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बालासोर हादसा: रेलवे के 3 कर्मचारी अरेस्ट, जिस अधिकारी ने जांच पर आपत्ति जताई, वही आरोपी

FIR में आरोप- तीनों को पता था, इनके काम से बड़ी दुर्घटना हो सकती है.

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2 जून को हुए रेल हादसे में 292 लोगों की जान चली गई थी.

बालासोर ट्रेन हादसे में पहली गिरफ्तारी हो गई है. इस भीषण ट्रेन हादसे में तीन रेलवे कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें अरुण कुमार महंता, मो. आमिर खान, और पप्पू कुमार का नाम सामने आया है. इन तीनों पर IPC की धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोप हैं कि इन तीनों को इस बात की जानकारी थी कि इनके काम की वजह से एक्सीडेंट हो सकता है.

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गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अरुण कुमार महंता ईस्टर्न रेलवे में सिग्नल और टेलिकॉम विभाग में सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पद पर हैं. अरुण कुमार उस पैनल में शामिल थे जिसने दुर्घटना के बाद पहली जांच रिपोर्ट तैयार की थी. यहां गौर करने वाली बात ये है कि जांच रिपोर्ट पर अरुण कुमार ने अपनी आपत्ति जताई थी.

कौन सी धाराएं लगीं?

बालासोर रेल हादसे में आरोपी बनाए गए तीनों रेल कर्मियों को दो धाराएं लगाईं गई हैं. 
- IPC की धारा 304. गैर इरादतन हत्या का आरोप. 
- IPC की धारा 201. सबूतों से छेड़छाड़ और गलत जानकारी देने का आरोप.

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CRS की जांच रिपोर्ट में क्या सामने आया?

27 जून को कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) ने इस हादसे की जांच रिपोर्ट सौंपी थी. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे बोर्ड के सूत्रों ने बताया कि CRS की रिपोर्ट में दो डिपार्टमेंट के स्टेशन स्टाफ को जिम्मेदार ठहराया गया है. सिग्नलिंग और ऑपरेशन्स (ट्रैफिक) विभाग. जांच में पाया गया है कि सिग्नलिंग मेंटेनर ने स्टेशन मास्टर को मरम्मत काम के लिए "डिस्कनेक्शन मेमो" जमा किया था. ये प्रक्रिया का हिस्सा है. मरम्मत के बाद एक "रीकनेक्शन मेमो" भी जारी किया गया था. इसका मतलब है कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिग्नलिंग सिस्टम सही था. लेकिन ट्रेन पास कराने से पहले सिग्नलिंग सिस्टम की जांच के लिए सेफ्टी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया था.

रिपोर्ट में कहा गया कि रिले रूम में जाने के लिए बने प्रोटोकॉल में भी खामिया पाई गई. रिले रूम इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिग्नलिंग सिस्टम का सेंटर होता है, जहां से सबकुछ ऑपरेट होता है. इसकी जवाबदेही सिग्नलिंग स्टाफ और स्टेशन मास्टर दोनों की होती है.

बालासोर रेल हादसा

2 जून को कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा स्टेशन के पास लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी. इसके बाद ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इसी दौरान दूसरे ट्रैक से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस कोरोमंडल के उन डिब्बों से टकरा गई. इस हादसे में 292 लोगों की मौत हुई और एक हजार से ज्यादा यात्री घायल हुए.

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वीडियो: बालासोर ट्रेन हादसे के लिए जिस इंजीनियर आमिर खान को 'गायब' बताया गया, उसका सच ये निकला!

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