“मैं हूं अग्निहोत्री ब्राह्मण, ओबीसी वाले ऐसी-तैसी कराएं….” ऐसा कहते हुए योग गुरु स्वामी रामदेव का 30 सेकेंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इसके बाद सोशल मीडिया पर #Boycott_Patanjali, #बाबा_रामदेव_माफ़ी_मांगो, #ObcBoycottBabaRamdev, #अग्निहोत्री ब्राह्मण जैसे कीवर्ड ट्रेंड करने लगे. 13 जनवरी को जब स्वामी रामदेव से इस बारे में सवाल किया तो उनका कहना था कि उन्होंने ओबीसी शब्द का प्रयोग नहीं किया बल्कि ओवैसी कहा है. पूरी कहानी क्या है? आइए आपको बताते हैं.
रामदेव के 'OBC वाले ऐसी-तैसी कराएं...' वीडियो का पूरा सच क्या है?
13 जनवरी को जब रामदेव से इस बारे में सवाल किया गया तो कहा कि उन्होंने ओबीसी शब्द का प्रयोग नहीं किया बल्कि ओवैसी कहा था.

इस पूरे विवाद की शुरुआत सोशल मीडिया पर 30 सेकेंड की एक वीडियो क्लिप के साथ हुई. इसमें रामदेव कह रहे हैं,
“मेरा मूल गोत्र है ब्रह्म गोत्र. और मैं हूं अग्निहोत्री. अग्निहोत्री ब्राह्मण हूं मैं. (तालियां बजती हैं) बोले, बाबाजी आप तो ओबीसी हो. ओबीसी वाले ऐसी तैसी कराएं. मैं हूं अग्निहोत्री ब्राह्मण, मैं हूं वेदी ब्राह्मण, मैं हूं द्विवेदी ब्राह्मण, मैं हूं त्रिवेदी ब्राह्मण और मैं हूं चतुर्वेदी ब्राह्मण. चारों वेद मैंने पढ़े.”
अब वीडियो सामने आया तो खूब बवाल कटा. लोगों ने रामदेव को जातिवादी कहना शुरू किया और बहिष्कार की अपील करने लगे. राजेश नाम के एक यूजर ने लिखा,
“पाखण्ड का आधुनिक रूप है, इनका बहिष्कार होना आवश्यक है क्योंकि साधना और व्यापार दो अलग-अलग धुरी हैं शास्त्रों अनुसार.”
‘OBC समाज’ नाम के एक पेज़ से लिखा गया,
"जो दलित ओबीसी समाज पर Sc-St एक्ट लगाने से नहीं चूकते वो भी आज ओबीसी हितेषी बनने का ढोंग कर रहे हैं.
#मुझे_ओबीसी_होने_पर_गर्व_है
#बाबा_रामदेव_माफ़ी_मांगो"
दूसरी तरफ़, 13 जनवरी को भुवनेश्वर में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे स्वामी रामदेव से जब मीडिया ने इस पूरे विवाद पर सवाल किया तो उन्होंने कहा,
“मैंने ओबीसी शब्द का प्रयोग ही नहीं किया है, मैंने ओवैसी कहा है. क्योंकि ओवैसी तो उल्टा दिमाग का आदमी है. उसके पूर्वजों की देशद्रोही सोच रही है, इसलिए ऐसा कहा.”
स्वामी रामदेव ने ओबीसी को लेकर कुछ भी कहने से सिरे से इनकार भी कर दिया.
इस वीडियो को लेकर हमने पतंजलि के जनसंपर्क विभाग से बात की. विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ये वीडियो 11 जनवरी का है, जब रामदेव हरिद्वार में योग शिविर में हिस्सा ले रहे थे.
इसके बाद हमने तमाम सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म वीडियो की पड़ताल शुरू की. हमें भारत स्वाभिमान ट्रस्ट मुख्यालय, हरिद्वार के X अकाउंट पर उस वीडियो के आगे का भी वीडियो मिल गया. ये वीडियो 2 मिनट 15 सेकेंड का था. इसे सुनकर वीडियो में कही गई बात का पूरा रेफरेंस पता चल पाया. दरअसल, वीडियो में स्वामी रामदेव कहते हैं,
“मेरा मूल गोत्र है ब्रह्म गोत्र. और मैं हूं अग्निहोत्री. अग्निहोत्री ब्राह्मण हूं मैं. (तालियां बजती हैं) बोले, बाबाजी आप तो ओबीसी हो. ओबीसी वाले ऐसी तैसी कराएं. मैं हूं अग्निहोत्री ब्राह्मण, मैं हूं वेदी ब्राह्मण, मैं हूं द्विवेदी ब्राह्मण, मैं हूं त्रिवेदी ब्राह्मण और मैं हूं चतुर्वेदी ब्राह्मण. चारों वेद मैंने पढ़े.”
इसके आगे स्वामी रामदेव कहते हैं,
“और मैं हूं ब्राह्मण, क्योंकि अज्ञान को मिटाता हूं. मैं हूं क्षत्रिय, सबका भय मिटाता हूं. और मै वैश्य हूं क्योकि सभी का अभाव मिटाता हूं. मैं शूद्र हूं क्योकि अपवित्रता दूर कर तुम्हारे तन की, मन की, जीवन की, आहार की, वाणी की, विचार की, व्यवहार की, स्वभाव की, आचरण की अपवित्रता दूर करके अशिष्टता दूर करके शुचिता स्थापित करता हूं. इसीलिए मै महाशूद्र हूं. क्या हूं बोलो... और महाब्राह्मण भी हूं. महाब्राह्मण वैसे हरिद्वार में अस्थिविसर्जन करने वालों को कहते हैं. हमने सारी कुंठाए दूर करके तुमको बता दिया कि तुममें सब कुछ है. तुमसे सब कुछ है. जहां से तुम खड़े होगे, वहां से नई दुनिया शुरू होगी. तुम्हारे भीतर मैं शक्ति भर रहा हूं. शौर्य भर रहा हूं. ब्राह्मणत्व भर रहा हूं. क्षत्रियत्व भर रहा हूं. तुम्हारे भीतर वैश्यत्व भर रहा हूं. शूद्रत्व भर रहा हूं. आर्यत्व भर रहा हूं. देवत्व, योग यजन भर रहा हूं. भजन भर रहा हूं.”
यानी पूरे वीडियो को सुनने पर पता चलता है कि स्वामी रामदेव अपनी जाति को मन, वाणी और कर्म के आधार पर सभी वर्गों से जोड़ने की बात कहते दिख रहे हैं.