क्या हल्दी घाटी का युद्ध हिंदुओं और मुसलमानों के बीच हुई लड़ाई थी?
डांस कर रही लड़कियों को बिना कपड़े नचाने वाले मामले में नई बात पता चली है
और ये ऐसी बात है, जिसे कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है.

डांस करने के लिए जो ग्रुप बुलाया गया था, उसने कार्यक्रम के आयोजकों पर केस दर्ज़ किया है (सांकेतिक फोटो)
नॉर्थ ईस्ट का एक राज्य है असम. इस राज्य का एक जिला है कामरूप. कामरूप की पुलिस ने 9 जून को दो लोगों को और 10 जून को 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि इन लोगों ने एक डांस ग्रुप को परफॉर्म करने के लिए बुलाया था. जब डांसर्स का ग्रुप परफॉर्म करने के लिए पहुंचा तो मौजूद भीड़ ने डांसर्स के साथ छेड़छाड़ की, जबरदस्ती की और फिर उन्हें बिना कपड़ों के नाचने के लिए कहा. किसी तरह से डांसर्स भागकर पुलिस के पास पहुंचे. तब जाकर उनकी एफआईआर लिखी गई और दो लोगों को अरेस्ट किया गया. क्या है मामला? इस मामले में सोयगांव थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई है. ये एफआईआर अरूप डी राभा की ओर से लिखवाई गई है. एफआईआर के मुताबिक- पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में रेनबो नाम का एक डांस ग्रुप है. इस डांस ग्रुप के डायरेक्टर हैं अरूप डी राभा. कामरूप के रहने वाले संजय चौधरी ने रेनबो डांस ग्रुप से संपर्क किया और कहा कि उन्हें एक डांस कार्यक्रम करवाना है. अरूप डी राभा राजी हो गए. इसके बाद 7 जून, 2019 को कुडुस अली ने भी अरूप डी राभा को फोन किया और कार्यक्रम के बारे में बताया. उसी दिन 37,000 रुपये में डांस ग्रुप परफॉर्म करने के लिए तैयार हो गया. 42 लोगों के साथ रेनबो डांस ग्रुप 7 जून की रात को करीब 8 बजे कामरूप के असोलपारा में पहुंचा, जहां कार्यक्रम होना था. जब टीम वहां पहुंची तो डांस कार्यक्रम की कोई व्यवस्था नहीं थी. इसके बाद कुडुस अली उस ग्रुप को लेकर एक दूसरी जगह पर गया, जहां कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया. ग्रुप के लोगों को कहा गया कि यहीं खड़े हो जाओ और परफॉर्म करो. वहां न तो कोई स्टेज था और न ही परफॉर्म करने की व्यवस्था थी. अभी कुछ ही देर बीते थे कि अचानक से 700-800 लोगों की भीड़ ने ग्रुप को घेर लिया. भीड़ में मौजूद लोगों ने ग्रुप की फीमेल डांसर्स से छेड़छछाड़ शुरू कर दी. भीड़ डांसर्स के साथ बदतमीजी करने लगी और कहने लगी कि उन्हें बिना कपड़ों के परफॉर्म करना होगा. जब डांसर्स ने ऐसा करने से मना कर दिया, तो भीड़ डांसर्स पर हमला करने लगी. लड़कियां वहां से भागकर पार्किंग में खड़ी अपनी गाड़ी तक पहुंची तो भीड़ वहां भी पहुंच गई और उसने उनकी गाड़ी तोड़ दी. इसके बाद डांस ग्रुप में मौजूद कुछ लोगों ने अपने दोस्तों को फोन किया. उनके दोस्त एक मारुति वैन लेकर वहां पहुंचे और फिर डांसर्स का ग्रुप किसी तरह से भागकर सुबह के 3 बजे बोको पुलिस स्टेशन पहुंचा. इसके बाद 9 जून की सुबह वो लोग सोयगांव पुलिस स्टेशन पहुंचे और एफआईआर दर्ज करवा दी. 'आयोजकों ने लिए थे पैसे, कहा था बिना कपड़ों के डांस करेंगी लड़कियां' अरूप डी राभा के मुताबिक आयोजकों ने ईद के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया था. 5 जून को ईद बीतने के बाद 7 जून को इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ था. अरूप के मुताबिक आयोजकों ने लोगों से मोटा पैसा लिया था और कहा था कि डांस प्रोग्राम में लड़किया बिना कपड़ों के डांस करेंगी. जब लोगों की भीड़ डांस देखने के लिए पहुंची तो लोगों ने बिना कपड़ों का डांस देखने की जिद कर दी. ऐसा न करने पर भीड़ में मौजूद लोगों ने डांसर्स से मारपीट करने की कोशिश की और फिर भीड़ में मौजूद लोग छेड़खानी करने लगे और लड़कियों के कपड़े फाड़ने की कोशिश की. अरूप डी राभा ने बताया कि उन्हें पैसे भी नहीं दिए. इतना ही नहीं, जब भीड़ डांसर्स से छेड़छाड़ कर रही थी और उन्हें बिना कपड़ों के नाचने के लिए फोर्स कर रही थी, तब भी आयोजक भीड़ का ही साथ दे रहे थे. जब उनलोगों ने गाड़ी से भागने की कोशिश की, तो उनकी गाड़ी पर पत्थरों से हमला किया गया और उन्हें तोड़ दिया गया. पुलिस ने की गिरफ्तारी, लोगों ने किया प्रदर्शन इस मामले में सोयगांव पुलिस ने अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. सोयगांव पुलिस थाने के इंचार्ज रूपम हजारिका ने हिंदुस्तान टाइम्स अखबार के साथ बातचीत में बताया है कि आरोपियों ने माना है कि वो उस जगह पर मौजूद थे, जहां पर ये कार्यक्रम हुआ था. रूपम हजारिका के मुताबिक कार्यक्रम के सभी छह आयोजक फिलहाल फरार हैं और उन्हें पकड़ने की कोशिश हो रही है. वहीं ये मामला अब एक सांप्रदायिक रंग भी लेता जा रहा है. इसकी वजह ये है कि कार्यक्रम के आयोजक और भीड़ में मौजूद अधिकांश लोग अल्पसंख्यक समुदाय के लोग थे, जबकि डांस ग्रुप में शामिल लोग स्थानीय आदिवासी थे. 10 जून को कामरूप के बोको इलाके में करीब 1000 लोग सड़कों पर उतरे और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की. जब पुलिस ने उन्हें आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया, तो लोग अपने-अपने घर गए. लेकिन रुकिए, एक और भी थ्योरी सामने आ रही है ये पूरी बात डांस ग्रुप और पुलिस की है. आयोजक फरार हैं, तो उनसे बात नहीं हो पा रही है. लेकिन इस कार्यक्रम में मौजूद कुछ लोगों ने दी लल्लनटॉप को फोन पर बताया कि असली लड़ाई पैसे को लेकर हुई थी. डांस ग्रुप और आयोजकों में पैसे को लेकर कुछ खींचतान हो गई, जिसकी वजह से डांसरों ने परफॉर्म करने से मना कर दिया. जब डांसरों ने परफॉर्मेंस बंद कर दी, तो वहां मौजूद भीड़ हंगामा करने लगी. जब हंगामा बढ़ गया, तो आयोजकों ने डांसर्स को वापस भेज दिया. इसके बाद ही डांसर्स ने थाने में जाकर एफआईआर दर्ज करवा दी. हकीकत जो भी हो, फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.