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'...सिर्फ सत्ता की चाहत', CM अरविंद केजरीवाल को हाई कोर्ट ने बहुत बुरा सुनाया

हाई कोर्ट ने कहा कि इस्तीफा नहीं देकर केजरीवाल ने अपने व्यक्तिगत हित को राष्ट्र हित से ऊपर रखा है.

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एक महीने से न्यायिक हिरासत में हैं अरविंद केजरीवाल. (फाइल फोटो)

दिल्ली हाई कोर्ट ने जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार को खूब सुनाया है. हाई कोर्ट ने कहा कि इस्तीफा नहीं देकर अरविंद केजरीवाल ने अपने व्यक्तिगत हित को राष्ट्र हित से ऊपर रखा है. इसके अलावा दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में 2 लाख छात्रों को किताब और यूनिफॉर्म मिलने में देरी पर भी आम आदमी पार्टी और केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई गई है. हाई कोर्ट ने ये टिप्पणी एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की है.

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, 'सोशल ज्यूरिस्ट' नाम के संगठन ने जनहित याचिका दाखिल की थी. आरोप लगाया कि नगर निगम के स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों को किताबें नहीं मिली हैं. इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को सिर्फ सत्ता की चाहत है.

एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने कहा, 

"किताबों और यूनिफॉर्म को बंटवाना कोर्ट का काम नहीं है. हम ये इसलिए कर रहे हैं क्योंकि कोई अपना काम नहीं कर रहा है... आपके क्लाइंट (दिल्ली सरकार) को सिर्फ सत्ता में दिलचस्पी है. मुझे नहीं पता कि आपको और कितनी सत्ता चाहिए? दिक्कत यह है कि आप सत्ता हड़पने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए आपको सत्ता नहीं मिल रही है."

"केजरीवाल की गिरफ्तारी बहाना नहीं…"

रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार के वकील शादान फरासत ने कोर्ट को बताया कि MCD की स्टैंडिंग कमिटी की गैर-मौजूदगी में किसी अधिकारी को शक्ति देने के लिए मुख्यमंत्री की सहमति जरूरी है. मुख्यमंत्री अभी हिरासत में हैं, इसलिए देरी हो रही है.

इस पर जस्टिस मनमोहन ने कहा कि ये बहाना नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने खुद अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग वाली कई याचिकाओं को खारिज किया है. कोर्ट ने कहा, 

"ये आपका फैसला है कि मुख्यमंत्री के हिरासत में रहने के बावजूद सरकार चलेगी. आप हमें कठोर बात कहने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जो हम नहीं कहना चाहते हैं."

पिछली सुनवाई में MCD कमिश्नर ने बताया था कि नोटबुक, यूनिफॉर्म और दूसरे स्टेशनरी आइटम छात्रों को नहीं मिल पाने की बड़ी वजह ये है कि MCD के पास कोई स्टैंडिंग कमेटी नहीं है. सिर्फ स्टैंडिंग कमेटी के पास 5 करोड़ रुपये से ज्यादा का कॉन्ट्रैक्ट देने का अधिकार है.

2 दिन में कार्रवाई करने का निर्देश

इस पर कोर्ट ने कहा कि इसका मतलब ये नहीं है कि इसे ऐसे ही छोड़ दिया जाए. कोर्ट के मुताबिक, अगर स्टैंडिंग कमिटी किसी भी वजह से नहीं बन पा रही है, तो दिल्ली सरकार किसी उपयुक्त अथॉरिटी को वित्तीय अधिकार दे. बेंच ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि वो 2 दिन में जरूरी कार्रवाई करे.

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दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. तब से वे न्यायिक हिरासत में हैं और दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. फिलहाल उनकी हिरासत 7 मई तक बढ़ाई गई है. गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था.

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