गुजरात (Gujarat) के भरूच (Bharuch) जिले के आमोद में एक 54 साल के मौलवी को गिरफ्तार किया गया है. मौलवी पर एक भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट करने का आरोप है. आरोपी मौलवी अब्दुल रहीम राठौड़ (Maulvi Abdul Rahim Rathore) ‘दारू उलूम बरकत-ए-ख्वाजा’ का मौलवी है. पुलिस ने कहा है कि अब्दुल रहीम का पोस्ट ‘सांप्रदायिक शांति’ को भंग कर सकता था. क्योंकि 17 जून को ईद-उल-अजहा (बकरीद) है और उससे एक दिन पहले 16 जून को ये पोस्ट किया गया.
कुर्बानी वाले जानवरों की लिस्ट में लिखा था गाय का नाम, गुजरात के आरोपी मौलवी को पुलिस ने धर दबोचा
Bharuch Maulvi Arrested: भरूच पुलिस ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए मौलवी Abdul Rahim Rathore को गिरफ्तार कर लिया. ताकि सांप्रदायिक तनाव ना भड़के. आरोपी पहले भी एक दूसरे मामले में गिरफ्तार हो चुका है. और फिलहाल जमानत पर बाहर था.

इंडियन एक्सप्रेस ने भरूच जिला पुलिस के हवाले से बताया है कि मौलवी पर ‘वैमनस्य' (दुश्मनी) को बढ़ावा देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के मुताबिक, मौलवी ने सोशल मीडिया पर इस्लामी ‘अनुष्ठान प्रक्रिया’ में बलि के लिए जानवरों की एक लिस्ट डाली थी. इस लिस्ट में ऊंट और भैंस के अलावा गाय को भी शामिल किया गया था. आरोपी अब्दुल रहीम आदिवासियों के कथित धर्मांतरण के 2022 के एक मामले में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर बाहर था.
पुलिस ने कहा है कि मौलवी द्वारा डाली गई पोस्ट प्रकृति में ‘भड़काऊ’ थी क्योंकि इसमें स्पष्ट रूप से ‘गोहत्या’ का उल्लेख किया गया था. उन्होंने आगे कहा कि हालात बिगड़ने से पहले ही कार्रवाई की गई. भरूच के पुलिस अधीक्षक मयूर चावड़ा ने बताया कि मौलवी ने पोस्ट करने के बाद माफी भी मांगी थी. क्योंकि वो जानते थे कि पुलिस उनके पीछे आ रही है.
अब्दुल रहीम राठौड़ को आमोद पुलिस उपनिरीक्षक आरए असवार की प्राथमिकी के आधार पर गिरफ्तार किया गया है. मौलवी पर IPC की धारा 153A (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), धारा 295A (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और धारा 504 (शांति भंग करने का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
जुलाई के पहले सप्ताह में यहां रथ यात्रा त्योहार भी मनाया जाना है. जिला पुलिस ने कहा है कि रथ यात्रा और आने वाले अन्य त्योहारों को ध्यान में रखते हुए ये गिरफ्तारी की गई है. ताकि किसी अप्रिय ‘कानून और व्यवस्था’ की स्थिति को रोका जा सके.
SOG को सौंपा गयामामला आमोद पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है. आगे की जांच के लिए मौलवी को स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) को सौंप दिया गया है. ताकि ये पता लगाया जा सके कि क्या इस पोस्ट के लिए अन्य संस्थाओं ने प्रोत्साहन या सहायता दी है. पुलिस ने आगे कहा कि राठौड़ पर 2022 में गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने आगे बताया कि आरोपी का सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील कामों में शामिल होने का इतिहास रहा है. जिला पुलिस ने कहा है कि उन्होंने मवेशियों, खासकर गायों के परिवहन पर अपनी सतर्कता बढ़ा दी है.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: 45 भारतीयों के शव लेकर विमान आया, कलेजा फट गया