E20 फ्यूल को लेकर सोशल मीडिया पर आग लगी पड़ी है. तमाम तरह के कयास और दावे रफ्तार पकड़े हुए हैं. जहां सरकार इसके फायदे गिनाते नहीं थक रही तो ऑटो एक्सपर्ट इसके नुकसान बताए जा रहे हैं. नफे-नुकसान के बीच में एक ‘स्पीड ब्रेकर’ और भी है जिसके ऊपर से सब निकल रहे, मगर उसके साइज पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. गाड़ी की वारंटी का क्या? माने अगर E20 पेट्रोल से गाड़ी में कोई खराबी आई तो क्या कार कंपनियां वारंटी देंगी या नहीं. इंश्योरेंस कंपनियों का क्या रुख है? पता करते हैं.
E20 पेट्रोल डाला तो गाड़ी की वारंटी नहीं मिलेगी?
दरअसल पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर कार की वारंटी को लेकर काफी कुछ दिख रहा है. लुब्ब-ए-लुबाब ये कि E20 फ्यूल डालने के बाद अगर कुछ हुआ तो गई भैंस पानी में. टोयोटा का एक स्क्रीन शॉट वायरल है तो ACKO इंश्योरेंस का जवाब भी उलझनें पैदा कर रहा है. क्या होगा?

दरअसल पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर कार की वारंटी को लेकर काफी कुछ दिख रहा है. लुब्ब-ए-लुबाब ये कि E20 फ्यूल डालने के बाद अगर कुछ हुआ तो गई भैंस पानी में. टोयोटा का एक स्क्रीन शॉट वायरल है तो ACKO इंश्योरेंस का जवाब भी उलझनें पैदा कर रहा है. क्या होगा?
E20 है तो वारंटी नहीं है?सबसे पहले देखते हैं कि E20 पेट्रोल पर टोयोटा क्या कहती है. कंपनी अपने यूजर्स को E10 पेट्रोल इस्तेमाल करने को कह रही है. साथ ही गाड़ी के साथ आने वाले कागज-पत्री माने Owner Manual का भी हवाला दे रही है. कंपनी के मुताबिक Owner Manual से इतर अगर कोई और फ्यूल डाला तो वारंटी नहीं मिलने वाली.
हालांकि ऐसा सिर्फ उस फ्यूल से खराब हुए पार्ट्स के लिए होगा. माने इंजन से लेकर गैसकेट तक. दूसरे पार्ट्स पर नियम के तहत वारंटी मिलेगी. MotorOctane के मुताबिक Innova Hycross or Hyryder जैसी गाड़ियों के मालिकों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
ऐसे ही सवाल पर इंश्योरेंस मुहैया करवाने वाली कंपनी ACKO ने अपना रुख साफ किया है. कंपनी के मुताबिक गलत पेट्रोल के इस्तेमाल से अगर इंजन खराब हुआ तो क्लेम नहीं मिलेगा. इसे ‘ग्राहक की लापरवाही’ माना जाएगा.
वैसे बात टोयोटा की कारों को लेकर नहीं है. मारुति की कारों को लेकर भी यही भरम है. सोशल मीडिया पर कई ऐसे पोस्ट दिखते हैं जिनमें यूजर्स बता रहे हैं कि उनकी कार E20 फ्यूल के हिसाब से नहीं बनी है.
बाकी दूसरे ब्रांड के यूजर भी अपनी कार का Owner Manual देखकर वारंटी खत्म होने का रोना रो रहे हैं.
इस हिसाब से देखें तो बड़ी विपत्ति आन पड़ी है. मगर अब जरा सिक्के का दूसरा पहलू देखते हैं.
वारंटी है कहां?E20 पेट्रोल से कार की वारंटी उड़ जाएगी, मगर वारंटी होगी तब ना उड़ेगी. अजी, उलझन में मत आइए. हम समझाते हैं. इंडिया में कारों पर वारंटी 2 साल या 3 साल की ही होती है. माने यही स्टैंडर्ड प्रेक्टिस है. यूजर चाहे तो एक्स्ट्रा पैसा देकर एक्स्ट्रा वारंटी वाले साल जुड़वा सकता है. मगर ऐसा करने वाले उंगलियों पर गिने जा सकते हैं. आम यूजर 2 और 3 साल वारंटी वाला है.
अब जरा E20 पेट्रोल का गेम समझें तो साल 2023 से आने वाली सभी कारें इसके हिसाब से डिजाइन हैं. उनका वारंटी पीरियड भी खत्म होने को है. ऐसे में 2022, 21, या 2016 की गाड़ी में वारंटी का क्या मतलब? कहने का मतलब उनकी वारंटी तो पहले ही खत्म हो गई है. बिला-वजह सोशल मीडिया पर बातें चल रही हैं.
लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि E20 फ्यूल से जो आग लगी है वो बुझ गई है. उसको लेकर तमाम बातें हो रही हैं. जैसे कि इसकी वजह से गाड़ी का माइलेज कम होता है. एकदम होता है और सरकार ने भी इसे माना है. सरकार इसको 3 फीसदी मानती है, मगर सड़क पर ये आंकड़ा 6 फीसदी दिखता है. मेरी अपनी गाड़ी जो 2022 का मॉडल है वो अब 11 से 10 के माइलेज पर आ गई है. माने मोटा-माटी 9 फीसदी का ड्रॉप है. गाड़ी में E20 पेट्रोल डालते हुए अपन को 18 महीने से ज्यादा हो गए हैं. इसकी वजह से गाड़ी के पार्ट्स पर क्या असर होगा, वो फिलहाल बता पाना मुश्किल है.
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वैसे गाड़ी की परफ़ॉर्मेंस में मुझे कोई कमी नहीं लगी है. ये मेरा निजी अनुभव है. कई लोगों को इसके उलट भी लग रहा है. बाकी सोशल मीडिया की हर बात पर एकदम ब्रेक मत लगाइए.
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