The Lallantop

बिहार: पत्रकार विमल यादव मर्डर केस में पुलिस का बड़ा एक्शन, 4 अरेस्ट, परिवार ने किसका नाम लिया?

पत्रकार विमल यादव की हत्या के मामले में पुलिस को अब तक क्या-क्या पता लगा

Advertisement
post-main-image
पत्रकार विमल यादव की उनके घर पर हत्या कर दी गई | विमल यादव की फाइल फोटो: आजतक | दायीं ओर प्रतीकात्मक फोटो

बिहार के अररिया जिले में पत्रकार की हत्या (Bihar Araria Journalist Murder) के मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 18 अगस्त की सुबह दैनिक जागरण अखबार के पत्रकार विमल कुमार यादव की उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में 8 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. अररिया पुलिस के मुताबिक 8 में से 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं दो नामजद आरोपी पहले से न्यायिक हिरासत में हैं, जिन्हें रिमांड पर लेने की कार्रवाई की जा रही है.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

घर में घुसकर पत्रकार विमल की हत्या

विमल कुमार यादव का घर अररिया जिले के रानीगंज इलाके में है. 35 साल के विमल, रानीगंज में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते थे. जानकारी के मुताबिक 18 अगस्त की सुबह करीब 5 बजकर 30 मिनट पर चार लोग आए. उन्होंने विमल के घर का मेन गेट खटखटाया. जैसे ही विमल ने दरवाजा खोला, आरोपियों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.

Advertisement

इसके बाद हमलावर मौके से भाग गए. बताया जा रहा है कि विमल को गोली लगने के बाद उनकी पत्नी ने चिल्लाकर आसपास के लोगों को बुलाया. मौके पर पहुंचे लोगों ने रानीगंज थाने में सूचना दी. विमल को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

भाई की हत्या के गवाह थे विमल कुमार

चार साल पहले यानी अप्रैल 2019 में विमल यादव के छोटे भाई गब्बू यादव की हत्या कर दी गई थी. उस वक्त गब्बू बेलसरा पंचायत के सरपंच थे. गब्बू की हत्या का आरोप रूपेश नाम के व्यक्ति पर है, जो इस वक्त जेल में बंद है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, परिजनों का कहना है कि विमल अपने भाई गब्बू की हत्या के मुख्य गवाह थे. केस का ट्रायल चल रहा था, जिसमें विमल की गवाही होनी थी.

Advertisement

परिजनों का आरोप है कि जिसने गब्बू यादव की हत्या करवाई, उसने ही विमल की हत्या की सुपारी दी है. परिजनों के मुताबिक उसे डर था कि विमल की गवाही के बाद उसे उम्रकैद की सजा हो जाएगी. परिजनों का ये भी कहना है कि विमल को पहले से अपनी हत्या की आशंका थी. कुछ लोग उनका पीछा करते थे. एक हफ्ते पहले उन्होंने अपने दोस्तों से भी कहा था कि उनकी जान को खतरा है. विमल ने लाइसेंसी बंदूक के लिए भी कई बार अप्लाई किया था, लेकिन उन्हें लाइसेंस नहीं मिल पाया था.  

पुलिस ने विमल के पिता के बयान पर केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की. जिन चार आरोपियों को पकड़ा गया है, उनके नाम विपिन, भवेश, आशीष और उमेश हैं. वहीं न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों के नाम रूपेश और कांति हैं. पुलिस के मुताबिक आरोपी रूपेश सुपौल जेल में बंद है और आरोपी कांति अररिया जेल में बंद है. इन दोनों आरोपियों के रिमांड लेने की कार्रवाई जारी है.

ये भी पढ़ें- बिहार में पशु तस्करों ने की ASI की हत्या, आरोपियों को ले जाते वक्त आंख में मारी गई गोली

वीडियो: 'जिस पत्रकार को गोली मारी, वो...' बिहार में विमल यादव मर्डर केस पर क्या नई बात पता चली?

Advertisement