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दिल्ली में विधायकों को मिलेंगे 90 हजार, त्रिपुरा में सैलरी सुनकर कहेंगे बस इतना!

विधायकों का सबसे ज्यादा वेतन भत्ता तेलंगाना में है

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अब विधायकों की सैलरी ( भत्तों को मिलाकर) 90 हजार रुपये प्रति महीने हो जाएगी | फाइल फोटो: आजतक

दिल्ली में सोमवार, 4 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो गया. पहले दिन मंत्री कैलाश गहलोत ने सदन में विधायकों और मंत्रियों के वेतन भत्ते में बढ़ोतरी का बिल पेश किया. आजतक से जुड़े पंकज जैन के मुताबिक इस नए प्रस्ताव के तहत दिल्ली के विधायकों को सैलरी के रूप में हर महीने 12 हजार की जगह 30 हजार रुपए मिलेंगे. सैलरी के अलावा अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी हो रही है. सैलरी और सभी भत्ते मिलाकर अब दिल्ली के विधायकों को हर महीने 90 हजार रुपए मिलेंगे. अब तक यह राशि 54 हजार रुपए थी.

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18 साल में 5 बार सैलरी बढ़ी

सैलरी में बढ़ोतरी से जुड़े कुल 5 बिल आज सदन में पेश किए गए. इनमें विधायकों, मंत्रियों, चीफ व्हिप, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के वेतन और भत्ते में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया. इन बिलों को लेकर दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा कि 1993 में जब दिल्ली विधानसभा का गठन हुआ था, तब से लेकर 2011 तक 18 साल में 5 बार सैलेरी बढ़ी यानी हर साढ़े तीन साल में विधायकों की सैलरी बढ़ी. उन्होंने कहा कि अब 11 साल बाद सैलरी बढ़ रही है.

दिल्ली सरकार का पहला प्रस्ताव केंद्र ने कर दिया था ख़ारिज

बीते मई महीने में केंद्र सरकार ने दिल्ली के विधायकों-मंत्रियों के वेतन में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. 2015 में ही दिल्ली सरकार ने केंद्र को वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन तब वो मंजूर नहीं हुआ. इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से मिले सुझाव पर दिल्ली विधानसभा ने दोबारा वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था, जिसे केंद्र ने मंजूर कर लिया.

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अन्य राज्यों में कितनी सैलरी

देश के सभी राज्यों में विधायकों को अलग अलग सैलरी मिलती है. इतना ही नहीं हर राज्य में अलग अलग भत्ते भी दिए जाते हैं. आजतक के पंकज जैन के मुताबिक भारत में इस समय सबसे ज्यादा सैलरी तेलंगाना में मिलती है. यहां विधायकों को भत्तों को मिलाकर हर महीने सैलरी के तौर पर कुल 2.50 लाख रुपये मिलते हैं. हालांकि, तेलंगाना में विधायकों की सैलरी बस 20 हजार है, लेकिन भत्तों के तौर पर हर महीने 2,30,000 रुपये मिलते हैं. वहीं, सबसे कम सैलरी त्रिपुरा में विधायकों को मिलती है. यहां हर महीने कुल 48 हजार रुपये सैलरी मिलती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के अलग-अलग राज्यों में विधायकों को मिलने वाली कुल सैलरी :

आंध्र प्रदेश - 1,25,000
अरुणाचल प्रदेश - 1,20,000
असम - 60,000
बिहार - 1,65,000
छत्तीसगढ़ - 1,35,000
दिल्ली - 90,000 रुपये (वृद्धि के बाद)
गोवा - 1,00,000
गुजरात - 1,27,000
हरियाणा - 1,15,000
हिमाचल प्रदेश - 1,25,000
जम्मू और कश्मीर - 1,60,000
झारखंड - 1,51,000
कर्नाटक - 2,05,000
मध्य प्रदेश - 2,10,000
महाराष्ट्र - 1,60,000
मणिपुर - 1,12,500
मेघालय - 60,000
मिजोरम - 65,000
नागालैंड - 1,00,000
उड़ीसा - 1,00,000
पंजाब - 1,10,000
राजस्थान - 1,25,000
सिक्किम - 86,500
तमिलनाडु - 1,13,000
उत्तर प्रदेश - 1,87,000
उत्तराखंड - 1,60,000
पश्चिम बंगाल - 81,870
पुडुचेरी - 1,05,000

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