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'राम मंदिर बनेगा, तभी बात करूंगी' कहकर 31 साल से खामोश महिला 22 जनवरी को बोलेंगी

"मेरे जीवन को पूर्णता प्राप्त हो गई है. रामलला ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा में बुलाया है. मेरी तपस्या सफल हुई. तीन दशकों के बाद मेरा मौन व्रत राम नाम जपते हुए टूटेगा" - सरस्वती देवी.

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सरस्वती देवी ने 31 साल से एक शब्द भी नहीं बोला है.

झारखंड का धनबाद जिला. वही धनबाद जिसमें वासेपुर पड़ता है. अपने सरदार खान और रामाधीर सिंह वाला वासेपुर. लेकिन हम जो खबर सुनाने जा रहे हैं, वो वासेपुर की नहीं धनबाद की है. वासेपुर का ज़िक्र तो महज़ आपकी उत्सुकता जगाने के लिए था. तो इस धनबाद में एक महिला रहती हैं. उम्र 85 साल. नाम है सरस्वती देवी, लेकिन पूरा इलाका उन्हें 'मौनी माता' कहकर पुकारता है. क्यों? क्योंकि उन्होंने 31 साल से एक शब्द भी नहीं बोला है. एकदम कील ठोककर तारीख बताएं, तो 6 दिसंबर 1992 से आज तक सरस्वती देवी मौन धारण किए हैं. उनका कहना था कि जब तक अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनेगा, वो अपने मुंह से एक शब्द का भी उच्चारण नहीं करेंगी. उनका ये तीन दशक से ज़्यादा लंबा मौन व्रत इस 22 जनवरी को ख़त्म होने जा रहा है. क्या है पूरा किस्सा, आइए जानते हैं.

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NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार धनबाद की रहने वाली सरस्वती देवी के पति देवकीनंदन अग्रवाल का 1986 में निधन हो गया था. उसी के बाद से उनकी राम नाम में आस्था बढ़ी. उन्होंने अपना जीवन राम के नाम समर्पित कर दिया. उनके आठ बच्चे हैं. चार बेटे और चार बेटियां. नब्बे के दशक के शुरुआत में जब चीज़ें गंभीर हुईं, तब सरस्वती देवी का पूरा ध्यान राम मंदिर मसले पर ही था. जैसा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने सन 2000 में संसद में कहा था कि 6 दिसंबर 1992 को काम अधूरा रह गया था. यानी बाबरी मस्जिद तो गिरा दी गई, लेकिन राम मंदिर नहीं बन पाया. सरस्वती देवी को भी कुछ ऐसा ही लगा था. इसलिए उन्होंने कसम खाई कि वो राम मंदिर बनने तक मौन व्रत रखेंगी. अब जाकर इस व्रत की समाप्ति का वक्त आया है.

सरस्वती देवी, अपने दूसरे बेटे नंदलाल अग्रवाल के साथ रहती हैं, जो भारत कोकिंग कोल लिमिटेड में अधिकारी हैं. वो अपने परिवार से बातचीत करने के लिए इशारों का सहारा लेती हैं. या कलम से कागज़ पर लिखकर अपनी बात समझाती हैं. 2001 में उन्होंने मध्यप्रदेश के चित्रकूट जाकर सात महीने की तपस्या भी की थी. उसी जगह जहां रामायण के अनुसार भगवान राम ने अपने वनवास का बड़ा हिस्सा गुज़ारा था. इसके अलावा उन्होंने चारों धामों की यात्रा की है. अयोध्या, काशी, मथुरा, तिरुपति बालाजी, सोमनाथ मंदिर जैसी जगहों पर भी हाज़िरी लगाई है.

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राम मंदिर की तारीख अनाउंस होने के बाद सरस्वती देवी ने लिखा था,

"मेरे जीवन को पूर्णता प्राप्त हो गई है. रामलला ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा में बुलाया है. मेरी तपस्या सफल हुई. तीन दशकों के बाद मेरा मौन व्रत राम नाम जपते हुए टूटेगा".

22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश की कई बड़ी हस्तियां शामिल होंगी.

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वीडियो: राम मंदिर पर संसद में अटल बिहारी वाजपेयी का वायरल भाषण

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