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'ब्राह्मणों का अपमान किया तो कुल का नाश होगा', गुप्तेश्वर पांडे का विवादित बयान वायरल

बयान वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने बिहार सरकार से मांग की है कि गुप्तेश्वर पांडे ने अपने करियर में जितने भी आरोपियों को बरी किया, उनकी जांच होनी चाहिए.

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गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि भूलकर भी ब्राह्मणों का अपमान नहीं करना चाहिए (फोटो- X)

बिहार के पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडे (Gupteshwar Pandey) का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो आपत्तिजनक और जातिवादी टिप्पणी करते दिख रहे हैं. वीडियो में गुप्तेश्वर पांडे ने कहा है कि किसी को भी ब्राह्मण का अपमान नहीं करना चाहिए. शास्त्रों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अगर ब्राह्मण को तकलीफ हुई और उसने श्राप दिया तो पूरे कुल का नाश हो जाता है.

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गुप्तेश्वर पांडे बिहार के मधेपुरा में आयोजित एक सभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा,

“ब्राह्मण का अपमान हो जाए तो ब्राह्मण श्राप देता है. ब्राह्मण के हृदय में अगर तकलीफ हो गई तो पूरे कुल का नाश हो जाता है. ब्राह्मण के क्रोध से बचना चाहिए. शास्त्रों में लिखा है, ब्राह्मण भले ही आपको दिखाई देता हो कि बड़ा अधम है, बड़ा नीच है, पतित है. लेकिन पूर्व जन्म की उसकी तपस्या है तब वो ब्राह्मण कुल में पैदा हुआ है. ये मत भूलना. ब्राह्मण का अपमान गलती से भी नहीं करना चाहिए. आजकल लोग नहीं मानते. कोई बात नहीं.”

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वीडियो वायरल हुआ तो सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रिया भी सामने आई. बिहार सरकार से मांग की गई है कि गुप्तेश्वर पांडे के कार्यकाल के दौरान जितने भी आरोपी बरी हुए होंगे, उनकी जांच होनी चाहिए.

यूजर्स ने सवाल उठाए कि इस मानसिकता के साथ बिहार पुलिस के बड़े अफसर के तौर पर उन्होंने कैसे फैसले लिए होंगे. 

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बता दें, गुप्तेश्वर पांडे 2020 में बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच के दौरान खबरों मे आए थे. बाद में उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वॉलंटरी रिटायरमेंट (VRS) ले लिया था. इसके बाद वो JDU में शामिल हो गए लेकिन उन्हें पार्टी से टिकट नहीं दिया गया. खबरें आईं कि वो बक्सर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे. 

पूर्व डीजीपी ने 2009 में भी कुछ ऐसा ही किया था. पुलिस से रिटायरमेंट ले ली थी. इस उम्मीद में कि वो बक्सर से BJP के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. फिर नौ महीने बाद उन्होंने बिहार सरकार से कहा कि वो अपना इस्तीफा वापस लेना चाहते हैं. नीतीश सरकार ने उनका इस्तीफा वापस भी कर दिया और गुप्तेश्वर पांडेय फिर पुलिस के साथ काम करने लगे थे.

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