी दिन 8वां प्रत्याशी भी उतार दिया गया. इससे 10 सीटों के लिए 11 प्रत्याशी हो गए और चुनाव कराने की जरूरत आन पड़ी.

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राज्यसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी उम्मीदवारों को सम्मानित करते सीएम योगी. (फोटो- ANI)

उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha election UP) में बीजेपी के आठ उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. समाजवादी पार्टी के भीतर टूट के बीच बीजेपी के संजय सेठ को जीत मिली है. संजय सेठ 29 वोट मिलने के बाद भी चुनाव जीत गए. उन्हें दूसरी वरियता के वोटों के आधार पर जीते मिली है. बता दें कि प्रथम वरीयता के लिए 37 वोटों की जरूरत थी. राज्यसभा चुनाव में सर्वाधिक वोट जया बच्चन को मिले हैं. उन्हें कुल 41 वोट मिले हैं. समाजवादी पार्टी के खाते में दो ही सीट आ पाईं.

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उत्तर प्रदेश में 27 फरवरी को राज्यसभा की 10 सीटों के लिए चुनाव हुए. चुनाव में BJP ने 8 और सपा ने 3 उम्मीदवार उतारे थे. पहले BJP ने 7 प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन नामांकन के आखिरी दिन 8वां प्रत्याशी भी उतार दिया गया. इससे 10 सीटों के लिए 11 प्रत्याशी हो गए और चुनाव कराने की जरूरत आन पड़ी.

बीजेपी की जीत के बाद उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा,

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“भारतीय जनता पार्टी के विजयी सभी सम्मानित प्रत्याशियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. ये जीत यशस्वी प्रधानमंत्री जी के ‘विकसित भारत मोदी की गारंटी’ के प्रति देश व प्रदेश के अटूट विश्वास का प्रतीक है.”

चुनाव के नतीजे आने से पहले बागी विधायक विनोद चतुर्वेदी ने कहा था कि उन्हें जनता की सेवा करनी है. अखिलेश यादव को जो फैसला करना है वो करें. उनको सेवा करनी है.

वहीं सपा नेता उदय वीर ने कहा था कि राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के एक विधायक का वोट सहयोगी से डलवाया गया है. इसपर आपत्ति भी की गई थी. आपत्तियों के निस्तारण के बाद फिर से काउंटिंग शुरू की गई थी.

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राज्यसभा चुनाव से ठीक एक दिन पहले 26 फरवरी को अखिलेश यादव ने अपने विधायकों की मीटिंग बुलाई. इस मीटिंग में सपा के आठ विधायक नहीं पहुंचे थे. फिर चुनाव के दिन मनोज पांडे ने चीफ व्हिप के पद से इस्तीफा दे दिया. इस तरह निर्णय सपा के खिलाफ पहले ही हो गया था.

यूपी से राज्यसभा के लिए BJP के उम्मीदवार कौन थे?

पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह, प्रदेश पार्टी महासचिव अमरपाल मौर्य, पूर्व राज्य मंत्री संगीता बलवंत, पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व विधायक साधना सिंह, आगरा के पूर्व मेयर नवीन जैन और पूर्व राज्यसभा सांसद संजय सेठ. वहीं सपा ने पूर्व राज्यसभा सांसद जया बच्चन, दलित नेता रामजी लाल सुमन और रिटायर्ड IAS आलोक रंजन को मैदान में उतारा था.

BJP के पास कितना संख्या बल था?

यूपी विधानसभा में फिलहाल 399 विधायक हैं और चार सीटें खाली हैं. राज्यसभा सांसदों का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली से किया जाता है. इसके अनुसार यूपी में हर उम्मीदवार को जीतने के लिए कम से कम 37 वोटों की जरूरत थी.

BJP के पास 252 विधायक हैं और उसके NDA सहयोगियों के पास 34 विधायक थे - अपना दल के 13, राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के 9, निषाद पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के 6-6 विधायक. अगर BJP इन पार्टियों से सभी 36 वोट हासिल करने में सफल हो जाती है, तो उसके कुल वोटों की संख्या 288 तक पहुंच सकती थी. BJP को अपने आठों उम्मीदवारों को जिताने के लिए 296 वोटों की जरूरत थी.

वीडियो: राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग अखिलेश यादव ने क्या कह दिया?

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