केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी (बीच में) ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता (बाएं) को खाद्य सामाग्री के नाम पर चिप्स के पैकेट भेंट किए. (फोटो आदेश गुप्ता के ट्विटर हैंडल से)
कोरोना के इस दौर में कई NGO, कई संगठन और स्वंयसेवक जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए आए हैं. लोग भूखों को खाना खिला रहे हैं. जरूरतमंदों को राशन दे रहे हैं. इस बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कॉविड वॉरियर्स के बीच बांटने के लिए राहत सामग्री के रूप में चिप्स दान किए हैं. उन्होंने शनिवार, 22 मई को भारतीय जनता पार्टी दिल्ली को चिप्स दान दिए. दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने इस डोनेशन को स्वीकार किया. आदेश गुप्ता ने ट्वीट किया,
आज गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी जी द्वारा दिल्ली बीजेपी को खाद्य सामग्री दी गई. यह सामग्री #SevaHiSangathan के अंतर्गत दिल्ली भर में भाजपा द्वारा चलाए जा रहे कैंप में जरूरतमंदों के साथ-साथ दिल्ली की सेवा में कार्यरत निगम कर्मचारियों व पुलिस कर्मियों के बीच वितरित की जाएंगी.
वहीं दिल्ली बीजेपी की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि खाद्य सामग्री को नगर निगम के कर्मचारियों और वॉरियर्स के बीच बांटा जाएगा. जिन्होंने पूरी महामारी के दौरान कोरोना वॉरियर्स बनकर अपनी जान की परवाह किए बगैर लोगों की सेवा करते रहे. सामग्री के अंतर्गत बिस्किट चिप्स के अलावा अन्य सामग्री है. विज्ञप्ति में आदेश गुप्ता के हवाले से कहा गया है कि इस महामारी में कोविड मरीज तो परेशान हैं ही साथ ही मरीजों के परिजन भी काफी परेशान हैं. कई मरीज तो दो से चार दिन तक बिना खाए रखते थे. इसका बड़ा कारण है लॉकडाउन. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश भाजपा ने भोजन का वितरण शुरू किया है.
वहीं दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने ट्वीट किया,
माननीय किशन रेड्डी जी एवं आदेश जी हर चीज़ का अपना महत्व होता है, हर व्यक्ति खासकर बच्चे बहुत मानसिक दबाव में हैं, ऐसे में यह कुरकुरे वैफर आदि जब गरीब परिवारों के बच्चों के बीच पहुंचेगे तो उनका मन प्रफुल्लित करेंगे.
एक यूजर ने लिखा,
कुछ ऐसा देना चाहिए था ना जो पौष्टिक हो, इम्यूनिटी बढ़ाने में योगदान दे. ये क्या है? कुरकुरे, टकाटक, डोरिटोज? इसको खाद्य सामग्री नहीं, चखना कहते हैं. खैर, ये सब काम करने हैं तो करें, लेकिन कम से कम मोदीजी को तो टैग मत कीजिए.
एक यूजर ने लिखा कि खाद्य सामग्री में कुछ और नहीं मिला?
वहीं एक और यूजर ने लिखा,
भाई इसका छोटा पैकेट 35 रु का है और बड़ा 60 का. ये खाद्य सामग्री के नाम पर डोरिटोज़ बांट कर मज़ाक मत कीजिए. अमीरों का चखना है ये. गरीब का पेट नहीं भरेगा.
बीजेपी के राजेश भाटिया ने लिखा,
इस बात का महत्व नहीं है कि कौन क्या दे रहा है. महत्व इस बात का है कि देने वाले की भावना और सोच क्या है. व्यक्ति की अच्छी सोच को पकड़िये शब्दों को नहीं.
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