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देश के लिए पहला ऑस्कर जीतने वाली कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर भानु अथैया नहीं रहीं

'गांधी' फिल्म के लिए मिला था अवॉर्ड.

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भानु अथैया ने लम्बे समय तक बॉलीवुड फिल्मों के लिए कॉस्ट्यूम डिज़ाइन किया. वो ऑस्कर जीतने वाली पहली भारतीय महिला थीं.
बॉलीवुड की लेजेंडरी फैशन डिज़ाइनर भानु अथैया का गुरुवार, 15 अक्टूबर को 91 साल की उम्र में निधन हो गया. भानु लम्बे समय से बीमार थीं और अपनी बेटी राधिका गुप्ता के साथ रहती थीं. उन्होंने साल 1950 से लेकर 2000 तक फिल्मों के लिए कई खूबसूरत कॉन्ट्यूम को डिज़ाइन किया.
भानु अथैया की बेटी राधिका गुप्ता ने गुरुवार को पीटीआई से बात करते हुए बताया-
आठ साल पहले उनके दिमाग में एक ट्यूमर का पता चला था. बीते तीन साल से वो बहुत तकलीफ में थीं, उनके शरीरा का एक हिस्सा पैरालाइज़ था.
भानु अथैया ने सौ से ज़्यादा इंडियन फिल्मों के लिए काम किया. रिचर्ड एटनबरो की बायोपिक 'गांधी' जो साल 1982 में आई थी, उसकी ड्रेस डिज़ाइनिंग के लिए भानु को ऑस्कर अवॉर्ड भी मिला. ऑस्कर जीतने वाली वो पहली भारतीय महिला थीं. ये अवॉर्ड उन्होंने ब्रिटिश सहयोगी जॉन मोलो के साथ शेयर किया था.

किन-किन फिल्मों के लिए ड्रेस डिज़ाइन
भानु अथैया ने लम्बे समय तक बॉलीवुड फिल्मों के लिए कॉस्ट्यूम डिज़ाइन किया. इसमें 'आम्रपाली', 'वक्त', 'ब्रह्मचारी', 'तीसरी मंज़िल', 'गाइड', 'रेशमा और शेरा', 'लगान' और 'स्वेदस' जैसी फिल्में भी शामिल हैं. सिल्वर स्क्रीन पर न सिर्फ किरदारों और कहानियों को दर्शकों ने याद रखा, बल्कि बहुत-सी फिल्मों में उनके बनाए कॉस्ट्यूम को भी फैंस ने याद रखा है.
हर जॉनर में किया काम
अथैया ने रोमांस, पीरियड ड्रामा और थ्रिलर सहित कई सारे जॉनर में काम किया. उनके बनाए पहनावे में भारतीय और पश्चिमी शैली सम्मिलित थी. उन्होंने बायोपिक्स में जिन ऐतिहासिक शख्सियतों के कपड़े डिजाइन किए थे, उनमें एमके गांधी और बीआर अंबेडकर शामिल हैं. सिनेमा के डायरेक्टर राज कपूर, गुरुदत्त, बीआर चोपड़ा, यश चोपड़ा, विजय आनंद, राज खोसला, आशुतोष गोवारिकर, जब्बार पटेल और विधु विनोद चोपड़ा के साथ काम किया.
मुमताज़ की यादगार कॉस्ट्यूम को किया था डिज़ाइन
साल 1968 में आई फिल्म ब्रह्मचारी के ना सिर्फ इस गाने ने लोगों का दिल जीता बल्कि मुमताज़ की ये साड़ी उस समय का फैशन बन गई.
साल 1968 में आई फिल्म 'ब्रह्मचारी' के न सिर्फ इस गाने ने लोगों का दिल जीता, बल्कि मुमताज़ की ये साड़ी उस समय फैशन में आ गई.

आपको वो गाना याद होगा, 'आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे हर ज़ुबान पर..' इस गाने में मुमताज़ की पहनी साड़ी को भानु ने ही डिज़ाइन किया था. कैंडी-ऑरेंज की ये साड़ी बहुत फेमस हुई. साल 1968 में आई फिल्म 'ब्रह्मचारी' के न सिर्फ इस गाने ने लोगों का दिल जीता, बल्कि मुमताज़ की ये साड़ी उस समय का फैशन में आ गई.
फिटिंग चूड़ीदार पायजामा और चुस्त कुर्ता
फिल्म वक़्त (1965) के समय भानु ने ये डिज़ाइन साधना के लिए बनाया था. जिसे आज भी लड़कियां फॉलो करती हैं.
फिल्म 'वक़्त' (1965) के समय भानु ने ये डिज़ाइन साधना के लिए बनाया था, जिसे आज भी लड़कियां फॉलो करती हैं.

एक दूसरी कॉस्ट्यूम, जिसका चलन अभी तक चला आ रहा है, वो है एक्ट्रेस साधना की फिटिंग चूड़ीदार पायजामा और चुस्त कुर्ता. इसे यश चोपड़ा की फिल्म 'वक़्त' (1965) के समय भानु ने डिज़ाइन किया था. घुटने की लंबाई तक आने वाले इस कुर्ते का फैशन आज भी वैसा ही है. इस फिल्म के बाद भी उनके कॉस्ट्यूम को खूब पसंद किया गया.
गुफाओं से प्रेरणा लेकर बनाई थी वैजयंती माला की ड्रेस
साल 1996 में आई फिल्म आम्रपाली में वैजयंती माला के कॉस्टूयम ने लोगों का दिल जीत लिया था.
साल 1996 में आई फिल्म 'आम्रपाली' में वैजयंती माला के कॉस्टयूम ने लोगों का दिल जीत लिया था.

साल 1996 में आई फिल्म 'आम्रपाली' में वैजयंती माला के कॉस्टूयम ने लोगों का दिल जीत लिया. बताया जाता है कि वैजयंती माला की ये पोशाक अथैया ने औरंगाबाद में अजंता की गुफाओं के चित्रों के आधार पर बनाई थी. भानु ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि बौद्ध भिक्षुओं से जुड़ी एक नारंगी रंग की छाया का इस्तेमाल भी उन्होंने किया था.